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जिला बैंक के सभी पूर्व संचालकों को जॉइंट रजिस्ट्रार की नोटीस

विशेष लेखा परीक्षण की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर उठाये गये कदम

  • नोटीस का जवाब नहीं देने पर चार्ज फिक्स करते हुए छीना जा सकता है पद

अमरावती/दि.5 – स्थानीय जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के पूर्व संचालक मंडल द्वारा म्युच्युअल फंड में किये गये 700 करोड रूपये के निवेश तथा इसकी ऐवज में म्युच्युअल फंड कंपनी द्वारा दिये गये 3.39 करोड रूपयों के कमिशन का मामला एक बार फिर सिर उठाता दिखाई दे रहा है. बैंक में हुई आर्थिक अनियमितताओं को लेकर शिकायत मिलने के बाद विशेष जिला लेखा परीक्षक सुनीता पांडे की ओर से बैंक के ऑडिट पश्चात तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर अब सहनिबंधक द्वारा बैंक के पूर्व संचालक मंडल में शामिल सभी लोगों के नाम सेक्शन 88, 83 व 81 के तहत नोटीस जारी की गई.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, पिछली बार संचालक रहनेवाले अधिकांश लोग ही इस बार के चुनाव में दोबारा संचालक निर्वाचित हुए है और उन्हीं संचालकों में से सुधाकरराव भारसाकले व सुरेश साबले इस बार बैंक के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए है. ऐसे में बैंक के मौजूदा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित विगत संचालक मंडल में शामिल रहे मौजूदा संचालकों के नाम यह नोटीस जारी हुई है. इस नोटीस का नियमानुसार समाधानकारक जवाब नहीं मिलने पर संबंधितों के खिलाफ धारा 83 के तहत मामला तय करने के साथ ही धारा 88 के तहत उनके खिलाफ पद खारिज करने की कार्रवाई की जा सकती है. ऐसे में फिलहाल संबंधितों में काफी हद तक हडकंप देखा जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, विगत अक्तूबर माह में जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के चुनाव हुए और उस चुनाव में 3.39 करोड रूपयों के कमिशन घोटाले सहित बैंक में होनेवाली अनियमितताओं का मामला जमकर उछाला गया था और यह एक प्रमुख चुनावी मुद्दा भी रहा. साथ ही इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की भी एंट्री हो गई. जब ईडी द्वारा बैंक के दो पूर्व अध्यक्षों अनिरूध्द उर्फ बबलू देशमुख तथा उत्तरा वीरेंद्र जगताप के नाम समन्स जारी किया गया था. साथ ही स्थानीय आर्थिक अपराध शाखा द्वारा भी इस मामले की जांच करते हुए बैंक का फॉरेन्सीक ऑडिट करवाने का निर्णय लिया गया था. किंतु बैंक के चुनाव निपटते ही यह पूरा मामला लगभग शांत होता दिखाई दिया. लेकिन अब सहनिबंधक कार्यालय द्वारा जिला विशेष लेखा परीक्षक सुनीता पांडे की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर नोटीस जारी करने की कार्रवाई करते हुए इस मामले को एक बार फिर हवा दे दी गई है.

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