कोरोना से निपटने में नाकाम रही है महाराष्ट्र सरकार
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सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपा पत्र
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केंद्र द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मांगी आर्थिक मदद
अमरावती प्रतिनिधि/दि.15– इस समय समूचे देश में कोरोना की बीमारी के संक्रमण की वजह से हाहा:कार मचा हुआ है और महाराष्ट्र में तो हालात काफी बिकट हो चले है. महाराष्ट्र सरकार इस बीमारी के खतरे से निपटने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है और सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज हेतु समूचित व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा कई अस्पतालों में मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में आयसीयू बेड (ICU bed) व वेंटिलेटर (Ventilator) उपलब्ध नहीं है. जिसकी वजह से आयसीयू में क्षमता से अधिक मरीजों को रखना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर निजी कोविड अस्पतालों में मरीजों की जमकर लूट हो रही है. अत: केंद्र सरकार इस मामले की ओर ध्यान देते हुए महाराष्ट्र को स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु आवश्यक आर्थिक मदद प्रदान करे. इस आशय की मांग जिले की सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलकर की है.
इस पत्र में सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, इन दिनों निजी कोविड अस्पतालों द्वारा मरीजों से मनमाने ढंग से इलाज शुल्क वसूला जा रहा है. अत: केंद्र सरकार द्वारा बिलों की अधिकतम सीमा निर्धारित की जाये और एक एस्कॉर्ट टीम तैयार की जाये, ताकि निजी अस्पतालों में चल रही लूट को रोका जा सके. साथ ही सांसद राणा ने बताया कि, यदि आगामी 10 दिनों के भीतर महाराष्ट्र में ऑक्सिजन व वेंटिलेटर की अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गई तो कोरोना के चलते होनेवाली मौतों की संख्या में बेतहाशा वृध्दि हो सकती है. अत: केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र में पीएम केयर फंड के माध्यम से ऑक्सिजन, वेंटिलेटर, पीपीई कीट, आयसीयू यूनिट, एम्बुलन्स व सैनिटाईजर की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाये.
सांसद राणा ने कोरोना काल के दौरान अपनी जान को जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों, स्वास्थ्य सेविकाओं, वॉर्डबॉय, नर्स, सफाई कर्मचारी और आशा वर्करों की सैलरी को दोगुना करने की मांग करने के साथ ही रेमडीसिवर इंजेक्शन और टोसीली झूमॅप की कालाबाजारी को रोकने हेतु कडे कदम उठाये जाने की मांग भी की. इसके अलावा उन्होंने सरकारी अस्पतालों की तरह ही निजी अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमित मरीजों का जीवनदायी व जन आरोग्य योजना के तहत नि:शुल्क इलाज करने और सभी जिलों में कोरोना संक्रमित मरीजों हेतु दो-दो हजार बेड उपलब्ध कराने की मांग भी की.