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250 करोड़ का महालक्ष्मी कॉरीडोर प्रगति पर

नाशिक का त्र्यंबकेश्वर कॉरीडोर भी शीघ्र लेगा आकार

* जनवरी तक देश में 13 हजार करोड़ के मंदिर संबंधी विकास कार्य
मुंबई/दि.31- प्रदेश और देश में मंदिर संबंधी अनेक बड़े, भव्य विकास कार्य या तो मंदिर हो चुके हैं अथवा प्रगतिपथ पर है. जिसमें बेशक अयोध्या का राम मंदिर और वहां का कॉरीडोर कदाचित सबसे बड़ा और भव्य रहने वाला है. महाराष्ट्र में भी कोल्हापुर में महालक्ष्मी कॉरीडोर बन रहा है. इसकी लागत करीब 250 करोड़ रुपए है. शीघ्र ही पहले चरण का लोकार्पण हो सकता है. इसके लिए ठेकेदार को दिवाली की डेडलाइन दी गई है. फिर भी जिस हिसाब से कार्य प्रगति पर है, जनवरी अथवा फरवरी में यह कॉरीडोर बनकर तैयार हो जाएगा.
कोल्हापुर के अलावा राष्ट्रीय मंदिर विकास योजना में नाशिक के ज्योर्तिलिंग त्र्यंबकेश्वर का समावेश है. यहां का विकास कॉरीडोर केंद्र द्वारा मंजूर हो गया है. टेंडर भी जारी हुए हैं. शीघ्र प्रत्यक्ष निर्माण कार्य आरंभ होने की जानकारी शासकीय सूत्रों ने दी. उन्होंने बताया कि विकास कॉरीडोर में नाना प्रकार की यात्री सुविधाओं का भी समावेश रहेगा. ऐसे ही यहां का रंग रुप प्राचीन और पौराणिक महत्व कायम रखते हुए उसमें परिवर्तन होगा. आधुनिक और परंपरा का सुंदर मिश्रण होगा.
बता दें कि गुजरात के ओखा से बेट द्वारिका को जोड़ने वाले 2.32 कि.मी. लंबे फोरलेन ब्रिज का निर्माण शुरु है. अभी यहां नौका से जाना पड़ता है. फिर सीधे कार से जा सकेंगे. अब तक चार धर्मस्थलों का 3347 करोड़ की लागत से कायाकल्प हो चुका है. जिसमें बनारस और उज्जैन का समावेश है. रिपोर्ट पर यकीन करें तो ठेठ अमरनाथ यात्रा तक मार्ग निर्माण की योजना पर कार्य चल रहा है. जिसके साकार होने पश्चात अमरनाथ यात्रा भी काफी हद तक सहज सुलभ हो जाएगी.

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