मनपा महाशय, कहां उठ रहा है कचरा?
गली-मोहल्लों में फैली गंदगी खोल रही हवा-हवाई दावों की पोल
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९ – विगत एक सप्ताह से दैनिक अमरावती मंडल द्वारा शहर में चहुंओर व्याप्त गंदगी और जगह-जगह लगे कचरे के ढेर के खिलाफ व्यापक जनहित में एक अभियान चलाया जा रहा है. जिससे मनपा प्रशासन में जबर्दस्त हडकंप व हडबडी व्याप्त है. साथ ही प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा है कि, शहर में साफ-सफाई को लेकर सबकुछ ‘ऑलवेल’ है. जिसके तहत दावा यहां तक किया गया है कि, अमरावती के विभिन्न इलाकों से कंपोस्ट डिपो तक कचरा पहुंचाने के लिए करीब 250 ट्रीप की जाती है. लेकिन हैरत की बात यह है कि, शहर के सभी गली-मोहल्लों में कचरे के ढेर बिखरे पडे है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यहीं है कि, आखिर 250 ट्रीप कचरा कहां से व कैसे उठाया जाता है और यदि कचरा उठाया ही नहीं जा रहा तथा साफ-सफाई ढंग से नहीं हो रही, तो फिर इस काम पर खर्च होनेवाले 40 करोड रूपये आखिर खर्च कहा हो रहे है. विगत एक सप्ताह से दैनिक अमरावती मंडल द्वारा कचरे व साफ-सफाई को लेकर चलाये जा रहे अभियान तथा इस संदर्भ में किये गये आवाहन को अमरावतीवासियों की ओर से जबर्दस्त प्रतिसाद मिला है और रोजाना सैंकडों लोगों द्वारा दैनिक अमरावती मंडल के मेल आयडी पर अपने रिहायशी क्षेत्र से संबंधित जानकारी व फोटो भेजे जा रहे है. जिनमें मनपा एवं सफाई ठेकेदारों द्वारा किये जा रहे कामों की पोल खुल रही है.
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प्रभाग क्र. 9 की समस्या को लेकर लहुजी सेना मुखर
स्थानीय प्रभाग क्र. 9 एसआरपी वडाली परिसर के मेहरबाबा कालोनी, दिरंकर लेआउट व गुरूकृपा कालोनी क्षेत्र में विगत कई दिनों से नालियां व नाले गंदगी व कचरे से भरे पडे है और इस परिसर में बडे पैमाने पर मच्छरों का प्रादुर्भाव हो रहा है. साथ ही इस परिसर के कई नागरिक मलेरिया के संक्रमण का शिकार भी हो चुके है. इस आशय की जानकारी देते हुए विदर्भ लहुजी सेना द्वारा मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे को बताया गया कि, इस परिसर में मनपा का कोई भी स्वास्थ्य अधिकारी, स्वच्छता निरीक्षक, सफाई बीट जमादार और सफाई कर्मचारी दिखाई नहीं देता और यहां पर साफ-सफाई से संबंधित कोई काम नहीं होते. इसी वजह के चलते इस प्रभाग की पार्षद चव्हाण ने प्रभाग का कचरा मनपा के प्रांगण में ले जाकर फेंका था, लेकिन इसके बावजूद हालात जस के तस है. ऐसे में यदि जल्द ही यहां साफ-सफाई नहीं की जाती है, तो परिसरवासियों द्वारा मनपा प्रशासन के खिलाफ तीव्र आंदोलन किया जायेगा.
ज्ञापन सौंपते समय विदर्भ लहुजी सेना के संस्थापक अध्यक्ष महादेव खंडारे, रमेश अंभोरे, श्रीराम हंगरे, एन. जी. गायकवाड, आर. जी. घाटे, विजय जोंधलेकर सहित परिसरवासी उपस्थित थे.
पूरे शहर से कचरा उठाने का जिम्मा एक ही ठेकेदार को क्यों
– मनसे ने पूछा आयुक्त रोडे से सवाल
इस समय समूचे शहर में चहुंओर गंदगी व्याप्त है और डेंग्यू व चिकन गुनिया जैसी संक्रामक बीमारियों के फैलने का जबर्दस्त खतरा है. लेकिन इसके बावजूद शहर के रिहायशी इलाकों से नियमित तौर पर कचरा उठाकर कंपोस्ट डिपो पर क्यों नहीं फेंका जा रहा. यह सवाल पूछने के साथ ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की अमरावती महानगर शाखा द्वारा निगमायुक्त प्रशांत रोडे से सवाल पूछा गया कि, इतने बडे शहर से कचरा उठाने का जिम्मा केवल एक ही ठेकेदार को क्यों दिया गया है. साथ ही यह भी कहा गया कि पूरे शहर से कचरा उठाने का काम करने के लिए एक अकेला ठेकेदार काफी नहीं है. यहीं वजह है कि शहर में हर ओर गंदगी का साम्राज्य है. साथ ही यह चेतावनी भी दी गई कि, यदि प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द शहर की साफ-सफाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है, तो मनसे द्वारा प्रशासन के खिलाफ तीव्र आंदोलन किया जायेगा.
