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लप्पी जाजोदिया ने मुझे जान से मारने की धमकी दी

पूर्व महापौर अशोक डोंगरे ने पत्रवार्ता में दी जानकारी

  • जाजोदिया पर वडाली के महादेव मंदिर संस्थान की जगह हडपने का भी आरोप

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – शहर के पूर्व महापौर तथा वडाली परिसर के तीन बार नगरसेवक रह चुके अशोक डोंगरे ने यहा बुलायी गई पत्रवार्ता में सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि, शहर के ख्यातनाम बिल्डर लप्पी जाजोदिया ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है. साथ ही जाजोदिया ने वडाली परिसर स्थित महादेव मंदिर को दान में मिली जगह भी हडप ली है. जिसे लेकर अदालत में मामला विचाराधीन है और जाजोदिया उन पर लगातार यह मुकदमा वापिस लेने का दबाव बना रहे है.
इस पत्रकार परिषद में पूर्व महापौर अशोक डोंगरे ने बताया कि, उनकी वडाली नाका परिसर में जय बजरंग दूध डेअरी है और उनकी दूकान के उपर पहली मंजील पर लप्पी जाजोदिया की मिल्कीयतवाला एक हॉल है. विगत 20 जुलाई को लप्पी जाजोदिया अपने एक कर्मचारी के साथ अपना हॉल देखने पहुंचे. इस समय उनका कर्मचारी उपर हॉल में गया और जाजोदिया नीचे ही रूक गये. यह देखकर इंसानियत के नाते उन्होंने जाजोदिया को बैठने के लिए कुर्सी दी. चूंकि वडाली परिसर में स्थित महादेव मंदिर की जगह जाजोदिया द्वारा हडपी गई है और यह मामला हाईकोर्ट के सामने विचाराधीन है. ऐसे में जाजोदिया ने उन्हें इस मामले में सेटलमेंट करते हुए मंदीर की जगह से अपना दावा छोडने के लिए लालच दिखाने के साथ-साथ उन पर दबाव बनाना भी शुरू किया. जिससे इन्कार करने पर जाजोदिया ने उन्हेें ‘किससे बात कर रहे हो, जानते नहीं क्या, तुमको देख लूंगा’ कहते हुए जान से मारने की धमकी दी.
इस पूरे मामले की पार्श्वभूमि बताते हुए पूर्व महापौर अशोक डोंगरे ने कहा कि, वडाली परिसर में महादेव का पुरातन मंदिर है और इस मंदिर को वर्ष 1907 में वडाली परिसर के दानवीर व्यक्ति पांडूरंग तिडके पाटील ने अपनी करीब 90 एकड जमीन दानपत्र के जरिये दान कर दी थी. किंतु मंदिर के विश्वस्तों ने इन 90 एकड जमीन में से 20 एकड जमीन पांडूरंग तिडके पाटील की बेटी को ‘चोली-बांगडी’ के तौर पर भेंट की थी. साथ ही मंदिर को दान में मिली जमीन खेती-किसानी के लिए 4 परिवारों को सौंपी गई थी. किंतु विदर्भ में कुल कायदा अस्तित्व में नहीं रहने के चलते मंदिर की ओर से जिन परिवारों को जमीन अधाई-बटाई पर दी गई थी, उन परिवारों के वारिसों के साथ मिलीभगत करते हुए लप्पी जाजोदिया ने यह जमीन हडपने का प्रयास किया. जिसमें तहसील कार्यालय के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों ने लप्पी जाजोदिया को मदद की. इस पूरे मामले की शिकायत तत्कालीन जिलाधिकारी शैलेश नवाल से की गई थी. साथ ही इसे लेकर महादेव मंदिर संस्थान की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई और हाईकोर्ट द्वारा इस जमीन केे खरीदी-बिक्री व्यवहार की जांच करने का आदेश भी जारी किया गया है. ऐसे में लप्पी जाजोदिया द्वारा बार-बार कोर्ट-कचहरी के मामले को खत्म करने तथा सेटलमेंट कर लेने की बात जाती है. इसी के तहत विगत 20 जुलाई को लप्पी जाजोदिया ने उन्हेें सेटलमेंट करने के लिए मान जाने अथवा इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की धमकी दी.
पत्रवार्ता में अशोक डोंगरे ने साफ तौर पर कहा कि, वडाली परिसर उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि है तथा पुरातन महादेव मंदिर उनकी आस्था से जुडा हुआ है. ऐसे में इस मंदिर की जमीन हेतु वे अपनी अंतिम सांस तक संघर्ष करेंगे.इस पत्रकार परिषद में महादेव मंदिर संस्थान, वडाली के अध्यक्ष राजू गोवने, सचिव विजय बाभुलकर तथा संजयसिंह ठाकुर व सोमेश्वर आप्पा मुंजाले आदि उपस्थित थे.

