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विधायक सुलभाताई खोडके से इस्तीफा मांगने का मुद्दा
अमरावती प्रतिनिधि/९ – राज्य के घोषित बजट में वित्तमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बेलोरा हवाई अड्डा, वीएमवी तथा अन्य विकासात्मक बातों के लिये निधि दी. शासकीय मेडिकल कॉलेज के संदर्भ में भी सकारात्मकता दर्शायी. विधायक सुलभा खोडके के प्रयासों से बजट की झोली से अमरावतीवासियों को बहुत कुछ मिला है और बहुत कुछ मिलने की उम्मीद है. ऐसे में सिर्फ विरोध करना है, इस उद्देश्य को सामने रख भाजपा शहर अध्यक्ष किरण पातुरकर ने शासकीय मेडिकल कॉलेज के संदर्भ में विधायक सुलभा खोडके से जो त्यागपत्र मांगा है, उस पर नसीहत देते हुए राकांपा अमरावती विधानसभा के शहर अध्यक्ष धीरज श्रीवास ने कहा कि किरणभाऊ पातुरकर पहले अपना अज्ञान व अंधेरा दूर करे. श्रीवास ने यह भी कहा कि लाखों लोगों व्दारा अत्यंत विश्वास के साथ अपना प्रतिनिधि सुलभाताई खोडके को बनाया, उनका इस्तीफा मांगने का नैतिक अधिकार पातुरकरजी को नहीं है.
किरण पातुरकर व्दारा शासकीय मेडिकल कॉलेज के मुद्दे पर विधायक सुलभा खोडके का इस्तीफा मांगने के बयान का जवाब देते हुए धीरज श्रीवास ने कहा कि पातुरकर हमारे आदर्श व मार्गदर्शक हैं. उन्होंने शासकीय मेडिकल कॉलेज की नींव रखी. इसे हमारे नेता संजय खोडके ने भी स्वीकार किया. जब मेडिकल कॉलेज की बात चल रही थी, तब केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार थी. 5 वर्षों में केवल जगह देखने की और प्रस्ताव बनने की प्रक्रिया हुई. उस समय मेडिकल कॉलेज नहीं ला सके. अब महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार है. संजय व विधायक सुलभा खोडके निरंतर अमरावती के विकास हेतु प्रयासरत हैं. प्रशासकीय कामों में देर-सवेर हो सकती है. अमरावती में हर हाल में मेडिकल कॉलेज बनकर रहेगा. राज्य में और भी बजट पेश किये जायेंगे. थोड़ी श्रध्दा और सबुरी रखे. पातुरकर को थोड़ा सब्र रखना चाहिए. अपने गिरेबान में झाक कर लोकप्रतिनिधि से संयमित शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए. मेडिकल कॉलेज के मुद्दे पर बौखलाहट और चिल्लमपो मचाना उचित नहीं. विधायक सुलभा खोडके की कार्यक्षमता और विकास प्रणाली के बीच में रोडे अटकाना बंद करे. सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये उटपटांग बातें बंद करे. ऐसी सलाह व जवाब धीरज श्रीवास ने प्रेसविज्ञप्ति के माध्यम से दिया है.