गनीमत है कोई दगाबाजी नहीं हुई, वर्ना हम शहीद हो जाते
बगावत को लेकर सीएम एकनाथ शिंदे का बडा बयान
सातारा/दि.12- जिस समय हमने बगावत करने का फैसला लिया, तब हमें यह पता था कि, यह लडाई छोटी-मोटी नहीं, बल्कि बहुत बडी और बेहद कठीन है. एक ओर सरकार के साथ पूरी मशिनरी थी. जिसके द्वारा हम कहां जा रहे है और किससे मिल रहे है, इस पर पूरी नजर रखी जा रही थी. वहीं दूसरी ओर हम जैसे सर्वसामान्य कार्यकर्ता भी हमें अंदाजा था कि, हमारे साथ कहीं न कहीं दगाबाजी होने का खतरा था और यदि उस समय थोडा भी इधर-उधर होकर कोई दगाबाजी हुई होती, तो निश्चित रूप से हम सभी शहीद हो गये होते. यहीं वजह है कि, हमारे द्वारा बगावत करने के बाद हर किसी की नजर अब आगे क्या होगा, इस ओर लगी हुई थी और निगाहें हम पर टिकी हुई थी. परंतू अंत में हम इस कठीन लडाई में सफल रहे, इस आशय का प्रतिपादन राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा किया गया.
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एकनाथ शिंदे पहली बार सातारा स्थित अपने पैतृक गांव दरे में आये थे. जहां पर गांववासियों ने उनका प्रचंड जल्लोश के साथ स्वागत किया. इस समय सीएम शिंदे ने अपनी कुलदैवत का दर्शन करने के उपरांत तापोला के पद्मावती मंदिर में आयोजीत सभा को संबोधित किया. जहां पर उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही सीएम शिंदे ने कहा कि, भलेही बगावत करने के बाद कहीं से दगाबाजी होने और खुद के शहीद होने का खतरा था, लेकिन कुलदेवी तथा अपने शुभचिंतकों का आशिर्वाद रहने के चलते सबकुछ बडे ही सहज व सरल ढंग से पार हो गया. इस समय उन्होंने यह भी कहा कि, अपने गृह जिले सातारा का सर्वांगीण विकास करने हेतु वे हर संभव प्रयास करेंगे और सातारा को एक टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर विकसित किया जायेगा. साथ ही सीएम शिंदे ने अपने नेतृत्ववाली राज्य सरकार को बेहद मजबूत स्थिति में बताते हुए कहा कि, यह सरकार अपना निर्धारित कार्यकाल अवश्य पूर्ण करेगी और सरकार के भविष्य को लेकर किसी भी तरह की चिंता नहीं की जानी चाहिए.