ग्राम कृषि विकास समितियां तत्काल ग्रामीण इलाकों में स्थापित करें
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पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर के निर्देश
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महाबीज बीजों का ज्यादा से ज्यादा करें आपूर्ति
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उडनदस्ते मजबूती से करें काम
अमरावती/दि.१३ – ग्रामविकास, कृषि व राजस्व विभाग के समन्वय से कृषि क्षेत्र का विकास करने के उद्देश्य से ग्रामपंचायत स्तर पर ग्राम कृषि विकास समिति गठित करने का निर्णय सरकार ने लिया है.
इन तीनों यंत्रणाओं के क्षेत्रीय कर्मचारियों ने एकजूट होकर काम करना चाहिए. इसके लिए ग्राम कृषि विकास समितियां तत्काल ग्रामीण इलाकों में स्थापित करने के निर्देश राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिले की पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने दिए.
खरीफ नियोजन व समीक्षा को लेकर ऑनलाईन बैठक पालकमंत्री की मौजूदगी में ली गयी. इस बैठक में सांसद नवनीत राणा, पूर्व राज्यमंत्री तथा विधायक प्रवीण पोटे पाटील, विधायक बलवंत वानखडे, विधायक प्रताप अडसड, विधायक एड. किरण सरनाईक, जिला परिषद अध्यक्ष बबलू देशमुख, उपाध्यक्ष विठ्ठलराव चव्हाण, जिलाधिकारी शैलेश नवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविश्यांत पंडा, कृषि सहसंचालक तोटावार, जिला कृषि अधीक्षक अधिकारी विजय चवालेे आदि मौजूद थे.
खरीफ नियोजन को लेकर परिपूर्ण ब्यौरा पालकमंत्री ठाकुर ने लिया. पालकमंत्री ने कहा कि जिले में खरीफ के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना आवश्यक है. इस बार महाबीज के माध्यम से अधिकाधिक आपूर्ति की जाए और प्रमाणित बीजों की बुआई करने वाले किसानों को कृषि विभाग के क्षेत्रीय टीम ने प्रशिक्षित करना चाहिए ताकि सर्वत्र बीज उपलब्ध कराए जा सके. सोयाबीन बीज की डिमांड, किसानों के पास उपलब्धता, सोयाबीन का बाजारभाव व बीजों की कीमतों का विचार कर किसानों को सोयाबीन के समान बीज संग्रहित रखना आवश्यक है.
बीज, खाद, कीटनाशक का स्टॉक, आपूर्ति पर निगरानी रखी जाए ताकि गडबडी ना हो व किसानों की धोखाधडी को टाला जा सके. इसके लिए उडनदस्तों की टीम ने सजग रहकर काम करना चाहिए. अन्यथा शिकायतें मिलने पर तैनात किए गए उडनदस्तों पर कार्रवाई करने के स्पष्ट संकेत भी पालकमंत्री ने दिए. फसल कर्ज वितरण को लेकर सहकारी बैंक के अधिकारी व राष्ट्रीयकृत बैंक के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ऑनलाईन लेने के निर्देश भी दिए.
फसल कटाई प्रयोग के समय जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाए. इसके अलावा सभी जनप्रतिनिधियों का सहभाग रहनेवाला वॉटसएप गु्रप तैयार किया जाए. ताकि बार-बार चर्चा के माध्यम से किसानों की दिक्कतों को दूर करना आसान होगा. प्रत्येक तहसीलस्तर पर विधायक की अध्यक्षता में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सभापति व सदस्य की खरीफ नियोजन के अलावा विस्तार कार्यक्रम को लेकर अष्टसूत्री, उत्पादकता वृद्धि व उत्पादन खर्च कम करना आदि को लेकर ऑनलाईन सभा लेने के निर्देश दिए.