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केवायसी अपडेट के नाम पर हो रही ऑनलाईन जालसाजी

सीपी डॉ. आरती सिंह ने सभी को किया सतर्क रहने का आवाहन

  • किसी अनजान व्यक्ति के साथ अपने बैंक खाते अथवा क्रेडीट व डेबिट कार्ड की डिटेल्स साझा नहीं करने की जारी की अपील

अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह तथा पुलिस आयुक्तालय के साईबर पुलिस थाने द्वारा सभी शहर वासियों के नाम अलर्ट जारी करते हुए कहा गया है कि, इन दिनों कोविड संक्रमण व लॉकडाउन के चलते लोगबाग बडे पैमाने पर इंटरनेट का प्रयोग करने लगे है. साथ ही सरकार द्वारा बैेंकिंग सेवाओं का डिजीटलायजेशन किये जाने के चलते अधिकांश बैंकिंग व्यवहार ऑनलाईन तरीके से हो रहे है. इन बातों का फायदा उठाते हुए साईबर अपराधियों द्वारा बैंक खातों में केवायसी अपडेट करने, एटीएम कार्ड सेवा बंद होने जैसी बातों के नाम पर सामान्य नागरिकों को फोन कॉल किये जाते है और बैंक से संबंधीत गोपनीय जानकारियां हासिल करते हुए बैंक खातों से रकम उडा ली जाती है. ऐसे में ऑनलाईन ठगबाजी से बचने हेतु इस तरह की फर्जी कॉल से सावधान रहना चाहिए और किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ बैंक खाते अथवा क्रेडीट कार्ड व डेबिट कार्ड की डिटेल और मोबाईल पर आनेवाले ओटीपी की जानकारी को साझा नहीं किया जाना चाहिए.
इस संदर्भ में नागरिकोें को जागरूक करने हेतु जारी प्रेस विज्ञप्ती में सीपी डॉ. आरती सिंह ने कहा कि, साईबर अपराधियों द्वारा सर्वसामान्य नागरिकों को एसएमएस के जरिये एक लिंक भेजी जाती है. जिसमें लिखा होता है कि, आपके बैंक खाते से संबंधित केवायसी को अपडेट करना है. अत: साथ दी गई लिंक पर क्लिक करके अपनी जानकारी दो, अन्यथा आपके बैंक खाते को सीझ कर दिया जायेगा. इसके अलावा कई मामलों में साईबर अपराधियों द्वारा नागरिकों को फोन करते हुए बताया जाता है कि, वे बैंक से बात कर रहे है और बैंक अकाउंट की केवायसी अपडेट करना है. अत: फोन पर ही तुरंत जानकारी दी जाये, अन्यथा बैंक खाते को बंद कर दिया जायेगा और एटीएम कार्ड भी ब्लॉक कर दिया जायेगा. जिसके बाद बैंक खाता सीझ होने अथवा एटीएम कार्ड बंद होने के डर से सर्वसामान्य नागरिक अपने बैंक खाते से संबंधित व्यक्तिगत व गोपनीय जानकारी लिंक अथवा फोन के जरिये दे देते है. इसके साथ ही सामान्य नागरिकों को आकर्षित करने हेतु साईबर अपराधियों द्वारा कुछ आकर्षक स्किम के साथ-साथ पुरस्कार व इनाम का लालच देते हुए भी गोपनीय जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते है. जिनके झांसे में कई लोग फंस जाते है.
उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने बताया कि, कोई भी बैंक तथा ई-वॉलेट कंपनी अपने ग्राहकों का केवायसी अपडेट करने हेतु वॉटसऍप मैसेज या एसएमएस का प्रयोग नहीं करते. साथ ही इसके लिए कोई फोन कॉल भी नहीं किये जाते. ऐसे में अपने बैंक खाते, डेबीट कार्ड व क्रेडीट कार्ड के नंबर, पिन नंबर, ओटीपी व सीवीवी क्रमांक की जानकारी किसी को भी नहीं देनी चाहिए. यहां तक की यह जानकारी बैंक के किसी अधिकृत कर्मचारी को भी नहीं दी जानी चाहिए. किसी भी बैंक द्वारा डिजीटल तरीके से केवायसी अपडेट करने हेतु ग्राहकों को एनीडेस्क, टीमव्यूअर तथा क्विक सपोर्ट जैसे एप्लीकेशन कंप्यूटर अथवा मोबाईल में इंस्टॉल करने हेतु नहीं कहा जाता. इसके अलावा बैंक द्वारा अपने ग्राहकों को किसी भी तरह के ऑफर, इनाम व रिवॉर्ड भी नहीं दिये जाते. अत: नागरिकों ने इस तरह के झांसे में नहीं आना चाहिए. इसके साथ ही बैंक द्वारा अधिकृत तौर पर भेजे जानेवाले मैसेज अथवा ई-मेल को ठीक ढंग से समझना चाहिए और यदि इसमें कोई दिक्कत आती है, तो तुरंत ही अपनी बैंक शाखा अथवा नजदिकी बैंक शाखा में जाकर इस बारे में पूछताछ करनी चाहिए. वहीं यदि तमाम सावधानियो के बावजूद ऑनलाईन ठगबाजी या जालसाजी का शिकार हो जाते है, तो तुरंत ही साईबर पुलिस थाने में पहुंचकर इसकी जानकारी देनी चाहिए, ताकि साईबर पुलिस द्वारा तुरंत ही आवश्यक कदम उठाते हुए बैंक से उडाई गई रकम को वापिस हासिल करने का प्रयास किया जा सके.

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