मनपा से हुए विवाद के बाद महावितरण के वरिष्ठों की हुई बैठक
खुद प्रकल्प संचालक भालचंद्र खंडाईत पहुंचे अमरावती
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२ – विगत दिनों बकाया विद्युत बिल के लिए महावितरण द्वारा अमरावती शहर की स्ट्रीट लाईट की विद्युत आपूर्ति खंडित किये जाते ही महानगर पालिका ने संपत्ति कर बकाया रहने के चलते महावितरण को जप्ती की नोटीस जारी कर ‘जोर का झटका’ दिया था. महावितरण को इस नोटीस का ‘शॉक’ इतनी जोर से लगा कि, अमरावती विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेने हेतु खुद महावितरण के संचालक (प्रकल्प) भालचंद्र खंडाईत आज शुक्रवार 2 जुलाई को अमरावती पहुंचे और उन्होंने सुबह 11 बजे विद्युत भवन में महावितरण के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में हिस्सा लिया.
यद्यपि महावितरण द्वारा स्पष्ट किया गया है कि, इस बैठक का मनपा के साथ जारी विवाद से कोई लेना-देना नहीं है. क्योंकि इस बैठक में अमरावती सहित यवतमाल, अकोला, बुलडाणा व वाशिम जिले के कार्यकारी अभियंता से अधिक्षक अभियंता के पदों पर रहनेवाले वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए और इस बैठक का नियोजन काफी पहले से किया गया था, लेकिन हकीकत यह है कि, विगत एक वर्ष से विद्युत बिल माफी के मसले को लेकर लगातार माहौल गरमाया रहने के बावजूद महावितरण को कभी इस तरह की बैठक आयोजीत करने की नहीं सुझी. वहीं महानगरपालिका द्वारा जप्ती की कार्रवाई का कदम उठाये जाते ही आनन-फानन में इस बैठक का आयोजन किया गया. जिसे लेकर खुद महावितरण कार्यालय में ही विभिन्न तरह की चर्चा चल रही है. वहीं महावितरण की ओर से बताया गया कि, विगत डेढ वर्ष से कोविड संक्रमण एवं लॉकडाउन के चलते कई विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा अपने विद्युत बिलों का भुगतान नहीं किया गया. ऐसे में बकाये की रकम करोडों रूपयों के आसपास पहुंच गई है. जिसकी वजह से महावितरण को काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. जिसकी समीक्षा करने हेतु प्रकल्प संचालक खंडाईत की अध्यक्षता में इस बैठक का आयोजन किया गया.