शीत सत्र में मराठा आरक्षण हेतु कानून!
पिछडा वर्ग आयोग की रिपोर्ट की प्रतीक्षा
मुंबई/दि.17 – मराठा समाज को ओबीसी प्रवर्ग में आरक्षण देने राज्य सरकार तैयार नहीं है. राज्य पिछडा वर्ग आयोग की नई रिपोर्ट के पश्चात सामाजिक तथा आर्थिक दृष्टि से पिछडे एमबीबीसी प्रवर्ग को आरक्षण देने पहले की सरकारों द्वारा बनाए गए कानून की तर्ज पर मराठा समाज को आरक्षण देने की हलचल शुरु है. विश्वसनीय तथा अधिकृत सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि, अगले माह नागपुर में हो रहे शीतकालीन अधिवेशन में नया कानून बनाया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि, मराठा समाज को सीधे कुणबी प्रमाणपत्र देकर ओबीसी में शामिल करने की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल ने भूख हडताल की. जिसके बाद सरकार ने आगामी 2 माह में आरक्षण देने का आश्वासन दे रखा है. जरांगे पाटिल ने आगामी 24 दिसंबर की मुदत दी है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहले ही स्पष्ट कर रखा है कि, मराठा समाज को ओबीसी से अलग स्वतंत्र आरक्षण दिया जाएगा. उसके लिए न्या. आनंद निरगुडे, पूर्व न्यायाधीश न्या गायकवाड और न्या. भोसले की समिति बनाई गई. समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा हो रही है. रिपोर्ट प्राप्त होते ही सरकार आगामी 7 दिसंबर से नागपुर में शुरु हो रहे 2 सप्ताह के शीत सत्र के दौरान नया कानून बना सकती है. ऐसे संकेत उच्च पदस्त सूत्रों ने दिए हैं.