कालबांडे या मोरे और नागमोते या अलसपुरे, कयास तेज
कल अमरावती फसल मंडी के सभापति व उपसभापति पद का चुनाव
* सभापति पद के लिए यशोमति गुट के प्रकाश कालबांडे व हरिश मोरे रेस में
* उपसभापति पद पर प्रीति बंड गुट के नाना नागमोते व प्रवीण अलसपुरे का दावा
* कल नवनिर्वाचित संचालकों की होगी पहली बैठक, सर्वसहमति से चुनाव कराने का प्रयास शुरु
* इच्छूकों द्बारा जमकर की जा रही लॉबिंग व फिल्डिंग
अमरावती/दि.18 – कल 19 मई को अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति के नवनिर्वाचित 18 संचालकों की पहली बैठक होने जा रही है. जिसमें मंडी के सभापति व उपसभापति का चयन किया जाएगा. ऐेसे में अब सभी की निगाहे इस ओर लगी हुई है कि, कल इन दोनों पदों पर 18 नवनिर्वाचित संचालकों में से किन 2 संचालकों का निर्वाचन होता है. वैसे तो जानकारी के मुताबिक फसल मंडी सभापति पद के लिए विधायक यशोमति ठाकुर गुट की ओर से प्रकाश कालबांडे व हरिश मोरे तथा उपसभापति पद के लिए ठाकरे गुट की सेना नेत्री प्रीति बंड के गुट की ओर से नाना नागमोते व प्रवीण अलसपुरे के नाम रेस में चल रहे है. साथ ही इन चारों द्बारा अपने-अपने नेतृत्व के सामने खुद की दावेदारी के लिए जमकर लॉबिंग व फिल्डिंग की जा रही है. लेकिन जानकारों का मानना है कि, ऐन समय पर सहकार पैनल के नेताओं द्बारा सभापति व उपसभापति पद के चुनाव आम सहमति से निर्विरोध कराने पर जोर दिया जाएगा. ताकि मतदान कराने की नौबत ही न आए.
ज्ञात रहे कि, विगत माह अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति के 18 सदस्यीय संचालक मंडल का चयन करने हेतु चुनाव करवाए गए और इस चुनाव में महाविकास आघाडी समर्थित सहकार पैनल ने एकतरफा जीत हासिल की थी. ऐसे में चुनावी नतीजा घोषित होते ही यह स्पष्ट हो गया था कि, अमरावती फसल मंडी के सभापति व उपसभापति पद पर सहकार पैनल की ओर से नवनिर्वाचित संचालकों को ही मौका मिलेगा. चूंकि अब कल 19 मई को अमरावती फसल मंडी के नवनिर्वाचित संचालकों की पहली बैठक होने जा रही है. जिसमें सभापति व उपसभापति पद हेतु निर्वाचन प्रक्रिया की जाएगी. ऐसे में अब सबकी निगाहें इस बात की ओर लगी हुई है कि महाविकास आघाडी समर्थित सहकार पैनल के नेताओं व्दारा इन दोनों पदों के लिए किन दो संचालकों के नाम आगे बढाए जाते है.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती फसल मंडी के चुनाव में पूर्व पालकमंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर, शिवसेना उबाठा की महिला नेत्री प्रीति संजय बंड, राष्ट्रवादी कांगेे्रस पार्टी के जिलाध्यक्ष सुनील वर्हाडे के नेतृत्व में सहकार पैनल को मैदान में उतारा गया था. जिसमें महाविकास आघाडी के घटक दलों सहित सहकार क्षेत्र के कई दिग्गज नेताओं का भी समोवश था और सहकार पैनल ने अमरावती फसल मंडी में लगभग एक तरफा जीत हासिल करते हुए बहुमत प्राप्त किया. जिसमें पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर गुट के सर्वाधिक संचालक निर्वाचित होकर आए और शिवसेना उबाठा की महिला नेत्री प्रीति संजय बंड गुट के संचालकों की संख्या दुसरे स्थान पर रही. ऐसे में यह स्पष्ट हो गया है कि, संख्या बल के आधार पर सभापति व उपसभापति पद का इन्हीं दो गुटों के बीच बटवारा होगा. इसके तहत यशोमति ठाकुर गुट के हिस्सें में सभापति पद व प्रीति बंड गुट के हिस्से में उपसभापति पद रहेगा.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस समय सभापति पद के लिए यशोमति ठाकुर गुट से वास्ता रखने वाले प्रकाश कालबांडे व हरिश मोरे के नाम चर्चा में चल रहे हैं. बता दें कि प्रकाश कालबांडे सहकार क्षेत्र में काफी जानामाना नाम हैं और वे इससे पहले भी मंडी संचालक निर्वाचित होने के साथ-साथ जिला बैंक के भी संचालक निर्वाचित है. वहीं पहली बार मंडी संचालक निर्वाचित होने वाले हरीश मोरे की एक सर्वसाधारण कार्यकर्ता के तौर पर पहचान रही है. ऐसे में अब सभी की उत्सुकता इस बात को लेकर लगी हुई है कि, क्या पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर व्दारा प्रकाश कालबांडे जैसे अनुभवी नेताओं पर दांव लगाया जाता है, या फिर नए चेहरे को मौका देने की रणनीति के तहत हरीश मोरे को सभापति पद पर मौका दिया जाता है. वहीं दूसरी ओर उपसभापति पद के लिए प्रीति बंड गुट की ओर से पूर्व उपसभापति नाना नागमोते के साथ ही पहली बार फसल मंडी के संचालक निर्वाचित हुए प्रवीण अलसपुरे के नाम चर्चा में चल रहे है. जिसमें से नाना नागमोते इससे पहले लगातार 4 साल तक फसल मंडी के उपसभापति रह चुके हैं और उन्हें मंडी के कामकाज का अच्छाखासा अनुभव है. वहीं प्रवीण अलसपुरे पहली बार मंडी संचालक निर्वाचित हुए है. ऐसे में यहां भी अनुभव के सामने नए चेहरे को मौका देने वाली बात पर पूरा मामला टिका हुआ है. जिसे लेकर अच्छीखासी उत्सुकता देखी जा रही है.
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कल 19 मई को होने जा रही फसल मंडी के नवनिर्वाचित संचालकों की बैठक में यशोमति ठाकुर गुट की ओर से सभापति पद के लिए तथा प्रीति बंड गुट की ओर से उपसभापति पद के लिए अपने गुट के किस संचालक का नाम आगे बढाया जाता है. साथ ही क्या इन दोनों पदों के लिए निर्विरोध निर्वाचन की प्रक्रिया हो पाती है, क्योंकि दोनों ही पदों के लिए 2-2 इच्छूक रेस में चल रहे है और दोनों इच्छूकों व्दारा अपने-अपने नेताओं के समक्ष अपनी दावेदारी के लिए जमकर लॉबिंग व फिल्डिंग की जा रही है.