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प्रत्याशी पर अपराध दर्ज रहने पर तीन बार जानकारी प्रकाशित करना अनिवार्य

सर्वपक्षीय बैठक में निर्वाचन निर्णय अधिकारी पीयूष सिंह ने दिया निर्देश

अमरावती/प्रतिनिधि दि.19 –  विधान परिषद सीट हेतु शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में होने जा रहे चुनाव में यदि किसी प्रत्याशी द्वारा अपने शपथपत्र में अपने खिलाफ अपराधिक स्वरूप की कार्रवाई होने की जानकारी दी गई है, तो उम्मीदवारी तय होने के दिन से मतदान के दिन तक प्रत्याशी सहित उन्हें प्राधिकृत करनेवाले राजनीतिक दल द्वारा इन अपराधिक मामलों की जानकारी को तीन बार सार्वजनिक तौर पर प्रकाशित करना आवश्यक रहने की बात निर्वाचन निर्णय अधिकारी तथा विभागीय आयुक्त पीयूष सिंह द्वारा स्पष्ट की गई.
इस चुनाव की दृष्टि से बुधवार को संभागीय राजस्व आयुक्त कार्यालय में यह चुनाव लड रहे सभी प्रत्याशियों की बैठक बुलायी गयी थी. जिसमें निर्वाचन संबंधी दिशानिर्देशों को लेकर निर्वाचन निर्णय अधिकारी व संभागीय राजस्व आयुक्त पीयूष सिंह ने सभी उम्मीदवारों का मार्गदर्शन किया. जिसमें बताया गया कि, जिलांतर्गत प्रचार वाहनों की अनुमति संबंधित जिलाधीश कार्यालय से तथा पूरे निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार हेतु वाहनों की अनुमति संभागीय आयुक्त व निर्वाचन निर्णय अधिकारी कार्यालय से प्राप्त करना अनिवार्य है. प्रचार साहित्य पर मुद्रक व प्रकाशक के नाम व पते सहित छापी गई प्रतिलिपियों की संख्या दर्शाना भी आवश्यक है. छपाई से पहले मुद्रक द्वारा प्रकाशक एवं प्रत्याशी के दो अनुमोदकों से दो प्रति में घोषणा पत्र लेना आवश्यक है. साथ ही छपाई के बाद मुद्रक को दस दिन के भीतर प्रकाशित साहित्य की चार प्रतिलिपी प्रकाशक के घोषणापत्र सहित जिला दंडाधिकारी के पास भेजनी होगी. इस नियम का उल्लंघन करने पर छह माह के कारावास व 200 रूपये के दंड की सजा का प्रावधान है. ऐसा भी निर्वाचन निर्णय अधिकारी पीयूष सिंह द्वारा बताया गया.

 पांच-पांच वाहनों के गुट बनाये जायें

इस समय कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए आपत्ति व्यवस्थापन अधिनियम लागू है और प्रचार सभाओं को अनुमति नहीं दी गई है. किंतु चुनावी रैली को कुछ नियमों व शर्तों के तहत अनुमति दी जा रही है, लेकिन सुरक्षा उपाय योजनाओें के तहत काफिले में शामिल होनेवाले वाहनों को पांच-पांच की संख्या के गुट में विभाजीत किया जाये और पांच वाहनों के गुट के बाद दूसरे पांच वाहनों के गुट में करीब आधे घंटे की दूरी रखी जाये. इसके अलावा सभी तरह की रैलियों व गृह भेट का वीडियो चित्रीकरण भी किया जाये, ऐसा निर्देश भी संभागीय राजस्व आयुक्त पीयूष सिंह द्वारा दिया गया है.

 डमी मतपत्रिका पर केवल खुद का ही नाम हो

इस बैठक में निर्देश जारी करते हुए संभागीय आयुक्त पीयूष सिंह ने बैठक में उपस्थित सभी प्रत्याशियों को बताया कि, यदि वे अपने मतदाताओं के बीच वितरित करने हेतु डमी मतपत्रिका प्रकाशित कर रहे है, तो वह निर्वाचन आयोग की मतपत्रिका के आकार व रंग की नहीं होनी चाहिए. ऐसी डमी मतपत्रिकाओं पर अपने नाम के अलावा अन्य प्रत्याशियों के नाम न छापे जाये. इसी तरह मतदाता चिठ्ठी भी केवल सफेद रंग के कागज पर छापी जाये और उस पर किसी राजनीतिक दल का चिन्ह या उम्मीदवार की पहचान से संबंधित कोई सामग्री अंकित न हो. ऐसा निर्देश भी निर्वाचन निर्णय अधिकारी पीयूष सिंह द्वारा दिया गया है.

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