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समाज की ज्वलंत समस्यायों पर मंथन करना जरूरी है-:अनिल अग्रवाल (Anil Agrawal)
राजस्थान अग्रवाल पंचायत परतवाड़ा की ओर से अग्रसेन जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम मनाए गये
परतवाड़ा/अचलपुरदी. ८ -स्थानीय आकोला रोड पर स्थित नवनिर्मिति अग्रसेन भवन के विशाल प्रांगण में 26 सितंबर से शुरू अग्रसेन जयंती समारोह का समापन कल 7अक्टूबर,गुरुवार को पूरी गरिमा के साथ भवन में सम्पन्न हुआ है.
समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल (Anil Agrawal) और नारायण रेकी सतसंग परिवार की नागपुर हेड सुधा दीदी अग्रवाल उपस्थित थी.
कल का कार्यक्रम अपने नियत समय से विलंब से करीब 8.40 बजे शुरू हुआ.प्रारंभ में महाराज अग्रसेन की सामूहिक आरती गाई गयी.स्थानीय पदाधिकारियों ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया.प्रस्तावना रखते हुए राजस्थान पंचायत के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने सालभर के कार्यो का लेखा जोखा पेश किया.उन्होंने आगामी योजनाओं से भी अतिथियों का परिचय करवाया.
नागपुर से पधारी सुधादिदी ने गोर गरीबो को भोजन कराना चाहिए, जरूरतमंदों के लिए अग्रवाल समाज मदत को सदैव तैयार रहा.परतवाड़ा के लोग भी मदत कार्य मे हमेशा आगे रहे,यही अनुरोध करती हूं.उन्होंने कहा कि मेरा यह पहला ही कार्यक्रम है,जिसमे मै प्रमुख अतिथि हूँ.आप सभी लोग सामाजिककार्यो में अग्रणी रहे यही शुभकामनाएं देती हूं.
लोकप्रिय हिंदी सांध्य दैनिक अमरावतीं मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल ने करीब 20 मिनट तक धाराप्रवाह अपने विचार रखते हुए समाज जी ज्वलंत समस्यायों के लिए चिंतन मंथन की जरूरत पर जोर दिया.उन्होंने प्रारंभ में कहा,
ऐसा लग रहा है कि अग्रवाल समाज के घर मे परतवाड़ा में कोई नही है,सारे यहां आ गए है.मै अतिथि बनकर (जैसा सुधा भाभी ने बताया कि वे पहलीं मर्तबा आई है.)पिछले 17 वर्षों से अग्रसेन जयंती के समारोह में जा रहा हूं. विदर्भ मै पूरा घूम चुका हूं,गोंदिया,भंडारा से लेकर आपके अचलपुर तक भी आ गया था, राह देख रहा था की परतवाड़ा कब बुलाया जाएगा.परतवाड़ा वाले बहुत ही ठोक-बजा के वस्तु देखते है कि वो जिसको ला रहे है वो वस्तु अथवा व्यक्ति ठीक है अथवा नही.मुझे यहां पहुंचते पहुंचते सत्रह साल लग गए.अमरावतीं और परतवाड़ा के अग्रवाल समाज के प्रत्येक व्यक्ति को मै नाम से जानता हूँ.अभी हरिशंकर जी के घर से उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूँ.रवि भैय्या अग्रवाल ,आप सभी जानते ही वैष्णो देवी ट्रेन जिसका नाम उन्होंने दिल्ली तक पहुंचाया है.जब वैष्णो देवी की ट्रेन लेकर जाते थे तो चिमटी काटकर देखना पड़ता था कि वाकई में यह सच है अथवा ख्वाब.इतना सराहनीय,प्रशंसनीय कार्य परतवाड़ा के अग्रवाल समाज ने कर दिखाया है.मै वैष्णो देवी यात्रा की उस युवा टीम का अभिनदन करता हूँ.राजस्थानी महोत्सव का आयोजन सन 2007 में अमरावतीं में हुआ जब भैरोसिंह शेखावत उपराष्ट्रपति हुआ करते थे. महिलाओं की उपस्थिति पर कहते हुए आपने कहा कि हर अग्रसेन जयंती में महिलाएं बड़ी संख्या में सहभागी होती है.सुधा दीदी ने भी कहा है कि बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित है.विदर्भ में हर जगह अग्रसेन जयंती में महिलाओं के हुनर देखने को मिलते है.यहां तो अत्यधिक संख्या में महिलाएं उपस्थित है.ऐसा लग रहा है कि बाहर से भी महिलाएं बुलाई गई है.मै इसके लिए भी आपका अभिनंदन करना चाहूंगा.
