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शंकरबाबा पालकर की मानस कन्या जैबुनिसा ने जिलाधिकारी को बांधी राखी

भावुक क्षण देख अचलपुर उपजिला अस्पताल के वार्ड में उपस्थित महिलाओं की आंखें भर आई

परतवाडा/दि.30- स्व. अंबादासपंत वैद्य दिव्यांग बालगृह वझ्झर की प्रवेशिता जैबुनिसा ने अचलपुर के उपजिला अस्पताल में उपचार लेते आज रक्षाबंधन के पवित्र अवसर पर उसकी तबीयत के हालचाल पूछने पहुंचे जिलाधिकारी सौरभ कटियार को राखी बांधी. इस पवित्र व भावुक अवसर पर वार्ड में उपस्थित महिलाओं की आंखें भर आई थी.
जैबुनिसा यह पुणे रेलवे स्टेशन पर लावारिस अवस्था में पुलिस को जब वह 2 वर्ष की आयु की थी तब मिली थी. पुलिस ने उसके रिश्तेदारों की भी तलाश की, लेकिन कोई भी रिश्तेदार न मिलने से आखिरकार बाल न्यायालय के आदेश पर अमरावती से 60 किमी दूरी पर स्थित स्व. अंबादास पंत वैद्य मतिमंद बालगृह संचालक शंबर बाबा पालकर के कब्जे में आजीवन पुनर्वसन के लिए दी गई. अमरावती के मेडिकल बोर्ड का दल बालगृह के बच्चों के स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंचा और जैबुनिसा की जांच की. तब उसके पेट में गांठ रहने का संदेह व्यक्त किया और उसकी संपूर्ण जांच के बाद उसके पेट में गांठ रहने का निदान हुआ. उसे तत्काल अचलपुर के उपजिला अस्पताल में भर्ती किया गया. जैबुनिसा यह मतिमंद है और अनेक बीमारी से ग्रस्त है.
29 अगस्त को अचलपुर उपजिला अस्पताल के वैद्यकीय अधीक्षक ढोले, डॉ. स्वाती खांडे और उनके दल ने सफल शस्त्रक्रिया कर उसके पेट की गांठ निकाली और उसे जीवनदान दिया. आज उसकी हालत काफी अच्छी है. अमरावती के जिलाधिकारी सौरभ कटियार को उसकी तबीयत की जानकारी अचलपुर के उपविभागीय अधिकारी उंबरकर ने दी. तब उन्होंने अपने शासकीय दौरे पर रहते आज के रक्षाबंधन के पावन पर्व पर अस्पताल पहुंचकर जैबुनिसा की तबीयत की पूछताछ की. इस अवसर पर जैबुनिसा ने उन्हें राखी बांधी. जिलाधिकारी ने जैबुनिसा के सिर पर हाथ रखकर निरोगी व खुशमय जीवन रहने का आशीर्वाद दिया. यह नजारा देख वार्ड की उपस्थित महिलाओं की आंखें भर आई थी. दिव्यांगों के इतिहास में यह दिल को छू लेने वाली घटना का दृश्य अनेकों ने अपने मोबाइल में भी कैद किया, ऐसा अनिल पिहुलकर ने बताया है.

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