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किसी की बपौती है क्या अमरावती विद्यापीठ?

कुलसचिव तुषार देशमुख पर भडके सांसद अनिल बोंडे

* सिनेट सभागृह के नामकरण समारोह में अनदेखी से हुए संतप्त
अमरावती /दि.24- स्थानीय संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के सिनेट सभागृह का आज समारोहपूर्वक डॉ. पंजाबराव देशमुख सभागृह नामकरण किया गया. श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री व जिला पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल के हाथो नामकरण शिलालेख का अनावरण किया गया. इस कार्यक्रम में कुलगुरु व प्र-कुलगुरु की गैरहाजिरी तथा सांसदों व विधायकों सहित व्यवस्थापन परिषद व कार्यकारी परिषद के सदस्यों की अनदेखी को लेकर राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे काफी हद तक संतप्त हो गए और उन्होेंने इस संदर्भ में विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख को जमकर आडे हाथ लेते हुए खडे बोल सुनाए.
नामकरण समारोह को लेकर कोई निमंत्रण पत्र प्रकाशित नहीं किए जाने तथा इस आयोजन में किसी भी तरह के सरकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए सांसद अनिल बोंडे ने कहा कि, मूलत: शिवाजी शिक्षा संस्था से वास्ता रखने वाले विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख ने अपनी पुरानी रिश्तेदारी निभाने के लिए केवल अपनी संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख को ही इस कार्यक्रम में अध्यक्ष के तौर पर आमंत्रित किया है और शिक्षा महर्षि भाउसाहब देशमुख को एक वर्ग विशेष तक समिति करने का प्रयास किया है. इसे संकुचित सोच बताते हुए सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने यह आरोप भी लगाया कि, कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख शायद विद्यापीठ को अपनी बपौती समझने लगे है और वे शायद यह भुल गए है कि, शिक्षा महर्षि भाउसाहब देशमुख ने सभी के लिए शिक्षा के द्वार खोल दिए थे. इसके साथ ही सांसद अनिल बोंडे ने यह भी कहा कि, शिक्षा का मंदिर रहने वाले विद्यापीठ में किसी भी तरह की कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और विद्यापीठ प्रशासन ने सभी को समसमान दृष्टि से देखना चाहिए. ऐसा अपेक्षित रहता है. परंतु कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख ने अपनी संकुचित सोच को उजागर करते हुए विद्यापीठ की गरिमा को कलंकित करने का प्रयास किया है.

* अन्यथा फलक पर पोतेंगे कालिख
इसके साथ ही भाजयुमो के जिलाध्यक्ष अजिंक्य वानखडे ने आरोप लगाया है कि, सिनेट सभागार के नामकरण समारोह की आड लेते हुए राकांपा के शरद पवार गुट ने एक तरह से श्रेय लूटने का प्रयास किया है. जिसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही यदि विद्यापीठ द्वारा जल्द ही इस नामकरण समारोह के फलक को बदला नहीं गया, तो भाजयुमो पदाधिकारियों द्वारा इस फलक पर कालिख पोत दी जाएगी. इसके साथ ही भाजयुमो पदाधिकारियों ने विद्यापीठ प्रशासन से कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख को तुरंत ही से निलंबित किए जाने की मांग भी की है.

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