अमरावतीमुख्य समाचार

बेहद सादे व सामान्य ढंग से मनी रामनवमी

  •  मंदिरों के गर्भगृहों में विधि-विधान से हुआ पूजन

  • आम श्रध्दालुओं के लिए मंदिरों के द्वार रहे बंद

  •  भाविकों ने बाहर से ही हाथ जोडकर की प्रार्थना

अमरावती/प्रतिनिधि दि.21 – प्रतिवर्ष श्रीराम नवमी के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल सहित श्रीराम नवमी शोभायात्रा समिती द्वारा शहर सहित जिले में भव्य-दिव्य शोभायात्रा निकालने के साथ ही विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. साथ ही शहर के सभी राम मंदिरों सहित अन्य सभी मंदिरोें में भी राम जन्मोत्सव की धुम रहती है. किंतु गत वर्ष की तरह इस समय भी कोविड संक्रमण का खतरा बरकरार रहने की वजह से रामनवमी को बेहद सादे व सामान्य ढंग से मनाया गया. गत वर्ष की तरह इस बार भी शहर के सभी मंदिरों के गर्भगृह में बडे विधि-विधान के साथ प्रभू श्रीराम के बालरूप का पूजन किया गया और भगवान के विग्रह को नैवेद्य का भोग चढाकर आरती व पूजन किया गया. वहीं इस दौरान सभी मंदिरों के मुख्य प्रवेश द्वार आम श्रध्दालुओं के लिए बंद रखे गये थे और कई भाविक भक्तों ने मंदिरों के बंद कपाट के सामने खडे रहकर हाथ जोडते हुए अपने मन-मंदिर में बसे प्रभू श्रीराम के दर्शन किये और उनकी आराधना की.
बता दें कि, रामनवमी के अवसर पर प्रतिवर्ष भक्तिधाम मंदिर, कालाराम मंदिर, अंबापेठ राम मंदिर, अंबागेट परिसर के राम मंदिर, अंबादेवी परिसर स्थित राम मंदिर, कठोरा नाका परिसर स्थित राम मंदिर तथा सतीधाम मंदिर सहित सभी मंदिरों में स्थित राम दरबार में आकर्षक साज-सज्जा व रोशनाई की जाती है और एक से बढकर एक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और शहर में रामनवमी पर भव्य-दिव्य शोभायात्रा निकाली जाती है. किंतु विगत दो वर्षों से रामनवमी पर यह दृश्य दिखाई नहीं दे रहा, क्योंकि कोविड संक्रमण की खतरे को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा सभी तरह के धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया गया है और धार्मिक स्थलों को बंद रखने के संदर्भ में आदेश जारी किया गया है. ऐसे में इस समय सभी मंदिरों के प्रवेश द्वार आम श्रध्दालुओं के लिए बंद है. हालांकि गर्भगृह में त्रिसूत्री के नियमों का पालन करते हुए पूजारियों द्वारा हमेशा की तरह पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जा रही है. किंतु संचारबंदी व लॉकडाउन की वजह से सभी तरह के पर्व व उत्सव पर सन्नाटे का साया मंडरा रहा है.

Related Articles

Back to top button