अमरावती /दि.30- राज्य की महाविकास आघाडी सरकार में राज्य मंत्री रह चुके अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के निर्दलिय विधायक व प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष बच्चू कडू पर गुवाहाटी स्थित कामाख्या देवी की विशेष कृपा होती दिखाई दे रही है. क्योंकि एक ही माह के दौरान उनके निर्वाचन क्षेत्र में 2 सिंचाई प्रकल्प को संशोधित प्रशासकीय मान्यता मिलने के साथ ही निधि भी मंजूर हो गई है. इसके अलावा विधायक बच्चू कडू की मांग के अनुसार राज्य सरकार ने दिव्यांगों हेतु स्वतंत्र रुप से दिव्यांग कल्याण विभाग भी गठित किया है.
बता दें कि, राज्य सरकार की 3 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में सापन प्रकल्प हेतु 495.29 करोड रुपए के संशोधित खर्च को मान्यता दी गई थी. जिसका लाभ 24 गांवों को होना है. जहां पर 6 हजार 380 हेक्टेअर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं मंगलवार को वासनी प्रकल्प के लिए 826 करोड रुपए के संशोधित खर्च को राज्य सरकार द्बारा मान्यता दी गई. इसे पूर्व राज्य मंत्री व विधायक बच्चू कडू के लिए बडी उपलब्धि माना जा रहा है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि, राणा दम्पति के साथ हुए विवाद के समय इन्हीं 2 कामों के लिए विधायक बच्चू कडू ने आगे चलकर अपनी भूमिका को थोडा नर्म किया था.
उल्लेखनीय है कि, विगत जून माह के दौरान शिंदे गुट ने शिवसेना के साथ बगावत की थी और शिंदे गुट के 40 विधायक सूरत होते हुए गुवाहाटी चले गये थे. तब तत्कालीन राज्य मंत्री बच्चू कडू ने भी गुवाहाटी पहुंचकर शिंदे गुट के हाथ मिला लिया था और उस समय बगावत की अगुवाई करने वाले एकनाथ शिंदे के पास जाकर गुवाहाटी स्थित शक्तिपीठ मां कामाख्या देवी के दर्शन किये थे. वहीं विगत सप्ताह विधायक बच्चू कडू एक बार फिर सीएम एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी पहुंचे और उन्होंने एक बार फिर कामाख्या मंदिर पहुंचकर मां कामाख्या देवी के दर्शन किये. ऐसे में माना जा रहा है कि, विधायक बच्चू कडू पर मां कामाख्या देवी का अनुग्रह होना शुरु हो गया है.
* उद्धव ठाकरे के नसीब में दिव्यांगों की सेवा नहीं थी
– विधायक बच्चू कडू ने कसा तंज
वहीं इस बीच विधायक बच्चू कडू ने दिव्यांगों के मुद्दे को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा कि, दिव्यांगों के लिए काम करना पुण्य वाली बात है. लेकिन यह पुण्य महाविकास आघाडी सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नसीब में नहीं था. वहीं राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य की सत्ता में आते ही इस पुण्य कार्य को पूरा किया.
उद्धव सरकार में राज्य मंत्री रह चुके विधायक बच्चू कडू ने बताया कि, उन्होंने उस वक्त तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे तथा तत्कालीन डेप्यूटी सीएम अजित पवार के सामने कई बार दिव्यांगों के लिए काम करने का प्रस्ताव रखा. लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली. वहीं अब शिंदे सरकार के कार्यकाल दौरान इन कामों को गति मिली है और राज्य मंत्रिमंडल द्बारा दिव्यांगों के लिए स्वतंत्र मंत्रालय बनाये जाने की घोषणा की गई है, जो आगामी 3 दिसंबर से अपने कामकाज की शुरुआत कर देगा.