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जिला न्यायालय का फैसला
यवतमाल प्रतिनिधि/ दि.३ – विवाहिता से मारपीट कर व जलाकर जान से मारने के मामले में आरोपी पति व ससुर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. यहां के जिला व सत्र न्यायाधीश एस.बी.गावंडे ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया. अमोल देशमुख व विजय देशमुख यह आरोपियों के नाम है. छाया अमोल देशमुख यह मृत महिला का नाम है.
जिले की पुसद तहसील के गौल बु. में 15 सितंबर 2012 में यह घटना घटीत हुई थी. मृत छाया का विवाह आरोपी अमोल देशमुख के साथ 2009 में हुआ था. किंतु चारित्र पर संदेह कर पति अमोल देशमुख, ससुर विजय व सास अन्नपुर्णाबाई छाया को प्रताडित करती थी. घटना के दिन छाया ने उसकी मां को फोन कर इस बाबत जानकारी दी. किंतु उसी रात 11 बजे छाया के जलने की जानकारी फोन पर उसके चाचा को दी गई. इस मामले में छाया के चाचा तानाजी चव्हाण की शिकायत पर पोफाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दफा 302 के तहत अपराध दर्ज किया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्युपूर्व मारपीट होने की बात पायी गई तथा शरीर पर मारपीट के, गला दबाने के निशान मिले है. जिंदा रहते रहते हुए ही उसे केरोसीन डालकर जलाने की बात वैद्यकीय जांच में निष्पन्न हुई. सहायक पुलिस निरीक्षक डी.सी.राठोड ने गवाहों का बयान नोंद कर न्यायालय में अभियोग पत्र दाखिल किया. इस मामले में सरकार की ओर से कुल 8 गवाहों का बयान दर्ज किया गया. परिस्थिति जन्य सबूत व वैद्यकीय अधिकारी शरद कुचेवार की गवाह, सरकारी वकील महेश निर्मल की दलील को ग्राह्य मानते हुए आरोपी पति अमोल देशमुख व ससुर विजय देशमुख को उम्रकैद की सजा तथा प्रति 500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई तथा सास अन्नपुर्णाबाई को निर्दोष मुक्त किया. इस मामले में पैरवी अधिकारी के रुप में पुलिस हेडकाँस्टेबल दिलीप राठोड व पुलिस काँस्टेबल राहुल मार्कंडे ने काम संभाला.
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आरोपियों का ‘वह’ मुद्दा विफल
इस मामले में आरोपी ने बचाव के लिए अलग ही मुद्दा आगे किया था. गांव के एक व्यक्ति के खिलाफ मृतक ने पहले जान को धोखा होने की शिकायत दर्ज की थी. उस व्यक्ति ने ही हत्या की, इस तरह की संभावना व्यक्त कर आरोपी ने स्वयं के बचाव का प्रयास किया था. किंतु उस बारे में आरोपी ठोस सबूत पेश नहीं कर पाये.