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16 हजार बिल्डरों को नोटिस देगा ‘महारेरा ’

अपार्टमेंट की जानकारी नहीं दी

* 2 हजार विकासको से पहले ही जवाब तलब
मुंबई/ दि. 12- महारेरा ने 2017 से पंजीकृत गृहनिर्माण प्रकल्प की पडताल शुरू की है. उसने विकासको को प्रत्येक तीन माह में महारेरा की वेबसाइट पर प्रकल्प की जानकारी देना बंधनकारक किया है. इसकी अधिकांश विकासक व बिल्डर अनदेखी कर रहे है. जिससे महारेरा अब कडे कदम उठाने जा रहा हैं. 2000 बिल्डर्स, विकासको को पहले ही नोटिस भेजी जा चुकी है. अब 16 हजार बिल्डर्स को नोटिस जारी करने की जानकारी अधिकारियों ने दी. नोटिस के माध्यम से बिल्डरों पर जरूरत पडी तो दंडात्मक कार्रवाई भी करने के संकेत मिल रहे हैं.
घर खरीदी में लोगों के साथ धोखाधडी टालने महारेरा ने कडे नियम लागू किए है. महारेरा में गृहनिर्माण प्रकल्प के पंजीयन पश्चात रेरा कानून अंतर्गत धारा 11 के प्रावधानों में प्रकल्प के डेवलपर्स को को जानकारी प्रत्येक तीन माह में महारेरा की वेबसाइट पर अपडेट करना आवश्यक हैं. किंतु देखा गया कि अनेक डेवलपर्स ने ऐसी जानकारी अपडेट नहीं दी हैं. महारेरा ने इसकी पडताल शुरू की.
ग्राहक से प्रवर्तक को दी जाती राशि में से 70 प्रतिशत रकम रेरा द्बारा पंजीकृत क्रमांक अनुसार अलग खाते में रखना आवश्यक हैं. निर्माण प्रक्रिया के प्रत्येक चरण पर उसमें से खर्च राशि का ब्यौरा इंजीनियर, सीए और आर्किटेक के प्रमाणपत्र सहित आवश्यक हैं. प्रकल्प के प्लॉट और घरों की बिक्री की जानकारी भी प्रत्येक तीन माह में वेबसाइट पर देनो अनिवार्य हैं. प्रत्येक 6 माह में डेवलपर्स का प्रकल्प खाता का ऑडिट होना और वर्ष समाप्ति पर खाते से विड्रॉल राशि प्रकल्प पर उसी प्रमाण में खर्च होने का ऑडिट पेश करना भी अनिवार्य हैं.
अनेक प्रकल्पों ने इस तरह जानकारी अपडेट नहीं की है. जिससे महारेरा ने सभी प्रकल्पों की पडताल शुरू कर दी. 2000 डेवलपर्स को नोटिस जारी की है. अगले माह 16 हजार लोगों को नोटिस जारी होगी. जिसमें संतोषजनक जबाव नहीं रहने पर 30 प्रतिशत राशि दंड के रूप में वसूली जायेगी. यह भी बताया गया कि कोरोना महामारी के कारण प्रकल्प विकास में दिक्कत को ध्यान में रखकर 5 वर्ष की अवधि दी गई है.

 

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