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कांशीराम के भतीजे ने रोपड थाने में शिकायत की

धोखाधडी का केस दर्ज करने की मांग

  • इसी जिले से बना है नवनीत का ‘कास्ट सर्टिफिकेट’

  • पंजाब एससी कमिशन के पास भी शिकायत, नवनीत को नोटीस जारी

  • लगातार बढती जा रही है नवनीत राणा की मुश्किले

अमरावती/दि.9 – जहां गत रोज जिले की सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाणपत्र को मुंबई हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया. जिसे उनके लिए काफी बडा झटका माना जा रहा है. वहीं दूसरी ओर फर्जी जाति प्रमाणपत्र के मामले को लेकर नवनीत राणा के खिलाफ विगत 6 मई को पंजाब के रोपड पुलिस थाने में भी एक शिकायत दर्ज करायी गयी है. साथ ही इस विषय को लेकर रूपानगर के एसएसपी के पास भी शिकायत दी गई है. सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि, यह शिकायत बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक स्व. कांशीराम के भतीजे एड. लखबीरसिंह द्वारा दर्ज करायी गयी है. इस शिकायत में नवनीतकौर के साथ ही उनके पिता हरभजनसिंह वल्द रामसिंह कुडलेस को भी फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में प्रतिवादी बनाया गया है.
इस शिकायत में कहा गया है कि, नवनीतकौर कुडलेस उर्फ नवनीत रवि राणा तथा उनके पिता हरभजनसिंह रामसिंह कुडलेस मूलत: पंजाब के रूपानगर जिलांतर्गत चमकौर साहिब तहसील के खोखर गांव के निवासी है, जो कालांतर में महाराष्ट्र के मुंबई जाकर बस गये. कुडलेस परिवार मूलत: पिछडावर्गीय श्रेणी में रहनेवाले ‘लुबना’ जाति से वास्ता रखते है. किंतु पंजाब छोडने से पहले उन्होंने गलत तरीके से अनुसूचित जाति में शामिल रहनेवाली ‘रविदासी’ जाति का प्रमाणपत्र रोपड से हासिल किया था और कालांतर में मुंबई में पढाई-लिखाई करनेवाली उनकी बेटी नवनीतकौर राणा के लिए ‘मोची’ जाति का प्रमाणपत्र बनाया गया, ताकि अनुसूचित जाति से संबंधित लाभ हासिल किये जा सके. साथ ही इसी फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर विवाह के बाद नवनीत राणा ने अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित सीट से दो बार चुनाव लडा और वर्ष 2019 के चुनाव में वे विजयी भी हुई. जो कि सीधे-सीधे सरकार एवं संविधान के साथ धोखाधडी एवं जालसाजी है. अत: उनके खिलाफ भादंवि की धारा 406, 420, 467, 468, 471 व 34 के साथ ही एससी-एसटी एक्ट के तहत भी अपराध दर्ज किये जाये.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, पेशे से वकील रहनेवाले लखबीरसिंह कांशीराम चैरिटेबल फाउंडेशन के सचिव भी है और उन्होंने रूपानगर के एसएसपी अखिल चौधरी के पास विगत 11 मई को निवेदन सौंपा. साथ ही इससे पहले 6 मई को वे रोपड पुलिस थाने में भी शिकायत दर्ज करा चुके है. ऐसे में मुंबई हाईकोर्ट के फैसले की वजह से समस्याओं में घिरी सांसद नवनीत राणा की दिक्कतें उनके परिवार के मूल निवासस्थान पर दर्ज हुई शिकायत की वजह से और भी अधिक बढ सकती है.

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