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लॉकडाऊन नहीं किसी समस्या का हल, मैं इसके खिलाफ

  •  राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके का कथन

  •  बोले – प्रशासन को करना पड़ रहा अतिरिक्त श्रम खर्च

अमरावती/प्रतिनिधि दि. 26 – इस वक्त अमरावती जिले में सबसे बड़ी बहस इस बात को लेकर चल रही है कि कोरोना के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन द्वारा लॉकडाऊन लगाया जाना चाहिए था या नहीं, साथ ही क्या आगामी समय में इस लॉकडाऊन को और भी आगे बढ़ाया जा सकता है. इस विषय को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप व छींटाकशीं के दौर भी शुरू हो गये हैं. ऐसे में हमने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके से जब उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो उनका कहना रहा कि वे कभी भी पूर्ण लॉकडाऊन लगाने के पक्ष में नहीं थे, बल्कि लॉकडाऊन लगाने की बजाय जनता को बीमारी के प्रति अधिक से अधिक जागरूक करते हुए कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का कड़ाई से पाल किया जाना जरूरी है. इससे लोगों का आम जनजीवन और रोजगार व्यवसाय भी प्रभावित नहीं होगा. साथ ही प्रशासन भी लॉकडाऊन को सफल बनाने के लिए किए जानेवाले अतिरिक्त प्रयासों से बच सकेगा.
दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए संजय खोडके ने कहा कि इससे पहले विगत वर्ष पूरे देश में एक साथ लॉकडाऊन लगाया गया था, जिसके परिणाम काफी हद तक भीषण रहे और जगह जगह से लोगों की तकलीफ भरी कहानियां सामने आई. उस वक्त इस बीमारी के बारे में हमारे पास पूरी जानकारी भी नहीं थे और इंतजाम भी काफी हद तक अधुरे थे. लेकिन इस समय हालात पूरी तरह से बदल गये हैं और अब बिना लॉकडाऊन लगाये भी स्थिति को संभाला जा सकता है. खोडके के मुताबिक लॉकडाऊन लगाने से पहले इस बात की तस्दीक की जानी चाहिए थी कि समाज के गरीबों और जररूरतमंदों को सरकारी राश का वितरण हुआ है अथवा नहीं. इसके साथ ही इस बात का भी विचार किया जाना चाहिए था कि अभी हाल फिलहाल ही लोग-बाद लॉकडाऊन व अनलॉक के झटके से बाहर आए हैं, तो क्या वे दूसरे लॉकडाऊन को झेल पायेंगे अथवा नहीं. खोडके ने कहा कि विगत जनवरी माह तक कोरोना को लेकर हालात काफी हद तक नियंत्रित हो चुके थे, लेकिन उसी दौरान मौसम में काफी हद तक बदलाव आया, जिसकी वजह से सर्दी, खांसी व बुखार जैसी वायरल बीमारियों ने पांव पसारे और कोरोना को लेकर भी स्थिति विस्फोटक होती चली गई, ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन द्वारा बेहद सही ढंग से कदम उठाये गये और विगत दिनों संभागीय राजस्व आयुक्त ने प्रतिबंधात्मक नियमों को लेकर बेहद सटीक आदेश जारी किया था. लेकिन एक ही दिन के दौरान प्रतिबंधात्मक आदेशों व लॉकडाऊन को लेकर तीन अलग अलग आदेश जारी हुए, जिससे आम जनता में भ्रम के साथ ही हड़कंप फैल गया. इस समय ऐसी स्थिति को टाला जाना चाहिए था. क्योंकि इससे अफरा-तफरी फैल सकती है. सात ही संजय खोडके ने सभी लोगों से आह्वान किया है कि चुंकि इस समय 28 फरवरी तक लॉकडाऊन लागू है, अत: सभी लोगों ने इसका पूरी तरह कडाई के साथ पालन करना चाहिए. साथ ही उन्होंने प्रशासन से कहा कि इस आठ दिन के लॉकडाऊन को अब और आगे ना बढ़ाया जाये.

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