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दुष्कर्म मामले की जांच दो महिने में पूरी की जाए

भाजपा महिला प्रदेश उपाध्यक्ष प्रा. शिल्पा चौधरी की मांग

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१५– संपूर्ण राज्य मेें महिला अत्याचार की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. जिससे निश्चित तौर पर चिंताए बढऩे लगी है. शिवराय की जन्मभूमि में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. राज्य में महिला अत्याचार की ४ हजार मामले प्रलंबित है. अन्यायग्रस्त महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सरकार की ओर से ठोस कदम उठाए जाना चाहिए. इस पर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. दुष्कर्म मामलों की जांच दो माह में पूरी करना चाहिए. इस आशय की मांग भाजपा महिला प्रदेश उपाध्यक्ष प्रा. शिल्पा चौधरी (Shilpa Chaudhary) ने की है.
इस संबंध में प्रा. शिल्पा चौधरी ने एक पत्र विज्ञप्ति के जरिए बताया कि, महाराष्ट्र यह छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्मभूमि है. लेकिन आज राज्य की महिलाए यहां पर सुरक्षित नहीं है. राज्य के महिला आयोग में अध्यक्ष पद भी खाली पड़ा हुआ है. बाल कल्याण कमीशन भी अध्यक्ष नहीं रहने से राम भरोसे चल रहा है. महिला अत्याचार की चार हजार शिकायतें प्रलंबित पड़ी हुई है. लेकिन राज्य सरकार की ओर से इन मामलों का निपटारा करने की बजाय केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम किया जा रहा है. महिलाओं से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय पर सरकार ने राजनीतिक बनने की बजाय इसकी दखल लेनी चाहिए. केन्द्र सरकार की ओर से महिलाओं की हर शिकायतों की दखल ली जा रही है.इसके लिए नई नियमावली भी बनाई गई है. जिसका सभी महिलाओं द्वारा स्वागत भी किया जारहा है. महिला अत्याचार के संदर्भ में एफआयआर दाखिल करने में टालमटोल करनेवाले पुलिस अधिकारियों पर धारा १६६ (ए) अंतर्गत कार्रवाई की जायेगी. दुष्कर्म मामले में महत्वपूर्ण साबित होनेवाले फारेंसिक सबूतों को संकलित कर उनका जतन करने की गाइड लाईन भी लागू की गई है. इसलिए दुष्कर्म के मामलों की जांच दो महिनों में पूरी करना अनिवार्य है. राज्य सरकार से उन्होंने विशेष विनती की है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिशा अधिनियम लागू किया जाए. जिससे महिला अत्याचार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है.

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