ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी नहीं पडने दी जायेगी
जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने सभी को किया आश्वस्त
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प्रशासन को दिये आवश्यक कदम उठाने के निर्देश
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जिलाधीश कार्यालय में ली समीक्षा बैठक
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२८– जिले में जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमित (Corona infected) मरीजों की संख्या बढ रही है, उसे देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडरों (Oxygen cylinders) को पर्याप्त प्रमाण में उपलब्ध करवाने हेतूु पुरे प्रयास किये जाने जरूरी है और प्रशासन ने इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिये. इस आशय का निर्देश राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर (Yashomati Thakur) ने दिये. स्थानीय जिलाधीश कार्यालय में पालकमंत्री एड. ठाकुर की उपस्थिति में एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें स्थानीय विधायक सुलभा खोडके, जिलाधीश शैलेश नवाल, हव्याप्र मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, सचिव प्रा. रविंद्र खांडेकर व डॉ. संजय तीरथकर सहित अनेकों गणमान्य उपस्थित थे.
इस बैठक में पालकमंत्री एड. ठाकुर ने कहा कि, कोरोना की संक्रामक बीमारी को नियंत्रित करने हेतु सर्वसमावेशक व एकजूट प्रयासों की जरूरत है. फिलहाल जिले में कृत्रिम ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है. किन्तु मरीजोें की लगातार बढती संख्या को देखते हुए भविष्य में भी पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर स्टॉक उपलब्ध रखने हेतु प्रयास करने जरूरी है. जिसके लिए संबंधित कंपनी व संस्थाओें द्वारा योगदान दिया जाना चाहिए. साथ ही इस बात को लेकर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि, ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति किसी भी हाल में खंडित न हो और इस काम में किसी तरह की कोई दिक्कत भी उत्पन्न ना हो. साथ ही जिला पालकमंत्री ने इन दिनों निजी कोविड अस्पतालों द्वारा मरीजों से वसूल किये जा रहे अनाप-शनाप बिलों के संदर्भ में मिल रही शिकायतों के संदर्भ में कहा कि, ऐसी बातों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और शिकायतों की जांच करने के बाद आरोप सही साबित होने पर संबंधितों के खिलाफ कडी कार्रवाई भी की जायेगी.
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हर तहसील को दी जायेगी एक नई एम्बुलन्स
पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, प्रशासन द्वारा नई एम्बुलन्सों की खरीदी की जा रही है. जिसमें से हर एक तहसील को एक-एक एम्बुलन्स दी जायेगी. साथ ही हर एक तहसील में एक-एक वेंटिलेटर की व्यवस्था भी उपलब्ध करायी जायेगी.
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सुपर में लग रहे ४५० जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर
इस समय जिलाधीश शैलेश नवाल ने बताया कि, इर्विन व सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था पूरी तरह से चुस्त-दुरूस्त की गई है. सुपर स्पेशालीटी के कोविड अस्पताल में ८० सिलेंडरों के साथ काम शुरू किया गया था. वहीं अब यहां पर ४५० जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था उपलब्ध है. साथ ही यहां पर लिक्वीड ऑक्सीजन टैंक का काम भी शुरू किया गया है. जो बहुत जल्द पूरा हो जायेगा. जिलाधीश नवाल ने बताया कि, इस समय ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति नागपुर से हो रही है. किन्तु नागपुर में ही बडे पैमाने पर ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग बढ जाने से कुछ हद तक समस्या देखी जा रही है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, सभी निजी कोविड अस्पताल अपने यहां पर कम से कम एक दिन का अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर स्टॉक तैयार रखे. इस बैठक में निवासी उपजिलाधीश डॉ. नितीन व्यवहारे, मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत, पार्षद विलास इंगोले व दिनेश बूब, डॉ. लुंगे, डॉ. चोरडिया, मुन्ना राठोड, प्रशांत वानखडे, कांचनमाला गावंडे तथा कांग्रेस शहराध्यक्ष किशोर बोरकर उपस्थित थे.
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प्रशासन का काम बेहतरीन, जनसहभागिता बढाना जरूरी
इस बैठक में उपस्थित हव्याप्रमं के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य भी हेल्पलाईन पदाधिकारियों के साथ उपस्थित थे तथा उन्होंने कोरोना काल के दौरान सरकार एवं प्रशासन द्वारा किये जा रहे सभी कामों की प्रशंसा करते हुए कहा कि, कोरोना के खिलाफ जनजागृति एवं प्रतिबंधात्मक उपायों में जनसहभागिता बढाया जाना जरूरी है. साथ ही रासेयो व एनसीसी पथक के युवाओं को इस अभियान के साथ जोडा जाना चाहिए.
पद्मश्री वैद्य के मुताबिक युवा पीढी को कोरोना काल के दौरान अपने घर पर बिठाये रखने की बजाय कोरोना के खिलाफ सकारात्मक ढंग से मैदान में उतारा जाना चाहिए, ताकि उनके युवा जोश का सदुपयोग किया जा सके. साथ ही उन्होंने बताया कि, जिले में प्लाज्मा थेरेपी को बढाया जाना आवश्यक है. इस बात के मद्देनजर हेल्पलाईन द्वारा अब तक कोरोना से ठीक हो चुके सभी मरीजों से संपर्क करते हुए उन्हें प्लाज्मा दान के लिए तैयार किया जा रहा है, ताकि अन्य संक्रमित मरीजों की रोग प्रतिकारक क्षमता बढाने हेतु कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों का प्लाज्मा बडे पैमाने पर उपलब्ध हो. साथ ही उन्होंने शहर में ऑक्सीजन सिलेंडरों की किल्लत को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि, कई निजी कोविड अस्पतालों द्वारा अपने यहां भरती होनेवाले मरीजों से इलाज के नाम पर भारी भरकम बिल वसूला जा रहा है. जिस पर तुरंत लगाम लगाये जाने की जरूरत है.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, ग्रामीण क्षेत्र में रैपीड एंटीजन टेस्ट (Rapid Antigen Test) की सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध करायी जानी चाहिए. क्योकि ग्रामीण क्षेत्र में यदि कोई व्यक्ति किसी भी अन्य बीमारी से संक्रमित हुआ तो उसे इलाज से पहले अपनी कोरोना टेस्ट (Corona Test) करवाने हेतु अमरावती आना पडता है. जिसके चलते संबंधित व्यक्ति का पैसा व श्रम तो खर्च होते ही है, लेकिन इस दौरान उसके कोरोना संक्रमित होने का खतरा भी काफी अधिक बढ जाता है.