-
दीपावली निकाल रही दिवाला
अमरावती/दि.30 – दीपावली पर्व पर फराल के रूप में सभी घर-परिवारों में विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते है. साथ ही बदलते दौर में जिन लोगों के घरों में फराल बनाना संभव नहीं होता, वे बाजार से बना-बनाया यानी रेडिमेड फराल खरीदकर लाते है. किंतु इस वर्ष किराणा माल के दामों में काफी हद तक तेजी रहने के चलते दीपावली का फराल भी महंगा हो चला है और लगातार बढती महंगाई के चलते कहा जा रहा है कि, इस बार दीवाली वाकई दीवाला निकालनेवाली है.
बता दें कि, रोशनी व आनंद का त्यौहार रहनेवाले दीपावली का प्रमुख आकर्षण फराल भी होता है और घरों में सभी छोटे-बडे सदस्यों द्वारा दीपावली का फराल मिलने की प्रतीक्षा की जाती है. क्योंकि फराल में कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों का समावेश होता है. पहले दीपावली से आठ दिन पूर्व फराल की तैयारियां शुरू हो जाया करती थी, लेकिन वक्त के साथ उसमें बदलाव आना शुरू हुआ. वहीं अब संयुक्त परिवारों की जगह छोटे व एकल परिवार दिखाई देने लगे है और घर में पति-पत्नी दोनों ही कामकाजी रहने की वजह से फराल तैयार करने के लिए समय ही नहीं होता. ऐसी स्थिति में महिला बचत गुटों व सामाजिक संस्थाओं सहित मिष्ठान्न भंडारों द्वारा तैयार किया गया रेडिमेड फराल बाजार में बिक्री हेतु उपलब्ध होता है. साथ ही विगत कुछ वर्षों के दौरान रेडिमेड फराल की खरीदी का चलन काफी बढ गया है. इस बार बाजार में बिक्री हेतु उपलब्ध फराल के दर गत वर्ष की तुलना में दस फिसद अधिक है. खाद्य तेल, शक्कर, मैदा व बेसन जैसे किराणा वस्तुओं की दरें बढने का परिणाम फराल की कीमतों पर देखा जा रहा है. वहीं पेट्रोलियम पदार्थों में हो रही दरवृध्दि की वजह से किराणा माल के दामों में काफी हद तक तेजी है. हालांकि इसके बावजूद बाजार में रेडिमेड फराल हेतु आवश्यक रहनेवाली वस्तुओं की मांग अच्छी-खासी है. साथ ही लोगबाग एक-दूसरे को उपहार देने हेतु फराल की गिफ्ट पैकिंग भी खरीद रहे है.
रेडिमेड फराल की दरें
चिवडा – 250 रूपये
चकली – 250 रूपये
शंकरपाले – 200 से 250 रूपये
मसाला सेव – 230 रूपये
बालुशाही – 200 रूपये
अनारसे – 350 से 400 रूपये
बुंदी लड्डू – 250 रूपये
बेसन लड्डू – 150 रूपये
सेव – 200 रूपये