कालीमुंछ चावल के भाव बासमती चावल की राह पर
चीन व बांग्लादेश सहित कई देशो में निर्यात हो रहा कालीमुंछ चावल
अमरावती प्रतिनिधि/दि.29 – अमरावती शहर ही नहीं, संपूर्ण महाराष्ट्र में कालीमुंछ चावल की मांग सर्वाधिक है. राज्य के अधिक से अधिक घरों में कालीमुंछ चावल उपयोग में लाया जाता है. अब हालात ऐसे है की कालीमुंछ चावल के दाम बासमती चावल की राह पर है. कालीमुंछ चावल के दाम में और अधिक तेजी आने की संभावना है. प्राप्त जानकारी के अनुसार कालीमुंछ चावल के दाम में अप्रत्याशित तेजी दिखाई दे रही है.
इस वर्ष ब्रम्हपुरी, मुल, चामोशी, नागपुर में कालीमुंछ धान की पैदावार कम हुई है. साथ ही कालीमुंछ धान को इल्लीयों का प्रकोप भी झेलना पड रहा है. इस वजह से कालीमुंछ धान की पैदावार बेहद कम हुयी है और मार्केट में कालीमुंछ चावल के दामों में वृध्दी हो रही है. एक क्विंटल कालीमुंछ धान के पीछे गत वर्ष 42 किलो चावल का उत्पादन होता था. इस वर्ष मात्र 36 किलो ही कालीमुंछ चावल का उत्पादन हो रहा है. हर वर्ष कालीमुंछ चावल खानेवालो की संख्या में वृध्दी हो रही है, लेकिन जिस हिसाब से दाम बढ रहे है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जल्द ही कालीमुंछ चावल के दाम बासमती चावल के दामों के बराबर हो जाएंगे. इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा चीन, बांग्लादेश सहित कई देशों में चावल की आपूर्ति की जा रही है, हालांकि यह चावल कालीमुंछ चावल नहीं है.
हर वर्ष कालीमुंछ चावल को पसंद करनेवाले ग्राहक काफी मात्रा में बढ रहे है. इस वर्ष कालीमुंछ धान का उत्पादन कम होने से चावल के दाम भविष्य में आसमानी तेजी के आसार दिख रहे हैं. उसी तरह अन्य चावलों का निर्यात होने से चावलों में तेजी के आसार बराबर बने हुए हैं. साथ ही चावल निर्यात होने से किसानों को धान का मुल्य अधिक मिल रहा है और सरकारी योजना का भी इस वर्ष किसानो को फायदा मिल रहा है. जिसकी वजह से यह वर्ष किसानों के लिए लाभकारी सिध्द हो रहा है.