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क्राईम डिटेक्शन में महाराष्ट्र सबसे अव्वल

नैशनल क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट से हुआ खुलासा

  • सीसीटीएनएस के जरिये डेढ हजार से अधिक अपराधिक मामलों को किया हल

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१६ – क्राईम एन्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एन्ड सिस्टीम (सीसीटीएनएस) प्रणाली के जरिये महाराष्ट्र में डेढ हजार से अधिक अपराधिक मामलों की गुत्थी को सुलझाया गया और 7 हजार से अधिक अपराधियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई. इस प्रणाली पर अमल करने के मामले में महाराष्ट्र पुलिस इस समय देश में सबसे अव्वल स्थान पर है. इस आशय की रिपोर्ट नैशनल क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी की गई है.
हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली में एनसीआरबी द्वारा दो दिवसीय ऑनलाईन परिषद हुई. जिसमें ‘इम्प्लीमेंटेशन ऑफ आयसीजेएस एन्ड सीसीटीएनएस सर्च’ विभाग में महाराष्ट्र सीसीटीएनएस को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ. इस आशय का दावा अपराध अन्वेषण विभाग के प्रभारी विशेष पुलिस महानिरीक्षक रंजनकुमार शर्मा द्वारा किया गया है. बताया गया कि, जनवरी 2016 में महाराष्ट्र पुलिस महकमे द्वारा इस प्रणाली का प्रयोग करना शुरू किया गया और हर तरह के अपराधिक मामलों की जानकारी इस प्रणाली के जरिये कंप्यूटर में दर्ज की जाती है. इस प्रणाली के चलते देश के सभी अपराधों व अपराधियोें की जानकारी मात्र एक क्लिक पर उपलब्ध है. इसके अलावा प्रतिबंधात्मक कार्रवाई पासपोर्ट, चरित्र प्रमाणपत्र जांच, लावारिस वाहन व लावारिस लाश आदि सहित पुलिस महकमे से संबंधित पूरी जानकारी सीसीटीएनएस में होती है. इस प्रणाली के जरिये अब तक 1 लाख 573 अपराधिक मामलों की गुत्थी सुलझायी गयी और 7 हजार से अधिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. साथ ही 1 लाख 17 हजार पासपोर्ट के मामले निपटाते हुए चरित्र जांच के दौरान 2 हजार 837 लोगों के खिलाफ अपराधिक मामले दाखिल रहने की बात इस प्रणाली की वजह से सामने आयी. इस प्रणाली को बेहतरीन तरीके से अमल में लाने हेतु अतिरिक्त पुलिस महासंचालक अतुलचंद्र कुलकर्णी, विशेष पुलिस महानिरीक्षक रंजनकुमार शर्मा व प्रवीण सालुंके, तांत्रिक सेवा अधिक्षक संभाजी कदम, अतिरिक्त अधिक्षक नंदा पाराजे आदि के मार्गदर्शन में अपराध अन्वेषण विभाग की टीम द्वारा जबर्दस्त तरीके से काम किया गया.

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