अमरावतीं में पधारे उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत ने अमरावतीं में कहा था कि राजस्थानी और अग्रवाल समाज जब अपना प्रदेश छोड़ देश के अन्य हिस्सों में बसने निकला तब वो अपने साथ अपनी मूल प्रवृति भी लाया है.दान,दया और धर्म.दानवीर हम हमेशा से ही रहे है,दया हम में जन्मजात भरी है और धर्म के हम कट्टर समर्थक रहे है.दान, दया और धर्म के अनुपालन और परतवाड़ा का नाम सर्वत्र रोशन करनेवाले दो लोगो का नाम मै यहां लेना चाहूंगा.जिनकी सहायता, जिनके सहयोग से परतवाड़ा में इतना बड़ा भव्य अग्रसेन भवन निर्माण हुआ है.अनिल चिरोंजीलाल अग्रवाल और दुर्गा भैय्या अग्रवाल. इन मेरे दोनों मित्रों का आप सभी करताल ध्वनि से स्वागत करे. मंच से बड़ी बड़ी बातें करना और हकीकत में किसी प्रोजेक्ट को बगैर स्वार्थ के कर दिखाने में काफी अंतर होता है.अभी अभी सुधा दीदी ने कहा था कि समाज का पांचवा नंबर आता है.माफ करना सुधा दीदी,समाज सर्वोपरि होता है.हमसे समाज नही है,समाज से हम है. मै कुछ बाते यहां आप सभी से और विशेषकर महिलाओं से शेयर करना चाहूंगा.मै हमेशा ही अग्रसेन जयंती के कार्यक्रमो को गंभीरता से लेता हूँ हमारा अग्रवाल समाज धीरे धीरे ,अल्प प्रमाण में अपनी परंपराओं से दूर होता जा रहा है.पहलीं बात है संयुक्त परिवार के टूटने की,दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि उच्चशिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे बच्चों का देश के कोने कोने में किसी कंपनी में नौकरी पर जॉइन हो जाना और तीसरी बात बड़ो का सम्मान और छोटो को प्यार.यह बात सुधा दीदी ने भी कही है कि जब तक घर के बुजुर्गों को हम मान-सम्मान नहीं देंगे,बच्चों और छोटो को स्नेह-दुलार नही देंगे तब तक हमारा हर अचीवमेंट और उपलब्धि फेल ही होंगी.मुझे लगता है इन तीनो चीजों से हम थोड़ा थोड़ा कही भटक रहे है.
यदि हमारे अपने व्यवसाय में पचास लोगो को रोजगार मिल रहा है तो फिर हमारा बच्चा बाहर जाकर सर्विस क्यो करे.मेरे आव्हान पर अमरावतीं में चार परिवार के बच्चे नौकरी छोड़कर आ गए.यदि यहां मेरे कहने के बाद कोई एक बच्चा भी नौकरी छोड़कर शहर में वापिस आ जाता है तो मै समझूंगा कि मेरा यहां आना और कहना सार्थक हो गया. आजकल एक और नया ट्रेंड चल रहा है, छोटे शहर की लड़की अथवा लड़का नही चाहिए.किसी योग्य वर-वधु को परखने के ये कौनसा पैमाना है.छोटे शहर की लड़की में क्या बुराई अथवा दोष होते है.सिर्फ छोटे शहर में मॉल अथवा पिज्जा की दुकान नही होती है.इस प्रवृती को तत्काल बदलना होंगा.छोटे शाहरो में जीवन जीने का जितना आनंद आता ही उतना अन्यत्र कही नही मिल पाता है.जो अग्रसेन जयंती यहां मनाई जा रही है वो बड़े शहरों में नही मनाई जाती है.में सभी जगह पर घुमा हूँ.तीन तीन हजार अग्रवाल समाज रहने के बाद भी उपस्थिति शून्य रहती है. इन सभी बातों की जिम्मेदारी महिलाओं को लेनी होंगी.महिलाएं बच्चों के काफी नजदीक होती है.उन्हें बच्चों को अच्छे बुरे की पहचान करानी होंगी.मै अग्रवाल समाज महाराष्ट्र राज्य की कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में घूमता रहता हूँ.बड़े शहरों में संबंध टूट रहे है.विदर्भ में रोजाना एक तलाक हो रहा.ऑनलाइन ने सब गड़बड़ कर दी है.पहले लड़का अथवा लड़की पसंद करने बुजुर्ग जाते थे.वो ठोक बजाकर सब कुछ मालूम कर लेते थे.लड़का लड़की के पीछे उसके परिजन आजीवन खड़े रहते थे.ऑनलाइन ने नई कुरीति को जन्म दे दिया है.हमे स्वयं को,अपने परिवार को इससे बचाना होंगा.