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स्वच्छता अधिकारियों व सफाई ठेकेदारों के मिलीभगत की हो जांच
– प्रहार ने पत्रवार्ता में उठायी मांग
राज्यमंत्री बच्चु कडू के नेतृत्ववाले प्रहार जनशक्ति पार्टी की ओर से भी शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था के अभाव को लेकर आवाज उठायी गई है. इस संदर्भ में प्रहार के शहर प्रमुख बंटी रामटेके द्वारा यहां एक पत्रकार परिषद बुलाते हुए कहा गया कि, नियोजन के अभाव, अकार्यक्षमता व भ्रष्टाचार के जरिये अधिक से अधिक कमाई करने की लालच ने पूरे शहर का कचरा कर दिया है और मनपा के स्वच्छता विभाग के अधिकारियों व सफाई ठेकेदारों की आपसी मिलीभगत की वजह से शहर में हर ओर गंदगी व्याप्त है. वहीं साफ-सफाई के नाम पर मनपा की तिजोरी से प्रति माह करीब ढाई करोड रूपये साफ किये जा रहे है. स्थानीय मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रकार परिषद में बंटी रामटेके ने कहा कि, प्रत्येक प्रभाग में ठेकेदार द्वारा कम से कम 55 सफाई कामगार लगाये जाने चाहिए. लेकिन इसकी ऐवज में केवल 10 से 15 अकुशल कामगारों को लगाकर साफ-सफाई के नाम पर लिपापोती की जा रही है. वहीं कचरा संकलन के लिए खरीदे गये 44 लाख रूपयों के कंटेनरों को मनपा के वरिष्ठ निरीक्षक द्वारा कबाड में बेचकर पूरी रकम हडप ली गई और दिनों 100 से भी कम टूटे-फुटे व सड चुके कंटेनरों के जरिये कचरा संकलन का काम किया जा रहा है. ऐसे में यदि मनपा ने तुरंत साफ-सफाई की व्यवस्था की ओर ध्यान नहीं दिया, तो प्रहार द्वारा अपने स्तर पर आंदोलन किया जायेगा.
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लापरवाह व भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ हो निलंबन की कार्रवाई
– पत्रवार्ता में अमरावती विकास परिषद की मांग
इसके साथ ही अमरावती विकास परिषद द्वारा जिला मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गयी पत्रवार्ता में सामाजिक कार्यकर्ता प्रथमेश रविकांत गवई व समीर जवंजाल ने अमरावती शहर में साफ-सफाई व कचरा संकलन ठेके के नाम पर बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि, इस भ्रष्टाचार के लिए मनपा के अधिकारियों की लापरवाही व मिलीभगत जिम्मेदार है. अत: ऐसे अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबीत किया जाना चाहिए.
इस संदर्भ में बताया गया कि, कचरा संकलन ठेकेदार द्वारा मनपा के साथ किये गये करार के मुताबिक कंटेनर एंटी कोरोसिव नहीं की गई है, जबकि ऐसा प्रतिवर्ष किया जाना चाहिए. साथ ही कंटेनर का रंगरोगन व मेंटेनन्स नहीं है. इसके अलावा कचरा कंटेनर की ढुलाई करनेवाले अधिकांश वाहनों पर नंबर प्लेट ही नहीं रहती. जिससे इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि, किस नंबर का वाहन कहां से कचरा उठाकर कंपोस्ट डिपो पहुंचा है और ऐसे ही बिना नंबरवाले वाहनों को अलग-अलग नंबर पर दर्शाते हुए इन वाहनों की एक से अधिक फेरियां दर्शायी जाती है. जिसके लिए कंपोस्ट डिपो में ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य निरीक्षक द्वारा ठेकेदार को फायदा पहुंचाने का काम किया जाता है. साथ ही वैद्यकीय स्वच्छता अधिकारी द्वारा इन सब बातों की पूरी तरह से अनदेखी की जाती है. जिसका सीधा मतलब है कि, कचरे की इस काली कमाई में सफाई ठेकेदारों के साथ मनपा के स्वच्छता विभाग के तमाम अधिकारियों की मिलीभगत है. ऐसे में इन सभी अधिकारियों के खिलाफ जांच करते हुए दोषी पाये जानेवाले अधिकारियों को तत्काल निलंबीत किया जाना चाहिए.