मालुसरे व सोनोने हुए फरार
गिरफ्तार राठोड, सोनटक्के, किल्लेकर व फुटाणे से हो रही पूछताछ
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पुलिस निकालेगी गिरफ्तारी वारंट
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मामला रेमडेसिविर की कालाबाजारी का
अमरावती/प्रतिनिधि दि. – रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाला गिरोह क्राईम ब्रांच पुलिस ने पकडा था. पुलिस ने उस समय पीसीआर न मांगने से उन्हें जमानत मिली थी, लेकिन इसपर आरोप प्रत्यारोप हो जाने के बाद पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह ने मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी. आर्थिक अपराध शाखा के पीआई शिवाजी बचाटे ने आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए लगातार तीन दिन न्यायालयीन लडाई लडी और कल इस मामलों में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. मामले का मुख्य सूत्रधार तिवसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ.पवन मालुसरे व सुपर कोविड अस्पताल की परिचारिका पूूनम सोनोने मात्र फरार बताई जा रही है. पुलिस इन दोनों को हिरासत में लेने, उनका गिरफ्तारी वारंट निकालेगी, ऐसा बताया जाता है. बहरहाल इस मामले में गिरफ्तार डॉ.अक्षय मधुकर राठोड (24), शुभम प्रमोद सोनटक्के (24), शुभम शंकरराव किल्लेकर (24) व विनित फुटाणे को पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर हिरासत में लिया है. वहीं एक अन्य आरोपी अनिल गजानन पिंजरकर (38, सूर्योदय कॉलोनी) यह कोरोना पॉजिटीव पाये जाने से उसपर मात्र पुलिस ने और न्यायालय ने कोई विचार नहीं किया. पुलिस हिरासत में लिये गए चार आरोपियों से पुलिस कडी पूछताछ कर रही है. उन्होंने अब तक कितने रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे, वह किसे बेचे, उन्हें यह इंजेक्शन सप्लाई करने में और कौन इस गिरोह में शामिल है, इन सभी बातों का पुलिस पता लगा रही है.
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5 दिनों तक न्यायालयीन लडाई लढनी पडी
रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले में शुरुआत में क्राईम ब्रांच ने सभी आरोपियों को हिरासत में लिया था. उसमें अनिल पिंजरकर कोरोना पॉजिटीव पाये जाने से उसे छोडकर शेष आरोपियों का पीसीआर लेना जरुरी था, लेकिन ऐसा न करते हुए पुलिस ने आरोपियों का एमसीआर मांगा. इस बात पर काफी विवाद होने के बाद आखिर मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई. आर्थिक अपराध शाखा आरोपियों को फिर से हिरासत में लेने न्यायीक लडाई शुरु की. सर्वप्रथम सभी आरोपियों की अंतरिम जमानत की अर्जी रद्द करवाई. उसके बाद आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए न्यायालय से आदेश निकालने पडे. यह आदेश प्राप्त करने के बाद आरोपियों को फिर से हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश कर उनका पीसीआर मांगा गया, लेकिन न्यायालय ने उनका पीसीआर देने से इन्कार किया और उन्हें एमसीआर में भेज दिया. जेएमएफसी कोर्ट के इस निर्णय को सेशन कोर्ट में चुनौती देकर आरोपियों को प्रोड्युस वारंट निकाला गया. बाद में उन्हें कल सेशन कोर्ट में पेश कर उनका दो दिन का पीसीआर आखिर आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने प्राप्त किया. इस तरह लगभग 7 दिन की न्यायीक लडाई आर्थिक अपराध शाखा को इस मामले में लढनी पडी, यह विशेष.