दीपार्चन व तखतमल ट्रस्ट में चल रही अनियमितताओं की जांच हो
धीरज श्रीवास ने निगमायुक्त प्रशांत रोडे से की मांग

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शहर में अनधिकृत संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई का मसला उठाया
अमरावती प्रतिनिधि/दि.३ – अमरावती शहर के बीचोंबीच राजापेठ स्थित दीपार्चन हॉल एवं जयस्तंभ चौक परिसर स्थित तखतमल ईस्टेट की संपत्तियोें का अनधिकृत तौर पर व्यवसायिक रूप से प्रयोग किया जा रहा है. साथ ही यहां पर गैरकानूनी तरीके से कई अनधिकृत निर्माण भी किये गये है. इसके साथ ही श्री तखतमल श्री वल्लभ चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा वालकट कंपाउंड परिसर में शिक्षा विभाग व मनपा के नियमोें का उल्लंघन करते हुए दीपा एज्युकेशन स्कुल चलायी जा रही है. यह भी पूरी तरह से गैरकानूनी है. ऐसे में मनपा प्रशासन द्वारा इन तीनों स्थानों पर चल रही अनियमितता की सघन जांच करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए. इस आशय की मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमरावती विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष धीरज श्रीवास द्वारा निगमायुक्त प्रशांत रोडे को सौंपे गये ज्ञापन में की गई है.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, राजापेठ परिसर स्थित दीपार्चन हॉल की संपत्ति श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत है. यह ट्रस्ट अपनी नियमावली व धर्मदाय आयुक्त के आदेश के तहत काम नहीं करता है. इस ट्रस्ट द्वारा आज तक चेंज रिपोर्ट व ऑडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है. इसके साथ ही किसी भी तरह की कानूनी मान्यता नहीं रहने के बावजूद दीपार्चन हॉल को शादी-ब्याह समारोह के लिए किराये पर दिया जाता है. साथ ही यहां पर बिना किसी अनुमति के मोहिनी मंगल नामक सभागार भी बनाया गया है. इसी तरह दीपार्चन परिसर में दो किरायेदार रहते है. जिनसे प्रतिमाह किराया वसूला जाता है. साथ ही साथ दीपार्चन ट्रस्ट की जगह पर ही ‘एच एन्ड एफ’ नामक व्यवसायिक प्रतिष्ठान शुरू किया गया है. किंतु इस प्रतिष्ठान के लिए भी मनपा से अनुमति व दुकान के नक्शे की मंजूरी नहीं ली गयी. इसके साथ ही इस दूकान के सामने पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है और ट्रस्ट की इमारत के उपर ही अनधिकृत तौर पर इस शोरूम का होर्डिंग लगा हुआ है. ठीक इसी तरह जयस्तंभ चौक पर तखतमल ईस्टेट नामक जगह एक ट्रस्ट की संपत्ति है. जिसमें अनेेक दूकाने किराये से दी गई है और कई दुकाने परस्पर बेच दी गई है. जबकि तखतमल ईस्टेट को भी व्यवसायिक संकुल के तौर पर मनपा की अनुमति नहीं है. यहां पर फायर ऑडिट नहीं हुआ है और पार्किंग की भी कोई सुविधा नहीं है. लेकिन इसके बावजूद विगत 25 वर्षों से यहां पर व्यापाारिक गतिविधियां चल रही है और सरकार का राजस्व डूबाया जा रहा है. इसी ट्रस्ट की वालकट कंपाउंड से लगकर दीपा एज्युकेशन स्कुल है, जो शिक्षा विभाग के नियमानुसार नहीं है. ऐसे में इस स्कुल में पढनेवाले बच्चों का शैक्षणिक भविष्य खतरे में कहा जा सकता है.
उपरोक्त जानकारियों के साथ ही इस ज्ञापन में मांग की गई कि, दीपार्चन एवं तखतमल ईस्टेट में अवैध तरीके से किये गये निर्माण एवं बदलाव की आवश्यक जांच करते हुए संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाये, तथा दीपा एज्युकेशन स्कुल को तुरंत बंद कराया जाये. अन्यथा राष्ट्रवादी कांग्रेस ेपार्टी द्वारा इसके खिलाफ तीव्र जनांदोलन शुरू किया जायेगा. ज्ञापन सौंपते समय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमरावती विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष धीरज श्रीवास, शहर कार्याध्यक्ष प्रशांत धर्माले, प्रदेश महासचिव गजानन रेवाले, राकांपा अल्पसंख्यक सेल शहराध्यक्ष वहीद खान, राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस शहराध्यक्ष निलेश शर्मा व राकांपा ओबीसी सेल के शहराध्यक्ष श्रीधर देशमुख सहित शरद वानखडे, गुड्डु माहुलकर, लक्ष्मण आमटे, उमेश सुलताने, निलेश इंगोले, पप्पु साहु, प्रकाश किल्लेकर, भैय्या ठाकुर, अंकुश राजपुत, यश गुप्ता, जय शर्मा, सुरज यादव, दीपक यादव, अंकुश खंडारे, करण यादव, प्रितेश दायमा, अबिजर होलावाला, पिंटू वालके, चंद्रमणी भालेराव, भारत गवई, अजय तेलमोरे, मिलींद तायडे, संजय साहु, जावेद खान आदि उपस्थित थे.
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कुछ भी नियमबाह्य व गैरकानूनी नहीं
वहीं इस संदर्भ में प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर तखतमल श्रीवल्लभ चैरिटेबल ट्रस्ट व श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के संचालक रंगनाथ चांडक ने कहा कि, तखतमल श्रीवल्लभ चैरिटेबल ट्रस्ट विगत लंबे समय से सामाजिक व धार्मिक कार्य करता आ रहा है. जिसके लिए ट्रस्ट अपनी संपत्तियोें से होनेवाली आय को खर्च करता है. ट्रस्ट द्वारा अपने सभी कार्य पूरी तरह से नियमों व कानूनों के दायरे में रहकर किये जाते है और कहीं पर भी किसी भी तरह की कोई अनियमितता नहीं की गई है. तखतमल ईस्टेट में किसी भी संपत्ति की खरीदी-बिक्री का व्यवहार नहीं हुआ है और सभी लोग विगत अनेक वर्षों से किरायेदार ही है. इसी तरह राजापेठ परिसर स्थित दीपार्चन परिसर में भी मोहिनी मंगल सभागृह व एच एन्ड एफ मॉल को भी नियमानुसार ही चलाया जा रहा है और इन दोनोें से होनेवाली आय को श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के तहत धार्मिक कामों में खर्च किया जाता है. इसी तरह दीपा एज्युकेशन सोसायटी द्वारा चलायी जानेवाली स्कुल भी पूरी तरह से शिक्षा विभाग के नियमानुसार ही चलायी जाती है और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की ओर पूरा ध्यान रखा जाता है.