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मंगल कार्यालयों व लॉन में बुकिंग के नाम पर अटके हैं लाखों रूपये

  •  रिफंड को लेकर चल रही जमकर माथापच्ची

  •  कई संचालक कर रहे एडवांस लौटाने में आनाकानी

  •  कुछ ने किश्तों में पार्ट पेमेंट करने की तैयारी दर्शाई

अमरावती/प्रतिनिधि दि. 20 – विगत एक वर्ष से चले आ रहे कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से जीवन के सभी क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित हुआ है. पिछले वर्ष के अंत में जैसे तैसे कामकाज पटरी पर लौट रहा था कि जारी वर्ष की शुरूआत में कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली और अमरावती को लॉकडाऊन सहित कड़े प्रतिबंधात्मक नियमों का सामना करना पड़ा. जिसकी वजह से इन दिनों मंगल कार्यालयों व लॉन में काम पूरी तरह से बंद है. लेकिन इसका खामियाजा मंगल कार्यालय व लॉन संचालकों सहित उन लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है, जिन्होंने अच्छा मुहूर्त और दिन देखकर अपने बच्चों की शादी हेतु जारी सीजन में मंगल कार्यालय व लॉन बुक करवाये थे. यह बुकिंग करते समय जो रकम एडवांस के तौर पर दी गई थी, वह अब मंगल कार्यालय व लॉन संचालकों के पास फंस गई है और इसमें से कई संचालक यह कम लौटाने में आनाकानी कर रहे हैं, वहीं कुछ ने किश्तों में कुछ रकम काटकर पार्ट पेमेंट करने की तैयारी दर्शाई है. ऐसी जानकारियां लगातार सामने आ रही हैं.
उल्लेखनीय है कि इन दिनों लॉन व मंगल कार्यालयों सहित होटलों में बड़ी धूमधाम के साथ विवाह समारोह आयोजित करने का चलन बढ़ गया है, जिसके चलते लोग बाग अपने घर परिवार में विवाह का मुहूर्त तय होते ही सबसे पहले विवाह स्थल की बुकिंग करते हैं, जिसके लिए बाकायदा एडवांस रकम भी अदा करनी होती है, जो एक तरह से वापिसयोग्य नहीं होती. हालांकि इसके साथ कई तरह के नियमों व शर्तों का समावेश होता है. लेकिन विगत एक वर्ष से हालात पूरी तरह से बदले हुए हैं. पिछले वर्ष भी ऐन शादी-ब्याह के सीजन के वक्त कड़ा लॉकडाऊन लग गया था और पूरा कामकाज ठप्प हो गया था, जिसकी वजह से कई विवाह समारोह स्थगित व रद्द करने पड़े थे. पश्चात लॉकडाऊन में छूट मिलने और अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद मंगल कार्यालयों व लॉन में विवाह समारोह आयोजित करने की छूट मिली, किंतु इसके साथ अधिकतम उपस्थिति की शर्त जुड़ी हुई थी. वहीं कोरोना संक्रमण की दोबारा अनियंत्रित होती स्थिति को देखते हुए विगत 22 फरवरी से अमरावती में दोबारा लॉकडाऊन लगाया गया, जो  मार्च को शिथिल कर दिया गया. लेकिन अब तक मंगल कार्यालयों व लॉन को खुलने की इजाजत नहीं दी गई है और होटलों में विवाह समारोह जैसा आयोजन करने की अनुमति नहीं है. बल्कि लोग-बाग अपने घरों या घर के आस-पास खुली जगह पर अधिकतम 25 लोगों की उपस्थिति में विवाह समारोह आयोजित कर सकते हैं. ऐसे में इस दौरान जिन लोगों ने अपने बच्चों के विवाह हेतु मंगल कार्यालय, लॉन व होटल बुक कर रखे थे, उनकी अच्छी खासी रकम एडवांस के नाम पर फंस गई है और अब वे लोग अपनी रकम का रिफंड मांगने हेतु संबंधित मंगल कार्यालय, लॉन व होटल के चक्कर काट रहे हैं.
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक कई संचालकों ने तो एडवांस की रकम लौटाने से सीधे तौर पर इन्कार ही कर दिया है. उनका कहना रहा कि बुकिंग लेने के बाद उनका अच्छा खासा पैसा इवेंट की तैयारी और अपने कर्मचारियों की पेमेंट में खर्च हो गया, अत: वे अब रिफंड देने में असमर्थ हैं. वहीं कुछ संचालक ऐसे भी है, जिन्होंने एडवांस में से खर्च हो चुकी रकम काटकर शेष रकम लौटाने की तैयारी दिखाई है, लेकिन उनका कहना है कि वे एकमुश्त रकम नहीं लौटा सकते, बल्कि किश्तों-किश्तों में पैसा लौटाएंगे. अब कितनी किश्तों में कबतक पैसा लौटाया जायेगा, इसे लेकर भी माथापच्ची जारी है. ऐसे हालात में बुकिंग करवानेवाले परिवारों और मंगल कार्यालयों व लॉन संचालकों के बीच जमकर तनातनी वाली स्थिति है. लॉकडाऊन और अनलॉक के चक्कर में अपने घर पर होनेवाली शादी व इस हेतु की गई तमाम तैयारियां व्यर्थ चले जाने से लोग-बाग वैसे ही काफी परेशान हैं. वहीं उनका काफी सारा पैसा मंगल कार्यालय, लॉन, कैटरर, डेकोरेटर सहित अन्य कुछ स्थानों पर एडवांस बुकिंग के नाम पर फंस गया है. उधर एडवांस लेनेवाली पार्टी का कहना है कि इस दौरान वे भी आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे हैं और इवेंट कैंसिल होने में उनकी कोई गलती है, ऐसे में एडवांस लौटाने का सवाल ही नहीं उठता. बावजूद इसके कुछ लोग एडवांस का कुछ हिस्सा लौटाने को तैयार हैं. अत: उनकी भी दिक्कत को समझा जाये. ऐसे में कुल मिलाकर हालात काफी विकट हैं और लॉकडाऊन व अनलॉक के बीच पैसों का पेंच फंसा हुआ है. हालांकि इसमें से कुछ लोगों ने एक रास्ता यह भी निकाला है कि जब कभी अनलॉक की प्रक्रिया में मंगल कार्यालयों व लॉन को खुलने की अनुमति मिलेगी, पहले से बुकिंग रहनेवाले लोग उस वक्त खाली रहनेवाली तारीख पर अपने पुर्वस्थगित विवाह समारोह को वहां आयोजित कर लें. इससे दोनों पक्षों को आसानी होगी. किंतु जो लोग इस दौरान अपने बच्चों की शादी अपने घरों पर संपन्न करवा चुके हैं, उनमें से अधिकांश अब इसके लिए भी राजी नहीं, जिसकी वजह से कुछ मामले अब भी उलझे हुए पड़े हैं.

