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विवादास्पद रही मनपा की विशेष सभा

सत्ता पक्ष ने नवाथे मल्टीप्लेक्स को लेकर अपनायी अडियल भूमिका

  •  विपक्ष ने लगाया सत्ता पक्ष पर मनमाना काम करने का आरोप

  • मनपा की आय बढाने का मसला रहा अनदेखा व उपेक्षित

अमरावती/प्रतिनिधि दि.10 – मनपा के व्यवसायिक संकुलों के करार व किराये के नूतनीकरण तथा मनपा क्षेत्र में विविध कंपनियों द्वारा ऑप्टीकल फाईबर केबल डालने हेतु की जानेवाली खुदाई की दरों का निर्धारण तय करते हुए मनपा की आय को बढाने तथा मनपा क्षेत्र में स्थित नवाथे प्लॉट परिसर में मनपा द्वारा मल्टीप्लेक्स के निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया को आगे बढाने इन तीन प्रमुख मुद्दों को लेकर मंगलवार 10 अगस्त को बुलाई गयी मनपा की विशेष सर्वसाधारण सभा शुरूआत से ही विवादों में घिरी रही और एक तरह से बिना किसी ठोस नतीजे पर पहुंचे हंगामे की भेंट चढ गयी. हालांकि सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच चलनेवाली भारी गहमागहमी के दौरान पीठासीन सभापति महापौर चेतन गावंडे ने नवाथे मल्टीप्लेक्स के निर्माण हेतु प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटन्सी की नियुक्ति के लिए निविदा प्रक्रिया को आगे बढाये जाने को मंजूरी दी.
मनपा के विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सभागार में मंगलवार 10 अगस्त की सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजीत विशेष सर्वसाधारण सभा में पीठासीन सभापति के तौर पर महापौर चेतन गावंडे सहित उपमहापौर कुसुम साहू व मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे मंचासीन थे. वहीं सदन में सभागृह के नेता तुषार भारतीय, नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत तथा स्थायी समिती सभापति सचिन रासने सहित सभी गुटनेता व कुछ चुनिंदा पार्षद उपस्थित थे. साथ ही अन्य कई पार्षदों ने इस आमसभा में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हिस्सा लिया. इस आमसभा के प्रारंभ में जैसे ही नवाथे मल्टीप्लेक्स के निर्माण हेतु प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटंसी के लिए एजेन्सी नियुक्त करने हेतु नये सिरे से शुरू की गई निविदा प्रक्रिया को आगे बढाये जाने का मामला सदन के पटल पर चर्चा हेतु लिया गया. वैसे ही विपक्षी पार्षदों ने इस पर आपत्ति उठाते हुए कहा कि, चूंकि यह विशेष सभा मनपा की आय को बढाने के संदर्भ में बुलायी गई है. अत: सबसे पहले मनपा के व्यावसायिक संकुलों के करार व किराया नूतनीकरण पर चर्चा की जानी चाहिए. साथ ही विभिन्न कंपनियों द्वारा अमरावती मनपा के कार्यक्षेत्र में ऑप्टीकल फाईबर केबल डालने हेतु की जा रही खुदाई की दरें तय की जानी चाहिए, ताकि तुरंत प्रभाव से मनपा की आय में इजाफा हो सके. विपक्षी पार्षदों का यह भी कहना रहा कि, चूंकि इस समय नवाथे मल्टीप्लेक्स का मामला सर्वोच्च अदालत के समक्ष विचाराधीन है. अत: फिलहाल इस पर चर्चा नहीं की जा सकती. जिस पर सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि, नवाथे मल्टीप्लेक्स का मामला विगत तीन आमसभाओं से लगातार स्थगित किया जा रहा है और विपक्ष द्वारा हर बार इसमें कोई न कोई अडंगा डाला जा रहा है. ऐसे में चूंकि इस आमसभा की विषय सूची में नवाथे मल्टीप्लेक्स का मसला सबसे पहले स्थान पर रखा गया है. अत: सबसे पहले इसी विषय को लेकर चर्चा होगी. विपक्षी पार्षदों द्वारा उठाई गई आपत्ति के बीच सत्तापक्ष की ओर से यह सफाई भी दी गई कि, आज नवाथे मल्टीप्लेक्स के निर्माण को मंजूरी नहीं दी जा रही, बल्कि केवल इतना तय किया जा रहा है कि, इस महत्वाकांक्षी प्रकल्प को कैसे व किस तरह बनाया जाये, यह तय करने हेतु प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटंसी की नियुक्ति हेतु नई निविदा प्रक्रिया को आगे बढाने को मंजुरी दी जा रही है. लेकिन विपक्षी पार्षदों का कहना रहा कि, पहले मनपा की आय बढाने से संबंधित अन्य दो मामलों को लेकर चर्चा की जानी चाहिए. साथ ही नवाथे मल्टीप्लेक्स के मामले को प्रत्यक्ष आमसभा में मतदान कराते हुए बहुमत के आधार पर तय किया जाना चाहिए. इन्हीं तमाम हंगामे के बीच पीठासीन सभापति व महापौर चेतन गावंडे ने इस विषय को पारित करते हुए नवाथे मल्टीप्लेक्स हेतु पीएमसी की नियुक्ति हेतु निविदा प्रक्रिया को आगे बढाने को मंजुरी दे दी. इसके साथ ही सदन में अचानक शोर-शराबा और होहल्ला मच गया. जिसके बीच सभा समाप्ति की घोषणा करने के साथ ही राष्ट्रगान बजा दिया गया.
किंतु बीच में ही अचानक सभा समाप्त कर दिये जाने को विपक्ष ने सत्तापक्ष की मनमानी करार देते हुए कहा कि, नवाथे मल्टीप्लेक्स को लेकर आज की विशेष सभा में दी गई मंजूरी पूरी तरह से नियमबाह्य है और इस विषय को आगामी 17 अगस्त को होनेवाली मासिक आमसभा में एक बार फिर उठाया जायेगा. साथ ही प्रशासन पर भी यह दबाव बनाया जायेगा कि, सर्वसाधारण सभा के फैसले को कतई स्वीकार न किया जाये, क्योंकि यह सत्ता पक्ष द्वारा एकतरफा लिया गया फैसला है और इसमें सत्ता पक्ष के इक्का-दुक्का पार्षदों को छोडकर अन्य किसी की भी सहमति शामिल नहीं है.
इस विशेष सर्वसाधारण सभा में स्थायी समिती सभापति सचिन रासने, मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय, नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले व मिलींद चिमोटे, गुट नेता चेतन पवार, प्रकाश बनसोड व अब्दूल नाजीम, पार्षद प्रा. प्रशांत वानखडे, सुनील काले, अजय गोंडाणे, पद्मजा कौंडण्य, अनिता राज, प्रणित सोनी, इमरान खान आदि उपस्थित थे.

