अमरावतीमुख्य समाचार

पानी के जार विक्री हेतु अब लाइसेंस

फूड व ड्रग विभाग बना रहा मसौदा

* मंत्री संजय राठोड के निर्देश
अमरावती/दि.26- इन दिनों गांव हो या महानगर सभी स्थानों पर न केवल कार्यक्रम अपितु दैनंदिन उपयोग के लिए भी पानी जार मंगाए जाते हैं. यह अत्यंत आम बात हो चली है. दुकानों और दफ्तरों में पानी की कैन की जोरदार विक्री हो रही है. उसका पानी शुद्ध है या अशुद्ध इसकी जांच की कोई सरकारी यंत्रणा नहीं है. मगर अब पानी जार विक्री के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होगी. अन्न व औषध प्रशासन मंत्री संजय राठोड के निर्देश पर विभाग के अधिकारी इस बारे में मसौदा तैयार करने की विश्वसनीय जानकारी है. पानी विक्री के लिए कंपनियों को प्रशासन की न केवल अनुमति आवश्यक होगी. जांच में पानी शरीर के लिए नुकसानदेह पाए जाने पर संबंधित को 3 वर्ष की जेल या 2 लाख रुपए का जुर्माना का प्रावधान किया जा रहा है. कानून का प्रारुप तैयार करने की प्रक्रिया शुरु हो गई है. यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी.
हाल के वर्षो में पानी का धंधा बहुत बढा है. गली-गली में पानी जार बेचनेवाले मौजूद है. गांव-देहात में भी मंगलकार्यालय से लेकर ऑफीस तक कूल कैन से पानी सप्लाई हो रही है. रोज लाखों लोग इन कैन का पानी पीते हैं. पब्लिक या घरेलू कार्यक्रमों भी पानी कैन आवश्यक हो गई है. प्लास्टिक के पारदर्शक जार का पानी शुद्ध माना जाता है. अनेक कंपनियों ने इसका व्यवसाय चला रखा है. 20 से 30 रुपए में 20 लीटर की वॉटर कैन घर-दुकान पहुंच दी जाती है.
किंतु इसका पानी कहां भरा गया, कैसे भरा गया उसकी गुणवत्ता कैसी है. पानी शुद्ध या अशुद्ध, यह तय करने के लिए कोई यंत्रणा नहीं है. इस बारे में भाजपा विधायक व्दारा बजट सत्र में ध्यानाकर्षण भी लाया गया था. तब सरकार के ध्यान में आया कि, इस पर नियंत्रण लाने कोई कानून ही नहीं बना है. ऐसे में अन्न व औषध प्रशासन की परिधी में यह विषय आने से विभाग के अधिकारियों से चर्चा की गई. विधि व न्याय विभाग को कानून का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है.

 

Related Articles

Back to top button