स्व. सूर्यकांतादेवी रा. पोटे राज्यस्तरीय मराठी साहित्य पुरस्कार घोषित
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विदर्भ के ज्येष्ठ साहित्यीक डॉ. श्रीकांत तिडके होंगे ‘साहित्यव्रती’ से सम्मानित
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कहानीकार संजय महल्ले, श्रीकांत पाटील, गजलकार नितीन देशमुख, डॉ. अशोक इंगले, विजय चोरमारे, अशौक कौतिक कोली, कैलास
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दौंड, विश्वास वसेकर व सुमन नवलकर को विविध पुरस्कार
अमरावती/प्रतिनिधि दि.7 – मातोश्री स्व. सुर्यकांतादेवी रामचंद्रजी पोटे चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से प्रतिवर्ष दिये जानेवाले राज्यस्तरीय मराठी साहित्य पुरस्कारों की वर्ष 2020 हेतु घोषणा की गई. इसके तहत इस वर्ष सुप्रसिध्द साहित्यीक व समीक्षक डॉ. श्रीकांत तिडके को ‘साहित्यव्रती’ पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. साथ ही विविध साहित्य प्रकारों के लिए राज्य के साहित्यीकों को पुरस्कृत किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि, विविध साहित्य प्रकारोें के लिए साहित्यकारों को सम्मानित करनेवाली यह विदर्भ क्षेत्र का सबसे बडा पुरस्कार आयोजन होता है.
इस वर्ष बेहतरीन उपन्यास हेतु अमरावती निवासी संजय महल्ले के ‘काईमेरा’ व कोल्हापुर निवासी श्रीकांत पाटील के ‘लॉकडाउन’ के लिए संयुक्त रूप से पुरस्कार दिया जायेगा. वहीं उत्कृष्ट कथा संग्रह पुरस्कार जामनेर निवासी अशोक कौतिक कोली के ‘कडीबंदी’ कथासंग्रह को घोषित हुआ है. बेलोरा निवासी गजलकार नितीन देशमुख के ‘प्रश्न टांगले आभाळाला’ कविता संग्रह को उत्कृष्ट काव्यसंग्रह हेतु पुरस्कार घोषित किया गया है. वहीं ललीत लेखन हेतु पुणे निवासी विश्वास वसेकर के ‘ऋतु बरवा’ ग्रंथ का चयन किया गया है. समीक्षा साहित्य प्रकार में अकोला निवासी डॉ. अशोक इंगले के ‘समकालीन साहित्य मीमांसा-नवी प्रारूपे’ ग्रंथ को तथा संमिश्र प्रकार में मुंबई निवासी विजय चोरमारे के ‘कर्तृत्ववान मराठा स्त्रिया’ ग्रंथ को पुरस्कार दिया जा रहा है. बाल साहित्य प्रकार में अहमदनगर निवासी कैलाश दौंड के ‘माझे गाणे आनंदाचे’ इस बालकविता संग्रह तथा मुंबई निवासी सुमन नवलकर के ‘पिट्टू-पिट्टू पोपट’ इस बालकहाणी संग्रह का चयन किया गया है.
बता दें कि पूर्व राज्यमंत्री व विधायक प्रवीण पोटे पाटील द्वारा अपनी माताजी स्व. सूर्यकांतादेवी रामचंद्रजी पोटे की स्मृति में स्थापित किये गये ट्रस्ट की ओर से मराठी साहित्य के विविध लेखन प्रकार हेतु समूचे महाराष्ट्र के साहित्यकारों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है. साथ ही विदर्भ के वरिष्ठ साहित्यकारों की साहित्य सेवा को देखते हुए उन्हें साहित्यव्रती पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. जिसके तहत 11 हजार रूपये नकद, सम्मानपत्र, स्मृतिचिन्ह, शॉल व श्रीफल प्रदान किया जाता है. इस प्रतिष्ठापूर्ण पुरस्कार हेतु इस बार विदर्भ क्षेत्र के वरिष्ठ साहित्य डॉ. श्रीकांत तिडके का चयन किया गया है. साथ ही अन्य पुरस्कारों के तहत 5 हजार रूपये नकद, स्मृति चिन्ह, शॉल, श्रीफल व सम्मानपत्र प्रदान किये जाते है.
इसके अलावा इस ट्रस्ट द्वारा प्रतिवर्ष वैविध्यपूर्ण लेखनकार्य हेतु अमरावती जिले के लेखकों को भी सम्मानित किया जाता है. इस वर्ष इस हेतु डॉ. स्मिता देशमुख, डॉ. जयंत वडतकर, डॉ. गजानन हेरोले, गजानन मते, डॉ. गजानन बनसोड व संदीप देशमुख का चयन किया गया है. इन सभी पुरस्कार विजेता साहित्यकारों का मातोश्री स्व. सुर्यकांतादेवी रामचंद्रजी पोटे चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष रामचंद्रजी पोटे द्वारा अभिनंदन किया गया है. इन पुरस्कारों हेतु प्राप्त हुए लेखन साहित्य का गणमान्य परिक्षकों द्वारा परीक्षण किये जाने के बाद पुरस्कार समिती की बैठक में विजेता साहित्यकारों के नामोें पर अंतिम मूहर लगायी गयी और समिती की संयोजिका डॉ. शोभा रोकडे द्वारा पुरस्कार विजेता नामों की घोषणा की गई. इस बैठक में समिती के सदस्य डॉ. कुमार बोबडे, डॉ. पंकज वानखडे, आर. एस. तायडे, डॉ. मंदा नांदूरकर, एड. प्राजक्ता राउत तथा वृषाली वानखडे आदि उपस्थित थे.