कोंडेश्वर की ईट भट्टियों को मिला जीवनदान
अदालत ने 21 जून तक कार्रवाई पर दिया स्थगनादेश
* प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ 38 ईट भट्टा संचालक पहुंचे थे कोर्ट
* एड. अशोक जैन, एड. ऋषि छाबडा व एड. एम. सी. शर्मा ने की सफल पैरवी
अमरावती /दि.11- समिपस्थ कोेंडेश्वर मंदिर मार्ग स्थित सरकारी जमीन पर चल रहे ईट भट्टों को हटाने के लिए विगत बुधवार की सुबह राजस्व विभाग, पुलिस एवं मनपा द्वारा संयुक्त रुप से तोडू कार्रवाई की गई थी. जिसके चलते सख्ते में आये ईट भट्टा संचालकों ने उस समय प्रशासन के आगे हाथ-पांव जोडकर 20 मई तक का समय लिया था और तोडू दस्ते ने अपनी कार्रवाई को रोक दिया था. जिसके बाद 38 ईट भट्टा संचालकों ने अदालत पहुंचकर अपने खिलाफ हो रही कार्रवाई को चुनौती दी. जिसके बाद स्थानीय दीवानी वरिष्ठ न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई तक इस कार्रवाई को स्थगित रखने का आदेश जारी किया. साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 जून की तारीख तय की. जिसके चलते कोंडेश्वर परिसर में सरकारी जमीन पर व्यवसाय करने वाले ईट भट्टा संचालकों को फिलहाल एक माह के लिए राहत और जीवनदान मिल गया है. इन ईट भट्टा संचालकों की ओर से शहर के वरिष्ठ विधिज्ञ एड. अशोक जैन, एड. ऋषि छाबडा व एड. एम. सी. शर्मा ने अदालत में सफलतापूर्वक पैरवी की.
बता दें कि, शहर से लगे नये बायपास रोड के निकट कोंडेश्वर मंदिर मार्ग पर मौजे आलियाबाद सर्वे नं. 34, 35 व 92 में विगत कई वर्षों से सरकारी ई-क्लास जमीन पर ईट भट्टियां चल रही है. इसी स्थान पर अमरावती का सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित होना है. जिसके लिए जमीन खाली कराने हेतु यहां पर चल रहे ईट भट्टों को हटाने के लिए प्रशासन द्वारा विगत लंबे समय से प्रयास किये जा रहे है. साथ ही जिला प्रशासन ने इस जमीन पर अनधिकृत रुप से चल रहे ईट भट्टों को हटाने के लिए संबंधितों के नाम 6 माह पहले ही नोटीस भी जारी की थी. परंतु इसके बावजूद यहां से किसी भी ईट भट्टा संचालक ने अपने ईट भट्टों व मजदूरों की झोपडियों को नहीं हटाया था. जिसके चलते विगत 8 मई को जिला प्रशासन ने मनपा एवं पुलिस महकमें का सहयोग लेते हुए ईट भट्टों को हटाने के लिए तोडू कार्रवाई करनी शुरु की थी. यह कार्रवाई जारी रहने के दौरान खुद को हो रहे नुकसान को देखते हुए ईट भट्टा संचालकों ने अधिकारियों के सामने हाथ-पांव जोडते हुए खुद को थोडी मोहलत देने की मांग की. जिसके चलते प्रशासन द्वारा कार्रवाई को रोक दिया गया और ईट भट्टा संचालकों को 20 मई तक मुदत दी गई. जिसके बाद इस परिसर में व्यवसाय करने वाले 38 ईट भट्टा संचालकों ने अपने वकीलों के मार्फत स्थानीय अदालत में खुद पर हो रहे अन्याय के खिलाफ गुहार लगाई. जिस पर सुनवाई करते हुए स्थानीय दीवानी वरिष्ठ न्यायालय ने आगामी 21 जून को मामले की सुनवाई हेतु अगली तारीख तय करते हुए तब तक इस तोडू कार्रवाई को स्थगित रखने के निर्देश जारी किये.