 

  • रेस्टॉरेंट से पार्सल सुविधा के नाम पर बासी भोजन!

उल्लेखनीय है कि लॉकडाऊन काल के दौरान जिला प्रशासन ने सभी होटल व रेस्टॉरेंट्स को बंद करवाते हुए वहां से केवल पार्सल सुविधा जारी रखने के आदेश दिये थे. पश्चात विगत 16 मार्च को सुबह 9 से शाम 6 बजे तक होटल व रेस्टॉरेंट्स को खुलने की अनुमति गई. इसमें यह शर्त जोडी गई कि एक समय में कुल क्षमता की तुलना में 33 फीसदी ग्राहक की होटल व रेस्टॉरेंट में उपस्थित रह सकते हैं और अन्य ग्राहकों के साथ ही शाम 6 बजे के बाद होटल व रेस्टॉरेंट पार्सल सुविधा उपलब्ध करा सकेंगे. किंतु चूंकि इन दिनों होटल व रेस्टॉरेंट में कोई खास ग्राहकी नहीं है और लोग-बाग भी बाहर का खाना पसंद नहीं कर रहे. ऐसे में वहां पहले से पकाकर तैयार रखा जानेवाला भोजन बचा रह जाना पूरी तरह से तय है. इन दिनों कई ग्राहकों द्वारा शिकायतें की जा रही हैं, उनके द्वारा भोजन का ऑर्डर करने पर जो पार्सल भेजा गया, उसमें बासी भोजन था. इस बारे में संबंधित होटल व रेस्टॉरेंट प्रबंधन से शिकायत करने पर दूसरी ओर से ऐसा कुछ भी होने से साफ इंकार किया गया. किंतु कई ग्राहकों ने भोजन के स्वाद और गंध को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है. ऐसे में अब जिला प्रशासन सहित अन्न व औषधि प्रशासन को भी चाहिए कि होटल व रेस्टॉरेंट से पार्सल के नाम पर भेजे जानेवाले भोजन की गुणवत्ता पर नजर रखी जाये, अन्यथा कोरोना के खतरे से निपटने के बीच किसी दिन विषबाधा की किसी बड़ी घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.

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