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एम. श्रीनिवास रेड्डी नागपुर में गिरफ्तार

फॉरेस्ट रेंजर दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामला

  •  अमरावती ग्रामीण पुलिस ने की कार्रवाई

  •  निलंबन के बाद से ही फरार थे रेड्डी

  •  लोकेशन मिलते ही नागपुर से लिया गया हिरासत में

अमरावती/प्रतिनिधि दि.29 – मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के गुगामल वन्यजीव विभाग अंतर्गत हरिसाल में पदस्थ वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण की आत्महत्या मामले में निलंबित किये गये क्षेत्र संचालक श्री निवास रेड्डी को अमरावती जिला ग्रामीण पुलिस द्वारा गत रोज नागपुर से गिरफ्तार किया गया. बता दें कि, निलंबन की कार्रवाई होने के बाद से श्रीनिवास रेड्डी लगातार फरार चल रहे थे. इस दौरान उन्होंने गिरफ्तारी पूर्व जमानत हासिल करने का भी प्रयास किया. किंतु अचलपुर के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. इस दौरान ग्रामीण पुलिस द्वारा लगातार श्रीनिवास रेड्डी के लोकेशन पर नजर रखी जा रही थी और नागपुर में रेड्डी का लोकेशन पता चलते ही ग्रामीण पुलिस के दल ने तुरंत नागपुर पहुंचकर रेड्डी को अपनी हिरासत में लिया.
बता दें कि, विगत 25 मार्च को मेलघाट की वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण ने हरिसाल स्थित अपने सरकारी आवास पर अपनी सरकारी रिवॉल्वर से खुद पर गोली चलाते हुए आत्महत्या कर ली थी. दीपाली चव्हाण द्वारा आत्महत्या करने से पहले लिखे गये पत्र में अपने वरिष्ठाधिकारियों पर शारीरिक, मानसिक व आर्थिक प्रताडना के आरोप लगाये गये थे. जिसके चलते मुख्य आरोपी के तौर पर गुगामल वन्यजीव विभाग के उपवन संरक्षक विनोद शिवकुमार को पुलिस द्वारा तुरंत ही गिरफ्तार किया गया था. साथ ही दीपाली चव्हाण द्वारा की जानेवाली शिकायतें मिलने के बाद भी मामले में कार्रवाई करने को लेकर टालमटोल करनेवाले तत्कालीन अपर मुख्य वन संरक्षक तथा मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक एम. श्रीनिवास रेड्डी के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया गया था. साथ ही वन विभाग द्वारा रेड्डी को पद से निलंबित करते हुए वन विभाग के नागपुर स्थित प्रादेशिक मुख्यालय में अटैच किया गया था. किंतु निलंबन पश्चात अपने खिलाफ अपराध दर्ज होते ही श्रीनिवास रेड्डी गिरफ्तारी से बचने हेतु फरार हो गया और गिरफ्तारी पूर्व जमानत हासिल करने के लिए प्रयास करने लगा. हालांकि रेड्डी की जमानत याचिका अचलपुर न्यायालय में खारिज हो गयी. वहीं इस दौरान अमरावती जिला ग्रामीण पुलिस द्वारा हर संभावित जगह पर रेड्डी की खोज की जा रही थी और बुधवार को जैसे ही रेड्डी का लोकेशन नागपुर में दिखाई दिया, वैसे ही अमरावती ग्रामीण पुलिस का एक दल तुरंत नागपुर पहुंचा और वहां की स्थानीय अपराध शाखा व साईबर सेल की सहायता से रेड्डी की खोजबीन शुरू की गई. पश्चात देर रात नागपुर शहर में स्थित एक होटल के पास रेड्डी दिखाई दिया, जहां से पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में लिया. इस कार्रवाई की जानकारी नागपुर पुलिस में दर्ज करने के बाद अमरावती जिला पुलिस का दल रेड्डी को अपने कब्जे में लेकर अमरावती के लिए रवाना हुआ. दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले की जांच कर रही उपविभागीय पुलिस अधिकारी पूनम पाटील ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है.

  • रेड्डी की हर हरकत पर थी पुलिस की नजर

वहीं पता चला है कि, दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले में जैसे ही विनोद शिवकुमार को गिरफ्तार किया गया, तब से ही श्रीनिवास रेड्डी पर नागपुर में पुलिस द्वारा कडी नजर रखी जा रही थी और उसकी हर गतिविधि को बाकायदा दर्ज किया जा रहा था. साथ ही गत रोज अमरावती ग्रामीण की अपराध शाखा के पीएसआई आशिष चौधरी के नेतृत्व में अपरान्ह 2.30 बजे एक पथक नागपुर के लिए रवाना हुआ और शाम 7.30 बजे नागपुर पहुंचकर रेड्डी का लोकेशन लिया गया और रेड्डी को अपने कब्जे में लेकर यह पथक 8.30 बजे अमरावती के लिए रवाना हुआ. जो रात 12.30 बजे अमरावती पहुंचा और कुछ समय एसडीपीओ कार्यालय में रूक कर धारणी के लिए रवाना हुआ. जहां पर यह पथक तडके 4.30 बजे पहुंचा. यहां पर सबसे पहले एम. श्रीनिवास रेड्डी की मेडिकल जांच की गई और मामले की जांच अधिकारी पूनम पाटील ने धारणी पुलिस स्टेशन की डायरी में एंट्री करने के साथ ही थानेदार विकास कुलकर्णी को आरोपी की कस्टडी दी गई. पश्चात आरोपी श्रीनिवास रेड्डी को धारणी पुलिस थाने के लॉकअप् में डाला गया. इस समय श्रीनिवास रेड्डी ने अपने वकील को फोन लगाने का निवेदन किया. जिसे स्वीकार किया गया. किंतु रेड्डी के वकील ने फोन ही नहीं उठाया.

  •  1 मई तक मिला पीसीआर

पश्चात गुरूवार की दोपहर 2 बजे श्रीनिवास रेड्डी को धारणी की अदालत में पेश किया गया. जहां पर न्या. एम. एस. गाडे ने उसे दो दिन तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया. ऐसे में अब 1 मई तक श्रीनिवास रेड्डी धारणी पुलिस की कस्टडी में रहेगा. कोर्ट में रेड्डी की ओर एड. मनीष जेस्वानी, एड. दीपक वाधवानी व एड. विजय चव्हाण ने पीसीआर को टालने हेतु कई तरह के युक्तिवाद किये. वहीं सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता एड. भारत भगत एवं जांच अधिकारी पूनम पाटील ने पूरजोर तरीके से रेड्डी को पीसीआर दिये जाने की मांग की. जिसे अदालत ने स्वीकार किया. ऐसे में अब दो दिनों तक पुलिस द्वारा श्रीनिवास रेड्डी से पीसीआर के दौरान कडाई के साथ पूछताछ की जायेगी. इस दौरान कौन सी नई जानकारी निकलकर सामने आती है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.

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