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कानूनी प्रक्रिया में लगेगा समय, आंदोलन खत्म करें जरांगे

मराठा आरक्षण को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक में आवाहन

* सीएम शिंदे ने मराठा आरक्षण को लेकर दर्शायी सकारात्मकता
* मराठा समाज से शांति व संयम बनाए रखने व हिंसा रोकने का किया आवाहन
मुंबई /दि.1– मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार सुबह साढ़े 10 बजे सर्वदलीय बैठक की. इसमें शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए. करीब 3 घंटे की बैठक के बाद दोपहर डेढ़ बजे शिंदे शहयाद्री भवन से बाहर आए और मीडिया से बात करते हुए बताया कि, इस सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेता मराठा समुदाय को आरक्षण दिए जाने को लेकर सहमत हुए. जिसके चलते यह निर्णय लिया गया कि यह आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदायों के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए. जिसके लिए तमाम कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने में थोडा वक्त लगेगा. ऐसे में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे ने सरकार को कानूनी प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु थोडा समय देना चाहिए और फिलहाल अपने अनशन को खत्म करना चाहिए.
सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम शिंदे ने मीडिया के जरिए मराठा समुदाय सहित राज्य की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि, मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर सरकार व विपक्ष के बीच आम सहमति है. जिसके चलते आज की बैठक में यहीं प्रस्ताव पारित किया गया है कि, कानून के दायरे में रहकर अदालत में टिकने वाला आरक्षण मराठा समाज को दिया जाए. इसके लिए पुराने नोंद के जरिए जाति दाखिले देना भी शुरु किया गया है. साथ ही क्यूरेटीव पिटीशन पर भी चर्चा हुई. ऐसे में इसके लिए कानूनी लडाई लडने हेतु वक्त मिलना चाहिए. इस बात को ध्यान में रखते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने अपना अनशन खत्म करना चाहिए. साथ ही मराठा समुदाय ने भी सरकार पर भरोसा करते हुए हिंसा व तोडफोड जैसी वारदातों को रोककर शांत रहना चाहिए. क्योंकि ऐसी घटनाओं के चलते राज्य में कानून व व्यवस्था की स्थिति के लिए खतरा पैदा हो रहा है.

* विशेष अधिवेशन नहीं बुलाया जाएगा
सीएम शिंदे के नेतृत्व में आज मराठा आरक्षण को लेकर बुलाई गई सर्वपक्षिय बैठक करीब सवा दो घंटे तक चली और इस बैठक में मराठाओं को कुनबी के तौर पर आरक्षण दिए जाने के मामले को लेकर चर्चा हुई. परंतु मराठा आरक्षण के लिए विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया. जिसे यह स्पष्ट हो गया कि, इस विषय को लेकर कोई विशेष सत्र नहीं होने जा रहा है. वहीं मनोज जरांगे से अनशन खत्म करने का आवाहन जरुर किया गया है.


* और कितना समय चाहिए सरकार को?
– मनोज जरांगे ने सर्वदलीय बैठक के बाद दी प्रतिक्रियाएं
वहीं दूसरी ओर जालना के अंतरवाली सराटी गांव में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने मुंबई में हुई सर्वदलीय बैठक में क्या चर्चा हुई, इसे जानने को लेकर कोई खास उत्सुकता नहीं दिखाते हुए जानना चाहा कि, सरकार को अब क्यों और कितना वक्त चाहिए. साथ ही क्या सरकार सभी मराठाओं को कुनबी मानकर आरक्षण देने वाली है, यह बात पूरी तरह साफ होनी चाहिए. इस समय सरकार के अध्यादेश को अमान्य करते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि, हमने 8 दिन तक अपना खून जलाया, तब सरकार की नींद खुली. उन्हें चर्चा ही करनी थी, तो यह बात आंदोलन शुरु होने से पहले भी की जा सकती थी. साथ ही मनोज जरांगे ने यह भी कहा कि राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को उन्होंने चर्चा के लिए बुलाया था, लेकिन वे जालना आए ही नहीं, जबकि उन्होंने जालना आना चाहिए था. क्योंकि यदि हमने अपने मन पर ले लिया, तो जब इस सरकार की आवाज को पांच मिनट में बंद कर सकते है.


