रात 12 बजे तक बार खुले रखने की छूट मिले
जिला परमिट रूम एसो. ने सौंपा पालकमंत्री एड. ठाकुर को ज्ञापन
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ढाबोें व अंडागाडियों पर चलनेवाले अवैध मद्यप्राशन को रूकवाने की भी मांग उठायी
अमरावती प्रतिनिधि/दि.४ – इस समय अमरावती जिले में लगभग 3 हजार 300 बार व परमिट रूम है. जिनके जरिये 8 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं 10 हजार लोगोें को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता है. लॉकडाउन काल के दौरान सभी बार व परमिट रूम लगातार छह माह तक पूरी तरह से बंद रहे. वहीं अब अनलॉक की प्रक्रिया के तहत मात्र 50 फीसदी ग्राहक क्षमता के साथ रात 10 बजे तक ही बार शुरू रखने की अनुमति दी गई है. जिससे बार मालिकों का काफी नुकसान हो रहा है. वहीं दूसरी ओर शहर में लगनेवाली अंडागाडियों एवं शहर के आसपास स्थित ढाबों पर देर रात तक अवैध तरीके से शराब बेचने और पीने-पिलाने का दौर चलता है. यह पूरी तरह से गलत है. अत: इसे तुरंत बंद कराया जाये और सालाना पांच लाख रूपये का परमिट शुल्क अदा करनेवाले बार व परमिट रूम को रात 12 बजे तक व्यवसाय करने की अनुमति दी जाये. इस आशय की मांग का ज्ञापन अमरावती जिला परमिट रूम एसो. द्वारा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर को सौंपा गया.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, शराब बेचने का लाईसेन्स रहनेवाले बार व परमिट रूम को बंद कराने हेतु पुलिस रात 9.30 बजे से ही घुमना शुरू कर देती है और कई परमिट रूम संचालकों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई तक की गई है. वहीं दूसरी ओर अवैध तरीके से शराब बिक्री करनेवाले ढाबे देर रात तक खुले रहते है. साथ ही कई अंडे की गाडियों पर चोरी-छिपे तरीके से खडे रहकर लोगबाग शराब पीते है. इस ज्ञापन में बताया गया कि, वाईन शॉप व परमिट रूम लगभग एक ही समय पर बंद होते है. ऐसे में शराब पीने के शौकीन लोग रात 10 बजे के आसपास वॉईन शॉप से शराब खरीदकर किसी ढाबे या गली-कुचे में चलनेवाली अंडागाडी पर जाकर वहां पर देर रात तक शराब पीते है, लेकिन इसकी वजह से भारीभरकम परमीट शुल्क भरनेवाले परमीट रूम संचालकों को काफी नुकसान का सामना करना पडता है. ऐसे में जिस तरह से मुंबई में रात 11 बजे तक बीयरबार व परमीट रूम खुले रखने को अनुमति दी गई है, उसी तरह अमरावती में भी परमिट रूम शुरू रखने का समय बढाया जाये, और रात 12 बजे तक परमीट रूम खुले रखे जाये.
ज्ञापन सौंपते समय एसोसिएशन के संजय छाबडा, आशिष मोहोड, अनिल तरडेजा, रोहित खुराणा, अनिकेत देशमुख, ज्ञानेश्वर ठाकरे, मानकर, रॉय तथा परतवाडा के जयस्वाल आदि पदाधिकारी उपस्थित थे.