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13 दिन के लॉकडाउन के बाद भी संक्रमण नहीं रूका

  •  रोजाना 500 से अधिक मरीज अब भी मिल रहे

  •  आये दिन हो रही कोविड संक्रमितों की मौतें

  •  लॉकडाउन के बावजूद शहर की सडकों पर भीडभाड का नजारा

  •  घर-घर स्वास्थ्य जांच का कोई अता-पता नहीं

  •  कोविड टेस्टिंग का प्रमाण भी नहीं बढा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.3 – इस समय अमरावती में लॉकडाउन को लागू किये हुए 13 दिनों की समयावधी बीत चुकी है. हालांकि इसके बावजूद कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कोई विशेष कमी नहीं देखी गयी. लॉकडाउन लागू करने से पहले रोजाना 700 से 900 मरीज पाये जा रहे थे. वहीं इस समय रोजाना औसतन 600 के आसपास संक्रमित मरीज पाये जा रहे है. ऐसे में इसे लॉकडाउन की कोई खास उपलब्धि नहीं कहा जा सकता.
वहीं दूसरी ओर सरकार एवं प्रशासन द्वारा शहर सहित जिले में कोविड टेस्टिंग की संख्या बढाने और कंटेनमेंट झोनवाले इलाकों में घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच करने की बात कही गयी थी. किंतु इन दिनों रोजाना पहले की तरह दो से सवा दो हजार लोगों की कोविड टेस्ट की जा रही है. वहीं घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच करने के अभियान का कहीं कोई अता-पता नहीं है. जबकि शहर के विभिन्न रिहायशी इलाकों में परिवार के परिवार कोरोना संक्रमित पाये जा रहे है. ऐसे में आश्चर्य इस बात को लेकर है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर ध्यान देने के साथ-साथ घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच अभियान शुरू करने का काम क्यों नहीं किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक इस समय अमरावती में रोजाना करीब दो- सवा दो हजार मरीजोें की कोविड टेस्ट की जा रही है, जिसमें से सवा छह सौ से साढे छह सौ लोगों की रिपोर्ट पॉजीटीव आ रही है. यह कुल टेस्टिंग की तुलना में 30 प्रतिशत से अधिक है. इसी आधार पर अमरावती जिले के अमरावती व अचलपुर तहसील क्षेत्रोें में लॉकडाउन लगाया गया है. साथ ही अन्य क्षेत्रोें के लिए कडे प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, यदि अगले चार-पांच दिन तक यहीं स्थिति बरकरार रहती है, तो 8 मार्च को लॉकडाउन खत्म होगा अथवा नहीं. ज्ञात रहें कि, इस समय समाज के सभी वर्गों द्वारा लॉकडाउन का कडा विरोध किया जा रहा है. ऐसे में प्रशासन को भी लॉकडाउन की अवधि आगे बढाने से पहले काफी सोच-विचार करना होगा.

 

  • एकदम से नहीं टूटेगी संक्रमण की चेन

इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सूत्रों ने बताया कि, कोविड संक्रमित मरीज में कोविड संक्रमण के लक्षण तुरंत ही दिखाई नहीं देते. बल्कि संक्रमण की चपेट में आने के करीब सात या आठ दिन बाद इन लक्षणों का पता चलता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, इस समय जिन लोगोें की रिपोर्ट पॉजीटीव आ रही है, वे सात-आठ दिन पहले ही संक्रमण की चपेट में आ चुके थे और उन्होंने लक्षण दिखाई देने के बाद अब अपनी कोविड टेस्ट करवाई. इस दौरान उनके संपर्क में आनेवाले अन्य कई लोग भी संक्रमण की चपेट में निश्चित तौर पर आ चुके है और आपसी संपर्क से संक्रमण फैलने का सिलसिला कई कदम आगे बढ चुका है. ऐसे में सख्त लॉकडाउन लगाये जाने के बावजूद अब तक संक्रमण की चपेट में आ चुके संक्रमित मरीज सामने आ रहे है. लेकिन राहतवाली बात यह है कि, अब संक्रमण की रफ्तार और संक्रमितों की संख्या में कमी आनी शुरू हो गयी है. यदि सभी लोग लॉकडाउन के नियमों का पूरी कडाई के साथ पालन करते है, तो निश्चित तौर पर आगामी कुछ दिनोें के भीतर कोविड संक्रमण की रफ्तार को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकेगा. अन्यथा लॉकडाउन को आगे बढाना पड सकता है.

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