दान,दया धर्म पर हमे फिर से आना होंगा,संयुक्त परिवार को टूटने से बचाना है.खुद मालिक बने,नौकरी में समय बरबाद न करे,मै यही सब कुछ कहने यहां आना चाहता था.आपने मुझे बुलाया,मै आभारी हूँ.पुनश्चः एक बार फिर मैं राजस्थानी हितकारी मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष मनोहर अग्रवाल का अभिनंदन करता हूँ.
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त्योहारा रो रंग -मारवाड़ रा संग
अग्रसेन जयंती सप्ताह के दौरान दो अक्टूबर, शनिवार की शाम महिलाओं और युवतियो ने एक अविस्मरणीय प्रस्तुति मंच पर पेश की थी.प्रस्तुति की बजाय इसे राजस्थानी तीज-त्योहारों की सजीव झांकी भी कहा जाए तो बेहतर होंगा.राजस्थान के सामाजिक सरोकार को इस प्रस्तुति में दर्शाया गया है.एकदम से करीब 50 महिलाओं द्वारा एक साथ,एक ही मंच पर विशालकाय व अचूक प्रस्तुति को देख हर कोई तालिया बजाने को विवश हो गया था.महाराष्ट्र की भूमि पर राजस्थान को साकार करने में महिलाओं ने अपनी सशक्त भूमिका को मंच पर उकेर दिया.अग्रवाल महिला मंडल,अग्रवाल नवयुवती मंडल के संयुक्त तत्वाधान में इसे पूरे तारतम्य के साथ सजीवता दी गई.डॉ सौ श्वेता आर. गोयल ,सौ सीमा डी. अग्रवाल, सौ. श्रध्दा एम. अग्रवाल,सौ संगीता एम. नरेडी का ये बेहतरीन संयोजन था.सकल राजस्थानी समाज के लिए मारवाड़ रो त्योहार बहुत सी मीठी ,गुदगुदाती यादें भी छोड़ गया.
साक्षी राजेश अग्रवाल,सलोनी सुभाष केजड़ीवाल,श्रुति अजित अग्रवाल, प्रियंका शाम अग्रवाल,मुस्कान केजड़ीवाल,गुंजन अग्रवाल,गरिमा अग्रवाल, मोरवी अग्रवाल,भाविका अग्रवाल,मेघा अग्रवाल,सौ भारती संजय,सौ श्रद्धा मनोज, सौ संगीता नरेडी,सौ श्वेता गोयल,सौ अनिशा नरेडी,सौ चंचल अग्रवाल,सौ नेहा सराफ,श्रीमती मनीषा केजड़ीवाल,श्रीमती संध्या अग्रवाल,सौ तृप्ति अग्रवाल,सौ प्रणीता अग्रवाल, सौस्नेहा केजड़ीवाल,सौ समता केजड़ीवाल,सौ प्रियंका अग्रवाल,सौ एकता अग्रवाल, राश्मिता अग्रवाल,सौ मुस्कान अग्रवाल,सौ पूजा अग्रवाल,सौ किरण अग्रवाल सौ सीमा अग्रवाल, सौ पूजा अग्रवाल, सौ प्रियंका केजड़ीवाल,सौ नम्रता अग्रवाल,सौ आभा उज्ज्वल,सौ कोमल अग्रवाल,सौ शिल्पा अग्रवाल, सौ सीमा अग्रवाल, सौ दिशा अग्रवाल,सौ पूनम केडिया,सौ कविता अग्रवाल,सौ पूनम अग्रवाल, सौ सोनल गोयल,सौ रुचि गोयल,सौ नम्रता अग्रवाल,सौ पलक अग्रवाल,सौ राखी अग्रवाल,सौ ऋचा केजड़ीवाल ने इस अनूठे,अविस्मरणीय कार्यक्रम में सहभाग लिया था.इस प्रस्तुति में वेशभूषा, रंगमंच व्यवस्था, ध्वनि, संगीत और निर्देशन सभी का प्रभाव अमिट छाप छोड़ गया.