  • जल्द ही डोंगरे के साथ मिलकर लूंगा संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस

– लप्पी जाजोदिया ने किया दूध का दूध और पानी का पानी करने का दावा
वहीं इस मामले को लेकर प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर ख्यातनाम बिल्डर लप्पी जाजोदिया ने कहा कि, 20 जुलाई को वे चांदूर रेल्वे से अमरावती की ओर लौट रहे थे. इस समय वे वडाली परिसर स्थित अपने हॉल के पास रूके, क्योेंकि पहली मंजील पर स्थित हॉल की खिडकी उन्हें टूटी हुई दिखाई दी. इस समय आकाश बोरसे नामक उनका कर्मचारी पहली मंजील पर गया और वे अपनी कार में अपने कार ड्राईवर रवि नाईक के साथ बैठे हुए थे. उनके हॉल के ठीक नीचे अशोक डोंगरे की दूध डेअरी है और उन्हें देखकर अशोक डोंगरे खुद उनकी कार तक चलकर आये थे. चूंकि उन्होंने वडाली परिसर में एक जमीन को पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए नियमानुसार खरीदा है. जिसे लेकर अशोक डोंगरे उन पर आरोप लगा रहे है और मामला अदालत के सामने विचाराधीन है, तो उसी मामले को लेकर खुद डोंगरे ने उनसे बातचीत करनी शुरू की और गाली-गलौज भी की. डोंगरे ने उन्हें अपने पूर्व महापौर होने की बात कहते हुए लगभग धमकानेवाले अंदाज में बातचीत की. इस पूरे वाकये की वीडियो शूटींग उनके कार चालक रवि नाईक ने अपने मोबाईल के जरिये की है. जिसमें डोंगरे उन्हें धमकाते हुए नजर आ रहे है और वे यह वीडियो क्लिप अब सीधे अदालत के सामने भी रखेंगे. साथ ही यदि डोंगरे उनके आमने-सामने बैठकर बातचीत करने के लिए तैयार है, तो वे अशोक डोंगरे के साथ मिलकर एक संयुक्त पत्रकार परिषद भी ले सकते है. जिसमें खुद को महादेव का सच्चा भक्त बतानेवाले अशोक डोंगरे शिवपिंड पर हाथ रखकर बताये की 20 जुलाई को किसने किससे क्या कहा था और किसने किसके साथ गाली-गलौज की थी. इसके साथ ही जमीन को लेकर लगाये गये आरोप के संदर्भ में लप्पी जाजोदिया का कहना रहा कि, उनका जमीन की खरीदी-बिक्री का ही काम है, यह बात सभी जानते है और आज तक उनके नाम के साथ कोई कोर्ट-कचहरी का मामला या विवाद नहीं जुडा है. इस मामले में भी उन्होंने जमीन के मूल मालिकों के वारिसों से तमाम दस्तावेजों की जांच-पडताल करने के बाद ही पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए जमीन खरीदी और यदि अशोक डोंगरे को लगता है कि इस व्यवहार में कोई गडबडी हुई है, तो उनके पास मामले की जांच करवाने और अदालती लडाई लडने का पर्याय खुला हुआ है. किंतु जिस तरह से डोंगरे बेतुके व बेसिरपैर के आरोप लगा रहे है. उसका समर्थन नहीं किया जा सकता.

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