महाआघाडी को झटका, दोनों समर्थित प्रत्याशी गायब
शुभांगी पाटिल और प्रदीप सालुंखे, इटकेलवार नॉट रिचेबल
* विधान परिषद चुनाव में और पल्टे पांसे
नागपुर/दि.16 – विधान परिषद के पांच स्थानों हेतु 30 जनवरी को होने जा रहे चुनाव में एक बार फिर ट्विस्ट आ गया. उम्मीदवारी पीछे लेने की अंतिम घडी में आघाडी के दो प्रत्याशी गायब हो गए. उसी प्रकार राकांपा नेता भी नॉट रिचेबल होने से राजनीतिक हलचल मची है. उधर कांग्रेस ने नाशिक में अभी किसी को भी समर्थन घोषित नहीं किया. नाना पटोले ने खुद यह खुलासा किया है.
ताजा खबर के अनुसार नाशिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा नेता और ऐन समय पर शिवसेना उबाठा व्दारा समर्थित शुभांगी पाटिल लापता हो गई है. खबरों पर यकीन करें तो औरंगाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के मविआ उम्मीदवार, राकांपा के प्रदीप सालुंखे और नागपुर के सतीश इटकेलवार भी नॉट रिचेबल होने की खबर हैं. इसे महाआघाडी के वास्ते बडा झटका राजनीतिक जानकार मान रहे हैं. उल्लेखनीय है कि आज ही उम्मीदवारी पीछे लेने का अंतिम दिन था. यह भी याद दिला दें कि शुभांगी पाटिल ने निर्दलीय के रुप में नाशिक सीट से पर्चा दाखिल किया मगर वे उद्धव ठाकरे के बुलावे पर मातोश्री बंगले पर गई थी. बैठक उपरांत शिवसेना ने उन्हें समर्थन घोषित किया था. दूसरी तरफ भाजपा उनकी उम्मीदवारी पीछे लेने हेतु प्रयत्नशील थी. इस बीच वे गायब हो जाने से काफी कुछ चुनावी गणित गडबडाने की संभावना बताई जा रही है.
* बडा संभ्रम, शिंदे-भाजपा मजबूत
महाविकास आघाडी के नाशिक के बाद औरंगाबाद और नागपुर शिक्षक विप सीट पर भी असमंजस्य रहने से शिंदे-भाजपा गठजोड मजबूत हो जाने का दावा राजनीतिक जानकार कर रहे हैं. नागपुर सीट को लेकर गत देर रात तक मंत्रणा चलती रही. उम्मीदवार फानल नहीं होने से वहां मविआ की किरकीरी हो रही है. अमरावती में भी भाजपा प्रत्याशी रणजीत पाटिल के सामने कांगे्रस को ऐन समय पर शिवसेना बुलढाणा जिला प्रमुख धीरज लिंगाडे को उम्मीदवार बनाना पडा. स्वयं सेना सांसद संजय राउत ने लिंगाडे के विजय की संभावना पर सवाल खडे कर दिए हैं. एक खबर में दावा किया गया कि नागपुर में राकांपा के सतीश इटकेलवार ने नामांकन पीछे ले लिया. जिससे कांग्रेस ने सुधाकर अडबाले का नाम करीब-करीब तय कर लिया हैं. किंतु इटकेलवार अचानक नॉट रिचेबल हो जाने से दिक्कत बढ गई हैं.
* अभी समर्थन नहीं
कांगे्रस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को कहा कि नाशिक में शुभांगी पाटिल को समर्थन करने का अभी निर्णय हुआ नहीं हैं. कांग्रेस ने नाशिक में डॉ. सुधीर तांबे को टिकट दिया था. उन्होंने ऐन वक्त पर पुत्र सत्यजीत तांबे को निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतार दिया. उपरांत पार्टी हाईकमान ने डॉ. तांबे को निलंबित किया है. नागपुर में भी महाविकास आघाडी का उम्मीदवार अंतिम क्षणों तक घोषित नहीं हो पाया था. पटोले आघाडी के उम्मीदवारों के नाम पर स्थानीय लोगों से चर्चा कर रहे थे. पटोले ने भाजपा पर पैसों के जोर पर घर फोडने के आरोप लगाए.