दोहरे हत्याकांड की जांच हुई खत्म, 10 किलो सोने की चर्चा
रिकॉर्ड पर दिखाया गया नकली सोना जब्त
* पुलिस पर जल्दबाजी में जांच लपेटने का संदेह
यवतमाल/दि.11– समिपस्थ तलेगांव के पास स्थित सज्जनगढ परिसर में आश्रम बनाकर रहने वाले 90 वर्षीय लक्ष्मण चंपतराव शेंडे नामक बाबाजी और उनकी 76 वर्षीय सेवादार पुष्पा बापूरावजी होले की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई थी. क्षेत्र में चल रही चर्चा के मुताबिक 10 किलो सोने के लिए इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. परंतु पुलिस को जांच के दौरान आरोपियों के पास से नकली सोना बरामद हुआ. ऐसे में अब इस बात को लेकर संदेह जताया जा रहा है कि, कहीं पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच को हडबडी ओर जल्दबाजी में तो नहीं निपटा दिया.
बता दें कि, विगत कई वर्षों से तलेगांव भारी खेत परिसर की टेकडी पर झोपडी बनाकर रहने वाले लक्ष्मण शेंडे क्षेत्रवासियों को आयुर्वेदिक औषधी देकर उनका इलाज किया करते थे. साथ ही इस टेकडी पर कई तरह के धार्मिक उपक्रमों का भी आयोजन हुआ करता था. जिसके चलते देखते ही देखते इस परिसर में लक्ष्मण शेंडे को बाबाजी के नाम से ख्याती मिल गई और इस टेकडी को सज्जनगड कहा जाने लगा. परिसरवासियों का मानना था कि, लक्ष्मण शेंडे बाबा के पास काफी बडी रकम और भरपूर सोना है. साथ ही पूरे परिसर में बाबा द्बारा कहे गए शब्दों को पत्थर की लकीर माना जाता था. ऐसे में 29 अगस्त की सुबह लक्ष्मण शेंडे व उनकी महिला सेवादार की हत्या होने की खबर मिलते ही पूरे परिसर में अच्छा खासा हडकंप मच गया था. जिसके बाद स्थानीय अपराध शाखा के पथक ने आशीष ज्ञानेश्वर लिल्लारे (22, खानगांव) को अपने हिरासत में लेकर पूछताछ करनी शुरु की. जिसने दोहरे हत्याकांड के वारदात की कबूली देते हुए शुभम सुभाष बैठवार, सूरज सुभाष बैठवार व अशोक पांडुरंग भगत के साथ मिलकर लक्ष्मण शेंडे के पास रहने वाली बडी रकम और भरपूर सोने को लूटने हेतु यह अपराध करने की कबूली दी. लेकिन पुलिस रिकॉॅर्ड के मुताबिक आरोपियों को लक्ष्मण शेंडे की झोपडी से कुछ नकली सोना और 26 हजार रुपए नगद भी मिले, ऐसा पता चला. सभी आरोपियों की पुलिस कस्टडी लेने के बावजूद पुलिस के हाथ इसके अलावा अन्य कोई जानकारी नहीं लगी. जिसके चलते पुलिस ने अब अपनी जांच को बंद कर दिया है. जबकि दूसरी ओर लक्ष्मण शेंडे के रिश्तेदारों व परिसर के ग्रामीणों में चर्चा चल रही है कि, लक्ष्मण शेंडे की झोपडी से काफी बडी रकम और सोना चुराया गया. परंतु लक्ष्मण शेंडे के पास कितने रुपए नगद और कितना सोना था. इसकी निश्चित जानकारी देने वाला कोई भी व्यक्ति अब तक सामने नहीं आया है. जिसके चलते यवतमाल पुलिस ने आरोपियों द्बारा दिए गए कबूली जवाब को ही फिलहाल ग्राह्य माना है.