मनोज जरांगे अब भी अनशन स्थल पर डटे हुए
आरक्षण मिलने तक आंदोलन से पीछ नहीं हटने की बात कही
* अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती होने से किया इंकार
जालना दि.15– विगत 29 अगस्त से मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अंतरवाली सराटी गांव मेें आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने यद्यपति गत रोज 17 दिनों के पश्चात अपना आमरण अनशन खत्म किया. लेकिन इसके बावजूद वे अब भी अनशन स्थल पर ही डटे हुए है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि, जब तक मराठा आरक्षण का मसला हल नहीं हो जाता वे तब तक अपने आंदोलन को पीछे नहीं लेंगे तथा अनशन स्थल से नहीं हटेंगे.
बता दें कि, गत रोज खुद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव पहुंचकर मनोज जरांगे पाटिल का अनशन खत्म करवाया था और उन्हें अपने हाथो से संतरे का जूस पिलाया था. उस समय सीएम शिंदे ने मनोज जरांगे पाटिल के साथ मराठा आरक्षण के मामले को लेकर सकारात्मक बातचीत करते हुए उन्हें उनके गिरते हुए स्वास्थ्य का अवाला देकर कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती रहकर अपना इलाज करवाने का आग्रह किया था. जिसे स्वीकार करते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने कहा था कि, वे 4 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहकर अपना इलाज करवाने हेतु तैयार है. जिसके बाद वे एक बार फिर अनशन स्थल पर लौट आएंगे और मराठा आरक्षण मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. परंतु सीएम शिंदे के वापिस लौट जाने के बाद मनोज जरांगे पाटिल ने अपना फैसला बदलते हुए कहा कि, वे अस्पताल में भर्ती नहीं होने जा रहे, बल्कि अनशन खत्म करने के बावजूद भी अनशन स्थल पर ही डटे रहेंगे और मराठा आरक्षण मिलने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे. मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि, मराठा आरक्षण की मांग पर सरकार में हमसे 30 दिन का समय मांगा था, इसकी एवज में हमने सरकार को 40 दिन का समय दिया है. ऐसे में अब सरकार को यह देखना चाहिए कि, इस अवधि के भीतर मराठा समाज को आरक्षण देने हेतु किस तरह से निर्णय लिया जा सकता है.