  • मनमाने ढंग से काम कर रहा सत्ता पक्ष

विशेष सर्वसाधारण सभा के तुरंत बाद मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने अपने कक्ष में पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए सत्ता पक्ष पर मनमाने ढंग से काम करने का आरोप लगाया. शेखावत ने कहा कि, इस समय मनपा की आर्थिक स्थिति पहले ही काफी डावाडोल है. ऐसे में सबसे पहले मनपा की आय बढाने से संबंधित मसलों पर चर्चा की जानी चाहिए. किंतु सत्ता पक्ष द्वारा इसकी अनदेखी करते हुए केवल अपने आर्थिक हितों के लिए नवाथे मल्टीप्लेक्स से संबंधित कामों को जल्द से जल्द मंजुरी देने की जल्दबाजी में जुटा हुआ है. शेखावत के मुताबिक वर्ष 2007 में नवाथे परिसर की प्रस्तावित जगह का सरकारी मूल्य 10 करोड रूपये से अधिक था और आज उस जगह का बाजार मूल्य 100 करोड के आसपास है और यहां पर बनाये जानेवाले मल्टीप्लेक्स के साथ इस जगह की कीमत 300 करोड के आसपास पहुंच जायेगी. लेकिन मौजूदा सत्तापक्ष द्वारा इसे केवल साढे 7 करोड का प्रोजेक्ट बताया जा रहा है, यानी प्रोजेक्ट के लिए मनपा की जमीन मिट्टीमोल दाम में दी जा रही है. इससे मनपा को अच्छाखासा नुकसान हो सकता है. वहीं सत्ता पक्ष के पदाधिकारी शायद इससे काफी फायदे में रहेंगे. ऐसे में बेहद जरूरी है कि इस विषय को लेकर आमसभा में सभी सदस्यों की उपस्थिति के बीच चर्चा करायी जाये और सर्वसम्मति के बाद ही इस विषय को मंजुरी दी जाये.

  •  विपक्ष जानबूझकर अडंगे डाल रहा

वहीं इस विषय को लेकर मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय ने कहा कि, नवाथे मल्टीप्लेक्स का मामला इससे पहले लगातार तीन बार मनपा आमसभा में रखा जा चुका है, किंतु विपक्ष हर बार इस पर होनेवाली चर्चा में अडंगा डालता रहा है. जब पहली बार यह विषय चर्चा हेतु रखा गया, तब कहा गया कि, फिलहाल सदस्यों के पास इस विषय को लेकर कोई जानकारी नहीं है. जिसकी वजह से एक-एक करते हुए लगातार तीन बार यह विषय स्थगित किया गया. पश्चात इसी विषय को पहली प्राथमिकता देते हुए आज विशेष सर्वसाधारण सभा बुलाई गई, तो विपक्ष ने मामला अदालत में विचाराधीन होने की वजह को सामने किया, जबकि हाईकोर्ट द्वारा टेंडर प्रक्रिया शुरू करने को अनुमति दी जा चुकी है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर कोई स्थगनादेश नहीं दिया गया है. साथ ही तुषार भारतीय ने यह भी कहा कि, विपक्ष कुछ इस तरह से हंगामा मचा रहा है, मानो कल से ही नवाथे मल्टीप्लेक्स का निर्माण शुरू होने जा रहा है, जबकि फिलहाल केवल पीएमसी तय करने की बात चल रही है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, वर्ष 2004 में खुद कांग्रेस की सत्ता रहते समय यह तय हुआ था कि, नवाथे परिसर में बीओटी तत्व पर मल्टीप्लेक्स का निर्माण किया जायेगा. किंतु बाद में यह विषय प्रलंबित और उपेक्षित पडा रहा. लेकिन अब जब भाजपा द्वारा इस विषय को आगे बढाया जा रहा है, तो अपने चुनावी नफा-नुकसान को देखते हुए कांग्रेस द्वारा इसकी राह में रोडे अटकाये जा रहे है.

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