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विधान परिषद चुनाव तय करेगा महाविकास आघाडी का भविष्य

  •  पांचों निर्वाचन क्षेत्रों में होगी सीधी भिडंत

  •  भाजपा सभी पांचों सीटों पर लड रही चुनाव

  •  आघाडी की ओर से कांग्रेस व राकांपा दो-दो व सेना एक स्थान से मैदान में

अमरावती/प्रतिनिधि/दि.१७  – विधान परिषद में प्रतिनिधित्व करने हेतु पदवीधर व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की पांच सीटों के लिए रणसंग्राम शुरू हो गया है और इन पांचों सीटों पर महाविकास आघाडी तथा भाजपा के बीच सीधी टक्कर होने की स्पष्ट संभावना दिखाई दे रही है. इस चुनाव में जहां एक ओर भाजपा ने पांचों सीटोें पर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे है, वहीं दूसरी ओर महाविकास आघाडी की ओर से सीटों का बंटवारा करते हुए दो-दो स्थानों पर कांग्रेस व राकांपा तथा एक स्थान पर शिवसेना प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया है. ऐसे में इस चुनाव के जरिये महाविकास आघाडी की एकजूटता कसौटी पर है और भविष्य के चुनावों के लिहाज से इस चुनाव के परिणाम महाविकास आघाडी का राजनीतिक भविष्य तय कर सकते है, ऐसा माना जा रहा है.
बता दें कि, राज्य में नागपुर, औरंगाबाद व पुणे पदवीधर निर्वाचन क्षेत्र तथा अमरावती व पुणे शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में विधान परिषद सीट के लिए आगामी 1 दिसंबर को मतदान होना है. इन सभी सीटों पर भाजपा द्वारा अपने प्रत्याशी घोषित किये गये है. वहीं पदवीधर निर्वाचन क्षेत्र की पुणे व औरंगाबाद सीट पर राकांपा की ओर से प्रत्याशी उतारे गये है. साथ ही नागपुर पदवीधर निर्वाचन क्षेत्र तथा पुणे शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस के हिस्से में दिये गये है. इसके अलावा अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र पर शिवसेना की ओर से प्रा. श्रीकांत देशपांडे को प्रत्याशी बनाया गया है. वस्तुत: इस चुनाव में अन्य आम चुनावों की तरह दलिय राजनीति कोई विशेष महत्व नहीं रखती. लेकिन इस बार भाजपा व महाविकास आघाडी की ओर से प्रत्याशी उतारे जाने के चलते शिक्षकों व प्राध्यापकों के संगठन का प्रभाव काफी हद तक खत्म हो गया है. राज्य के सत्तापक्ष व विपक्ष द्वारा इस चुनाव की कमान संभाल लिये जाने के चलते इस चुनाव का स्वरूप अब भाजपा विरूध्द महाविकास आघाडी हो गया है. ऐसे में इस चुनाव की हार-जीत भाजपा की बजाय महाविकास आघाडी के राजनीतिक भविष्य की दशा व दिशा तय करेगी, ऐसा माना जा रहा है. यदि इस चुनाव में महाविकास आघाडी की जीत होती है, तो आगामी चुनावों में महाविकास आघाडी के पास अपनी ताकत आजमाने का अवसर रहेगा, लेकिन यदि इस चुनाव में भाजपा का पलडा भारी रहता है, तो इससे महाविकास आघाडी के राजनीतिक भविष्य पर निश्चित रूप से प्रभाव पडेगा.

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