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राजा के लिए मुश्किल होंगी राहें

भेंडवल की भविष्यवाणी!

  • कब जाएगा कोरोना और कैसी रहेगी बरसात

बुलढाणा/दि.१६ – बीते 350 सालों से चली आ रही बुलढाणा जिले की सुप्रसिद्ध भेंडवल भविष्यवाणी शनिवार को एक बार फिर सार्वजनिक की गई. इस बार भविष्यवाणी में देश में कोरोना जैसी महामारी, देश के राजा के भविष्य, मॉनसून और बरसात की स्थितियों, खेती-किसानी से जुड़ी स्थितियों और देश की अर्थव्यवस्था और राजनीतिक भविष्य को लेकर अहम बातें कही गई हैं.
भेंडवल गांव में हर साल अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहुर्त पर खेत में घट रचना की जाती है. हर साल भविष्यवाणी को सुनने के लिए ना सिर्फ विदर्भ बल्कि राज्य के अन्य भाग से भी किसान बड़ी संख्या में उपस्थित होते हैं. लेकिन कोरोना की वजह से इस बार भीड़ नहीं जुटाई गई और चंद्रभान महाराज के वंशज पुंजाजी महाराज और उनके सहयोगी सारंगधर पाटील ही खेत में पहुंचे. उन्होंने सुबह सूर्योदय के समय कलश को बाहर निकाला और इस चमत्कारी मानी जाने वाली मटकी के जरिए भविष्यवाणी की गई.
भेंडवल की इस भविष्यवाणी में किसानों के लिए सबसे अहम बात यह रही कि इस साल बरसात साधारण रहेगी. यानी ना अधिक बरसात होगी, ना कम होगी. यह किसानों के लिए बहुत राहत भरी बात है. क्योंकि महाराष्ट्र के किसानों के लिए बाढ़ और सूखा दोनों ही झेलना पड़ता है. नॉर्मल रेन की यह भविष्यवाणी उनके लिए अच्छा संकेत है.
भविष्यवाणी में यह कहा गया कि जून महीने में कम बरसात होगी और कुछ जगहों पर बरसात होगी और कुछ जगहों पर नहीं. जुलाई महीने में बरसात अच्छी होगी और सभी जगहों पर होगी. जुलाई में कई जगहों पर अति वृष्टि के भी संकेत हैं. अगस्त महीने में जून और जुलाई से कम बारिश होने की भविष्यवाणी की गई है और सितंबर में सबसे कम बरसात होगी. इस साल बेमौसम बरसात की संभावना कम है.
फसल का उत्पादन भी साधारण होगा. यानी उत्पानद संतुलित होगा ना रिकॉर्ड उत्पादन होगा ना फसलों के कम होने का संकट होगा. ज्वार, गेहूं, अरहर दाल, कपास, सोयाबीन की साधारण फसल होगी. लेकिन पशुधन के लिए संकट का समय होगा. पशुधन रखने वालों को चारा की कमी की परेशानी झेलनी पड़ेगी.
भेंडवल की भविष्यवाणी में कोरोना का संकट कायम रहता हुआ दिखाई दे रहा है क्योंकि कहा गया है कि यह साल रोग और महामारियों का साल रहेगा. पृथ्वी में अनेक संकट आएंगे. कुदरत का कहर टूटेगा. विदेशी घुसपैठ भी बढ़ेगी. हालांकि युद्ध वगैरह का भय तो नहीं दिखाया गया है लेकिन कुदरती कहर को लेकर यह भविष्यवाणी चिंताओं को बढ़ाती है. यानी कोरोना से छुटकारा जल्दी मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. भेंडवल की इस भविष्यवाणी में ख़ास कर प्रधानमंत्री मोदी के लिए कई अहम बातें कही गई हैं. भविष्यवाणी में कहा गया है कि देश का राजा कायम रहेगा लेकिन उन्हें कई तरह के संकटों और चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. आर्थिक परिस्थिति लगातार कमज़ोर होती जाएगी. राजनीतिक अस्थिरताओं का भी सामना करना पड़ेगा. कुदरत के कहर से बहुत अधिक तादाद में लोगों की मृत्यु होगी.
ऐसे की जाती है भेंडवल में घट रचना
बुलढाणा जिले के भेंडवल गांव में हर साल अक्षय तृतीया के दिन सूर्योदय से पहले गांव के बाहर खेत में वाघ घराने के वंशज घट रचना करते हैं. घड़े में 18 प्रकार के अनाज रखे जाते हैं. इनमें गेहूं, ज्वार, अरहर, उड़द, मूंग, तिल, मसूर, तांदूल, मटर आदि अनाज प्रमुख होते हैं. खेत में मिट्टी खोदकर पानी भरकर घड़ा रखा जाता है और उसके आस-पास चार पिंड बनाई जाती है. उस पर पान-सुपाड़ी आदि रखकर घट रचना की जाती है और दूसरे दिन सूर्योदय के साथ घड़े को बाहर निकालकर भविष्यवाणी की जाती है.

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