* सीएम ने जरांगे की मांग को किया खारिज
– शेकाप के नेता जयंत पाटिल ने किया दावा
वहीं दूसरी ओर सर्वदलीय बैठक से बाहर निकलने के बाद शेतकरी कामगार पार्टी के नेता जयंत पाटिल ने दावा किया कि, सर्वदलीय बैठक में सीएम शिंदे ने सभी मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र देने के संदर्भ में उठाई जा रही मांग को खारिज कर दिया है. इसके अलावा इस बैठक में कोई खास निर्णय नहीं लिया गया, बल्कि हालात जस के तस रहने के साथ ही केवल शांति बनाए रखने और जरांगे पाटिल से अनशन खत्म कराने की मांग करने से संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया.


* मंत्रालय के बाहर विधायकों हुए आक्रामक
जहां एक ओर मराठा आरक्षण के लिए राज्य में जगह-जगह तीव्र आंदोलन व उपोषण का दौर चल रहा है. वहीं आज मुंबई में मंत्रालय के गेट पर सर्वपक्षीय विधायकों ने आंदोलन किया. जिन्हें पुलिस ने अपने काबू में किया. जिसे देखते हुए विधायक और भी अधिक उग्र व आक्रामक हो गए थे. विधायकों का कहना रहा कि, वे अपने समाज के लिए ही विधायक चुने गए है और उन्हें सरकार के समक्ष अपने समाज की आवाज उठाने का अधिकार है.


* एक दिन के विशेष सत्र से नहीं निपटेगा मामला
मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर जल्द से जल्द निर्णय लेने के लिए मनोज जरांगे ने सरकार से विधानसभा का विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग की है. जिसे लेकर आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राज्य के महाधिवक्ता तुषार मेहता ने स्पष्ट किया कि, इस मुद्दे को लेकर एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का कोई खास फायदा नहीं होने वाला. क्योंकि यह विषय राज्य सरकार के नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के अख्तियार में आता है.


* आज भी राज्य में विविध स्थानों पर रहा तनाव
– और 9 लोगोें ने की आत्महत्या, कई जिलों में हिंसा व आगजनी बदस्तूर
इधर, आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को एक महिला समेत 9 और लोगों ने आत्महत्या कर ली. 19 से 31 अक्टूबर तक यानी 13 दिनों में 25 लोग सुसाइड कर चुके हैं. यह संख्या 1990 के मंडल आंदोलन के दौरान की गईं आत्महत्याओं के आंकड़े के बाद सबसे ज्यादा है. इस साल सितंबर में शुरू हुआ आंदोलन 10 जिलों में हिंसक हो गया है. 30 अक्टूबर को बीड में हुई हिंसा मुंबई तक पहुंच गई है. कोलाबा इलाके में बुधवार सुबह विधायकों के सरकारी आवास के सामने दो अज्ञात लोगों ने महाराष्ट्र के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर हसन मुश्रिफ के काफिले की गाड़ी में तोड़फोड़ की. इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

* आरक्षण के बहाने बीड में हुआ था दंगा
– होटल क्रिस्टल इन पर हुए पथराव का सामने आया वीडियो
मराठा आरक्षण की आड़ में कुछ उपद्रवी लोग दंगा और पथराव कर रहे हैं. बीड के क्रिस्टल इन होटल में भी इन दंगाईयों ने पथराव किया था. जिसका सीसीटीवी फूटेज सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक सबसे पहले कुछ लोग एक साथ होटल के बार पहुंचे. इन लोगों ने होटल पर अचानक पथराव करना शुरू कर दिया. कुछ ही देर बाद वहां दंगाईयों का दूसरा जत्था पहुंच जाता है. और होटल के सामने की सड़के से बड़े-बड़े पत्थर होटल पर फेंकना शुरू कर देते हैं. इन पथराव के कारण होटल की खिड़कियों के कांच टूट गए. यह हमला तब किया गया जब वहां कई लोग मौजूद थें. होटल में काम करने वाले कर्मचारियों ने विनती करते हुए होटल में आग लगने से बचाया.

* मंत्री हसन मुश्रीफ की गाड़ी में तोड़फोड़
– 3 आरोपी हिरासत में लिए गए
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर मराठा समुदाय के लोग अब नेताओं को निशाना बना रहे हैं. इस वजह से सीएम और बाकी मंत्रियों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है. ताजा मामला ये है कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और अजित पवार गुट के नेता हसन मुश्रीफ की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई है. मुंबई के कोलाबा में स्थित आकाशवाणी विधायक आवास के पास दो अज्ञात लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया. पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. मंत्रालय के एंट्रेंस गेट के बाहर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिया है. मंत्रालय में जाने वाले हर शख्स की कडी जांच पडताल की जा रही है.

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