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खुशखबरः अप्पर वर्धा में ५० प्रतिशत ज्यादा पानी

पिछले वर्ष की तुलना

  • जिले के बडे, लघु, मध्यम जलाशय में ७०.६८ प्रतिशत पानी है

अमरावती/प्रतिनिधि दि.८ – इस बार बारिश के मौसम में झमाझम मुसलाधार बारिश बहुत कम हुई है, इसके बाद भी अच्छी बारिश मानी जा रही है. जिससे भुजलस्तर के साथ ही जलाशय भी लबालब भरे हुए है. अमरावती जिले का सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाला अपर वर्धा (उध्र्व वर्धा) जलाशय में फिलहाल ४८०.३७ याने ८५.१६ प्रतिशत जलसंग्रह है. जो कि पिछले वर्ष की तुलना में ५७.७४ फीसदी ज्यादा है. इसी तरह जिले के बडे, मध्यम, लघु ऐसे ९० जलाशय में ७०.६८ प्रतिशत जलसंग्रह है. पानी की यह स्थिति जिले के लिए शुभ संकेत है. इस वर्ष अपर वर्धा जलाशय में बारिश शुरु होने के बाद अब तक ४८०.३७ दलघमी यानी ८५.१६ प्रतिशत जलसंग्रह हुआ है.

पिछले वर्ष २०१९ में इसी समय तक अपर वर्धा जलाशय में केवल १५४.६५ दलघमी याने २७.४२ प्रतिशत ही जलसंग्रह था. इस वर्ष हुई अच्छी बारिश के चलते पिछले वर्ष की तुलना में ५७.७४ प्रतिशत अधिक जलसंग्रह दर्ज किया गया है. जिले के पांच मध्यम जलाशय की भी अच्छी स्थिति बताई जा रही है. शहानुर जलाशय में ३१.३५ दलघमी (६८.०९ प्रतिशत) जलसंग्रह है. ऐसे ही चंद्रभागा जलाशय में २४.३७ दलघमी (४९.०८ प्रतिशत) जलसंग्रह है, पूर्णा जलाशय में २४.९६ दलघमी (७०.५७ प्रतिशत) जलसंग्रह है, सपन जलाशय में ३१.९७ दलघमी (५६.९२ प्रतिशत) जलसंग्रह है, पंढरी जलाशय में ४.३३ दलघमी (७.६८ प्रतिशत) जलसंग्रह है, ऐसे पांचों मध्यम जलाशय मे इस बार १०६.९८ दलघमी याने ४९.१५ प्रतिशत जलसंग्रह है. मध्यम जलाशयों में पिछले वर्ष इससे अधिक पानी था. सभी मध्यम जलाशयों में पिछले वर्ष १२३.७७ दलघमी याने ५६.८६ प्रतिशत पानी उपलब्ध था. ८४ लघु जलाशयों में इस बार पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक पानी है. इस बार १२६.८१ दलघमी याने ५५.४६ प्रतिशत जलसंग्रह है. इन्हीं ८४ लघुजलाशयों में पिछले वर्ष २०१९ में केवल ६२.५२ याने २७.३४ फीसदी पानी था. इस तरह बडे, मध्यम और लघु ऐसे ९० जलाशयों में औसतन १०१०.३६ दलघमी पानी होना चाहिए, इसमें से इस बार ७१४.१६ दलघमी याने ७०.६८ फीसदी जलसंग्रह है. जो कि पिछले वर्ष से काफी अधिक है.

पिछले वर्ष इसी समय तक सभी जलाशयों में केवल ३४०.९४ दलघमी याने ३३.७४ प्रतिशत ही पानी था. इस बार जलाशयों में पर्र्याप्त जलसंग्रह से जिलेवासियों के लिए शुभ संकेत दिखाई दे रहे है. जलाशयों में पानी पर्याप्त होने के साथ ही भुजस्तर भी अच्छा बताया जा रहा है.

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