नागपुर/दि.20- मार्च माह के अंत में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग व्दारा यहां 25 लाख रुपए की रिश्वतखोरी का बडा भंडाफोड किया गया था. उस घटना को हुए तीन सप्ताह बीत गए, मगर एसीबी अधिकारियों ने संबंधित विधायक से कोई पूछताछ नहीं की है. उन्हें संपर्क भी नहीं किए जाने की जानकारी हाथ लगी है. एसीबी से संपर्क करने पर वे कोई उत्तर इस बारे में नहीं दे रहे. इस बीच बताया गया कि, दिलीप खोडे जमानत मिलने के बाद पुन: लापता है. खोडे पर अमरावती के राजापेठ थाने में अपराध दर्ज है. खोडे को एसीबी ने 25 लाख रुपए लेते रंगेहाथ दबोचा था. उसके साथ बताया गया शेखर भोयर बाद में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि भोयर ने प्रकरण में अपना कोई रोल होने से साफ इंकार दिया है. किंतु सबसे अधिक आश्चर्य इस बात का है कि जिस एमएलसी का नाम लेकर घूस मांगी गई थी. उनसे अब तक कोई दरयाफ्त नहीं की गई है. हालांकी विधायक महोदय ने घटना के तुरंत बाद मामले से अपना कोई लेना-देना नहीं होने का दावा कर दिया था.
* बदल गए जांच अधिकारी
25 लाख की रिश्वत की किश्त लेते दिलीप खोडे को पकडा गया था. खोडे मूल रुप से अमरावती एमआईडीसी कार्यालय में तकनीशियन के रुप में कार्यरत था. उसकी मंत्रालय में पहुंच के कारण एक और फ्रॉड किए जाने की शिकायत राजापेठ थाने में दर्ज की गई है. पुलिस ने बताया कि, जांच के लिए पता लगाने पर खोडे फरार हो गया है. उधर एक अधिकारी ने बताया कि, एसीबी के जो बडे अफसर इस प्रकरण की जांच कर रहे थे अब उनके स्थान पर दूसरे को यह जिम्मा दिया गया है.
* क्या है मामला
मूल रुप से यवतमाल निवासी विधान परिषद सदस्य के नाम पर दिलीप खोडे और उसके साथी ने आरटीओ भुयार से 1 करोड की रिश्वत मांगी थी. बदले में विधायक सदन में उक्त आरटीओ से संबंधित प्रकरण को नहीं उपस्थित करनेवाले थे. किंतु आरटीओ ने रिश्वत की पहली किश्त 25 लाख रुपए देते समय एसीबी को शिकायत कर दी थी. जिससे एसीबी ने कार्रवाई की. दो आरोपियों को पकडा. उनका रिमांड लिया गया फिर दोनों कोर्ट से जमानत पर छूटे हैं.