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नटराज बन राधा ने दिल जीता
29 सितंबर, बुधवार की शाम रही ड्रेस कॉम्पिटिशन के नाम.इस स्पर्धा का बच्चों से लेकर किशोर तक सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है.शहर के सुख्यात सामाजिक कार्यकर्ता,स्वास्थ्य शिबिर के सक्रिय सदस्य डॉ अभिषेक नरेडी की बिटिया राधा नरेडी ने भगवान नटराज की अनुपम छबि पेश कर लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया.स्टेज पर राधा की प्रस्तुति , कला संयोजन,गेटअप सभी कुछ शानदार-जानदार था.दर्शकों से खूब तालियां राधा ने बटोरी.उसे पुरुस्कृत भी किया गया.नारायणी रेकी संस्थान की सुधा दीदी के शुभ हस्ते उन्हें नवाजा गया है.आठवी क्लास की छात्रा राधा स्कूल स्पर्धाओं में भी अनेक तमगे प्राप्त कर चुकी है.दो वर्ष पूर्व तहसील आंतर शालेय नृत्य स्पर्धा में भी राधा और उसकी टीम को प्रथम स्थान मिला था.गजब प्रतिभा की धनी है राधा.उसके सुप्त गुणों को पॉलिश कर चमकाने के अवसर अग्रसेन जयंती सप्ताह में प्राप्त हुआ.अपनी नटराज की भूमिका को वो बहुत कुशल ढंग से प्रस्तुत कर गई.
वेशभूषा अथवा फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन का संयोजन शिल्प अग्रवाल,सारंग केजड़ीवाल,विवेक लष्करी, भावेश अग्रवाल, कु.साक्षी अग्रवाल,कु प्रियंका अग्रवाल ने उमदा तरीके से किया था.कक्षा 1से 5 और कक्षा 6 से 10 इस प्रकार दो समूह में यह स्पर्धा ली गई थी.दर्शकों ने इसे भी खूब प्रतिसाद दिया.
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अग्रसेनजी की मनमोहक प्रतिमा
इस वर्ष महाराजाधिराज श्री 1008 छत्रपति अग्रसेनजी की प्रतिमा ही इस जयंती सप्ताह में सभी को भक्ति-भाव की गंगा में प्रवाहित कर गई.संभवत विदर्भ अंचल के अग्रवाल समुदाय में यह एकमात्र इतनी शानदार प्रतिमा होंगी.अभी एक वर्ष पूर्व ही इसका निर्माण किया गया.उक्त प्रतिमा 6 फीट ऊंचाई की और करीब 60 किलो वजन की है.पूर्णतः फाइबर व अन्य साहित्य का उपयोग इसके निर्माण में किया गया है.शिल्पकार ने अग्रसेनजी की भाव-भंगिमा को हूबहू साकार किया.अचलपुर निवासी विजय पवनिकर इसके शिल्पकार है.मुंबई के बॉलीवुड में अपनी कला के जोहर दिखाकर शिल्पकार विजय पवनिकर अपने मूल वतन लौटे है.वो कुछ ज्यादा शिक्षित नही है.यह काम उन्होंने थाना और मुंबई में अपने मामा के पास सीखा और पारंगत भी हुए.चिखलदरा के प्रस्तावित गणेश म्यूजियम में फिलहाल विजय अपनी सेवाएं दे रहे है.
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अग्रसेनजी की संगीतमय महाआरती
स्व.मामराजजी बंसीलालजी अग्रवाल इन्हें जुड़वाशहर में सकल मारवाड़ी समुदाय के आधारस्तंभ के रूप में जाना जाता है.बहुत कम लोग यह जानते है और नई पीढ़ी तो बिल्कुल ही अनभिज्ञ होंगी कि मामराज सेठ अपनी अनुशासनप्रियता, कानून-कायदे का पालन के अलावा एक रसिक श्रोता,अभिनेता व कविमन के मालिक भी थे.उन्ही के द्वारा रचित अग्रसेनजी की आरती की कल 7अक्टूबर के समापन समारोह में संगीतमय प्रस्तुति दी गई.स्थानीय भजनकार मुन्ना नंदवंशी और उनके सहयोगियो ने इसे स्वर और संगीतबद्ध करके पूरे समुदाय में नवउर्जा का संचार कर दिया.महाआरती के पश्चात ही कल के पूरे कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई.
पुरुस्कार वितरण और समापन कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन मनीष अग्रवाल ने किया.पूरे समारोह में सूत्र संचालन सौ अनिशा नरेडी और सौ श्वेता गोयल ने किया.प्रमुख अतिथि अनिल अग्रवाल ने भी उनके एंकरिंग की जमकर तारीफ की.दोनों ने अपनी सुमधुर आवाज में व्यक्तित्व में निखार लाती चार पंक्तियों के पठन कर समापन समारोह में बोझिलता नही आने दी.
