बडनेरा के हरिभाऊ वाट केंद्र पर लंबी कतारे
‘को-वैक्सीन’ के दूसरे टीके के लिए टूट पडे लोग
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तडके 2.30 बजे से कतारों में खडे थे लोग
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सोशल डिस्टेसिंग की भी उडी धज्जियां
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आखिर लेनी पडी पुलिस की मदत
अमरावती/प्रतिनिधि दि. 11 – अमरावती मनपा क्षेत्र में लगभग एक सप्ताह के बाद कल को-वैक्सीन टीके की दूसरी खेप अमरावती पहुंची. अमरावती मनपा क्षेत्र में बडनेरा जुनी बस्ती के चावडी चौक स्थित हरिभाऊ वाट यह मनपा का ऐसा एकमात्र केंद्र था, जहां 45 वर्ष से ज्यादा आयुगुट के लोगों के लिए को-वैक्सीन का दूसरा टीका लगाने की व्यवस्था की गई थी. इस केंद्र पर केवल 1270 को-वैक्सीन के वैक्सीन भेजे गए थे, लेकिन समूचे अमरावती शहर व बडनेरा शहर में रहने वाले 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के वह लोग जिनका यह दूसरा टीका है, उन्हीं के लिए ही हरिभाऊ वाट अस्पताल में टीकाकरण की व्यवस्था की गई थी. वैक्सीन कम और लेने वाले ज्यादा इस कारण इस टीकाकरण केंद्र पर लोगों की भीड उमडेगी, इसकी उम्मीद पहले से ही व्यक्त की जा रही थी. कल शाम जैसे ही लोगों को पता चला कि को-वैक्सीन का टीका अमरावती पहुंचा. तो तडके 2.30 बजे से बडनेरा के चावडी चौक स्थित हरिभाऊ वाट अस्पताल के सामने लोग कतारों में आकर खडे हुए थे.
आज सुबह 9 बजे से इस केंद्र पर टीकाकरण जब शुुरु हुआ तो कतारों में खडे लोग एक दूसरे पर टूटते नजर आये. इस समय यहां सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उडते दिखाई दे रही थी. पुरुषों की अलग कतार और महिलाओं की अलग कतार लगी थी और दोनों कतारों में सैकडों की तादाद में लोग रहने के कारण आखिर भीड पर नियंत्रण पाने बडनेरा पुलिस की मदत ली गई. कतार में खडे एक व्यक्ति के साथ उसके परिवार भी अन्य दो सदस्य भी वहां पहुंचने के कारण चावडी चौक परिसर में यातायात बाधित होती देखी गई. आखिर मनपा के कर्मचारियों ने कतारों में खडे लोगों के नाम रजिस्टर में नोंद किये और लाउडस्पीकर की मदत से एक-एक व्यक्ति का नाम पुकारकर उसे टीका लगवाने की व्यवस्था की गई थी.
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टीका लगाते ही बाहर निकाला जा रहा था लोगों को
विशेष यह कि कोरोना का टीका चाहे वह कोविशिल्ड रहे या को-वैक्सीन, पहला टीकाकरण रहे या दूसरा, टीका लगाने के बाद उस व्यक्ति को अस्पताल में कम से कम 20 मिनट वहीं बैठने की सलाह दी जाती है. किंतु बडनेरा जुनी बस्ती के चावडी चौक स्थित हरिभाऊ वाट अस्पताल की यह इमारत काफी छोटी है. टीकाकरण केंद्र के बाहर लोगों की बेसुमार भीड के कारण टीका लगाने के बाद 5 मिनट में ही टीका लगाए व्यक्ति को अस्पताल से बाहर निकाला जा रहा था. इस कारण टीका लगाने के बाद 15 मिनट में अगर किसी व्यक्ति की तबीयत बिघडी तो उसे जिम्मेदार कौन? इस तरह के प्रश्न भी कुछ लोग उठा रहे थे.