अमरावतीमुख्य समाचार

घर की रजिस्ट्री व वाहन लाईसेंस एजेंट के बिना मिलना मुश्किल

दुय्यम निबंधक व आरटीओ कार्यालय में चल रहा दलाल राज

* अतिरिक्त पैसे गिने बिना नहीं होता कोई भी काम
अमरावती/दि.16 – यदि किसी व्यक्ति ने कोई संपत्ति खरीदी है और उसे उस संपत्ति की रजिस्ट्री करवानी है, या किसी व्यक्ति को वाहन चलाने का लाईसेंस निकालना है, तो खुद अपने स्तर पर तमाम दस्तावेजों की पूर्तता करने के बाद भी काम होने की गारंटी नहीं है. वहीं यदि इन्हीं कामों को एजेंटों के मार्फत करवाया जाए, तो काम फटाफट हो जाते है. हालांकि इसके लिए कुछ अतिरिक्त रकम अदा करनी पडती है. यह अनुभव आरटीओ व दुय्यम निबंधक कार्यालय में गारंटी के साथ दिखाई देता है. जहां पर पैसों की खनक के आगे फाइलें और दस्तावेज हिरण की रफ्तार से दौडना शुरु कर देते है. यद्यपि संबंधित कार्यालयों के प्रमुख अधिकारियों द्बारा हमेशा ही अपने-अपने महकमों को दलाल मुक्त करने के दावे किए जाते है. लेकिन ऐसा करने में अब तक सफलता नहीं मिली है.

* रजिस्ट्री ऑफिस
– प्रत्येक खरीदी के पीछे ‘टक्केवारी’
दुय्यम निबंधक कार्यालय में प्रत्येक खरीदी खत पंजीयन के लिए आवश्यक मुद्रांक शुल्क तो अदा करना ही पडता है. वहीं संपत्ति खरीदी के पीछे अधिकारी, लिपिक व एजेंट की टक्केवारी भी पहले से तय रहती है और पैसों के लेन-देन के लिए कोडवर्ड का प्रयोग होता है.

– पंजीयन से पहले एजेंटों की दौडभाग
संपत्ति की खरीदी या विक्री रहने पर संपत्ति का सौदा कराने वाले एजेंट सुबह से ही दौडभाग में लग जाते है और रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचकर अपने ग्राहक का नंबर लगवाते है. जिसके चलते रजिस्ट्री कार्यालय में हमेशा ही एजेंटों यानि दलालों की भागमभाग दिखाई देती है.

– संपत्ति खरीदी-विक्री पंजीयन के लिए कतार
जिलाधीश कार्यालय के पास ही स्थित दुय्यम निबंधक कार्यालय में रोजाना लगभग 30 से 40 संपत्तियों की खरीदी विक्री का पंजीयन करने हेतु नंबर लगता है.

रजिस्ट्री ऑफिस में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है. संपत्ति के खरीददार व विक्रेता के व्यवहार में पारदर्शकता लाने हेतु ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था भी है. ऐसे में पैसों के लेन-देन और रिश्वत का तो कोई सवाल ही नहीं उठता.
– बेबी मेश्राम,
दुय्यम निबंधक

* आरटीओ
– ऑनलाइन के बावजूद एजेंटों की भीड
स्थानीय प्रादेशिक परिवहन अधिकारी कार्यालय का पूरा कामकाज ऑनलाइन है. लेकिन इसके बावजूद एजेंटों के बिना आरटीओ में कोई काम नहीं होता. यह वाहन चालकों का अनुभव है.

– ऑनलाइन आवेदन भरने पर भी एजेंट जरुरी
लाईसेंस या इससे संबंधित कोई भी काम एजेंटों के बीना संभव नहीं है. आरटीओ में कौन सा काम कौन सी खिडकी पर होता है, इसकी जानकारी एजेंट के ही पास रहती है और नया व्यक्ति तो एक खिडकी से दूसरी खिडकी तक चक्कर ही काटता रह जाता है.

– एजेंट के जरिए घंटों का काम मिनटों में
आरटीओ कार्यालय में एजेंटों के बिना भी काम होते है. लेकिन उसके लिए अच्छा खासा वक्त लगता है और कई चक्कर भी काटने पडते है. वहीं एजेंटों के मार्फत जाने पर घंटों का काम मिनटों में हो जाता है.

– सरकार ने प्रत्येक काम को ऑनलाइन कर दिया है. कौन सी खिडकी पर कौन सा काम होगा और किस काम के लिए कौनसे दस्तावेज जरुरी है. जिसकी जानकारी आरटीओ के दर्शनी भाग में लगाई गई है. हमारे पास सभी दस्तावेज के साथ आवेदन लेकर आने वाले व्यक्ति के छायाचित्र व दस्तावेज को जांच कर हम काम करते है.
– सिद्धार्थ ठोके,
सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी.

Related Articles

Back to top button