अग्रसेन जयंती के करीब पंद्रह दिन चले इस दीर्घकालीन उत्ज़व को सफल बनाने के लिए संरक्षक पुरुषोत्तम अग्रवाल,महामंत्री अरुण अजवालउपाध्यक्ष मुकुंद अग्रवाल, विनोद गाड़ोदिया, राजेश अग्रवाल (बैंक), चेतन विजयकुमार अग्रवाल, नीरज नरेडी,राजेश अग्रवाल,दिनेश बंसल,राम ककरानिया,दीपक अग्रवाल,महेंद्र अग्रवाल,राजेन्द्र लोहिया,राजकुमार अग्रवाल,राजकुमार सिंघानिया,कुणाल गोयल ने अथक प्रयास किये.
अपने दायित्व का निर्वाह निभाने में और अपने कला कौशल के मामले में महिलाएं बाजी मार गई महिला मंडल की अध्यक्ष भारती संजय अग्रवाल,मनीषा केजड़ीवाल,संध्या अग्रवाल,चंचल अगरवल,नेहा सराफ और उनकी सभी सखियों ने पूरे समारोह को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोडी.
अग्रवाल नवयुवक मंडल के अध्यक्ष शिल्प अग्रवाल, विवेक लष्करी, सारंग गोविंद अग्रवाल, भावेश अग्रवाल, तनय,प्रखर,अनुज,हिमांशु,मयंक,शु भम,आशीष, रोहित और उनके ढेरो सजातीय मित्रों ने दौड़ दौड़कर मेहनत की,परिश्रम कर आयोजन में चार चांद लगा दिए.
कुगुंजन,मयूरी,साक्षी,प्रियंका, गौरवी ने नवयुवती संघटन के माध्यम से अग्रसेन महाराज के इस महोत्सव में नारी कल्पकता का परिचय दिया.आनंद मेला और मारवाड़ रो त्योहार में सभी नवयुवतियों का सक्रिय योगदान रहा.
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अनिता,राजेश,अभिषेक को विशेष सम्मान
परतवाड़ा शहर के प्रसिद्ध समाज सेवक व सेवाभावी संस्थाओं में अग्रणी कार्य कर मानव सेवा के प्रेरणा स्त्रोत्र बननेवाले महानुभाव सौ अनिता प्रकाश अग्रवाल, राजेश आर अग्रवाल और डॉ अभिषेक नरेडी को विशेषस्मृति चिन्ह देकर गौरवान्वित किया गया.
तीन अक्टूबर की शाम को आनंद मेले का आयोजन किया गया था.मेले में करीब 100 से भी ज्यादा लजीज,स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टाल लगाए गए थे.पूरे राजस्थानी समाज ने इसका भरपूर लुत्फ उठाया.भावेश अग्रवाल, सारंग केजड़ीवाल,हिमांशु केजड़ीवाल,तनय अग्रवाल और शिल्प अग्रवाल ने इसका तूफानी संयोजन किया था.
पुरुस्कार वितरण समारोह में आचार के मसाले की रंगोली,क्वाइन पिल्लर, थॉट ऑन द स्पॉट , बनड़ा-बनड़ी,बॉटल आर्टकॉटन बॉल क्रिएटिविटी, स्लो सायकिल,योगा,पेयर रेस का समावेश किया गया था.इसके अलावा अग्रवाल प्रीमियर लीग के नाम से क्रिक्रेट मैच लिए गए.आईपीएल की तर्ज पर इसका आयोजन किया गया था.करीब 6 टीमो ने इसमें भाग लिया.सभी स्पर्धाओं में विजयी रहे मान्यवरों को प्रमुख अथिति अनिल अग्रवाल,सुधा दीदी के कर कमलों द्वारा पुरुस्कृत किया गया.आगामी 13 नवम्बर,शनिवार को दोपहर तीन बजे अग्रसेन भवन में दीपावली मिलन का आयोजन भी रखा गया है.समाज की सभी महिलाओं से उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है.
26 सितंबर रविवार की सुबह 9 बजे सौ विमलादेवी हरिशंकर अग्रवाल के करकमलों से ध्वजारोहण किया गया.इस मौके पर कमलादेवी हरिप्रसाद अग्रवाल प्रमुख रूप से उपस्थित थी.
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