कुणबी प्रमाणपत्र देना सरकार के हाथ में नहीं
पूर्व न्यायमूर्ति कोलसे पाटिल ने किया दावा
नागपुर /दि.12- कुणबी सहित किसी भी जाति का प्रमाणपत्र देने का अधिकार सरकार के पास नहीं है और यदि ऐसा करते हुए मराठा समाज को आरक्षण दिया जाता है, तो यह आरक्षण सर्वोच्च न्यायालय में टिकेगा ही नहीं. अत: ओबीसी समाज ने बिल्कूल भी घबराना नहीं चाहिए. क्योंकि ओबीसी समाज के आरक्षण को कोई खतरा ही नहीं है. इस आशय का दावा पूर्व न्यायामूर्ति बी. जी. कोलसे पाटिल द्बारा किया गया.
बता दें कि, सर्व शाखिय कुणबी ओबीसी कृति समिति द्बारा दो दिन से संविधान चौक में अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन किया जा रहा है. जहां तक गत रोज पूर्व न्यायामूर्ति बी. जी. कोलसे पाटिल ने भेंट देते हुए उपरोक्त बात कहीं. साथ ही यह भी बताया कि, ओबीसी आरक्षण को लेकर कानूनी स्थिति कितनी मजबूत है. कोलसे पाटिल के मुताबिक केंद्र सरकार ने आरक्षण को लेकर राज्य सरकार के अधिकारों को पहले ही निकाल लिया है और अब आरक्षण देने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है. ऐसे में किसी भी समाज को यदि आरक्षण देना है, तो इसका फैसला केंद्र सरकार के जरिए ही करना होगा. अत: दो समाजों द्बारा आपस में लडने से न तो किसी को आरक्षण मिलेगा और न ही किसी का आरक्षण कम होगा. साथ ही कोलसे पाटिल ने यह भी कहा कि, मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौति देने वाले लोग कौन थे. इसकी ओर ध्यान दिया जाना बेहद जरुरी है.