अनशन खत्म करने के लिए तैयार हैं मनोज जरांगे पाटिल
सरकार के समक्ष रखी 5 महत्वपूर्ण शर्ते, समाजबंधुओं से साधा संवाद
* तय समय में शर्तें स्वीकार होने पर ही अनशन खत्म करने की बात कही
जालना /दि.12– मराठा आरक्षण की मांग को लेकर विगत 15 दिनों से आमरण अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने आज दोपहर बाद अंतरवाली सराटी गांव स्थित अनशन स्थल पर मराठा समाजबंधुओं से संवाद साधते हुए संकेत दिया कि, वे अपना अनशन खत्म करने के लिए तैयार है. साथ ही उन्होंने कहा कि, उन पर अनशन खत्म करने के लिए लगातार चारो ओर से दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे में यदि सरकार द्बारा उनकी 5 शर्तों को तय समय के भीतर बिना शर्त स्वीकार कर लिया जाता है, तो वे अपने अनशन को खत्म कर सकते है.
मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार के समक्ष शर्त रखते हुए कहा कि, चाहे सरकारी समिति की रिपोर्ट जो भी हो, लेकिन सरकार को मराठा समाज के लिए आरक्षण देना ही होगा. मराठा आंदोलकों पर महाराष्ट्र में जितने भी मामले दर्ज है, उन सभी मामलों को वापिस लेना होगा. मराठा आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को तत्काल निलंबित करना होगा तथा अनशन खत्म करवाने हेतु राज्य के मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री व पूरे मंत्रिमंडल सहित छत्रपति संभाजी राजे व उदयनराजे को उपस्थित रहना होगा और सरकार द्बारा इन सभी शर्तों को लिखित तौर पर स्वीकार करना होगा. इसके अलावा यदि सरकार को मराठा आरक्षण के लिए कुणबी प्रमाणपत्र देने हेतु समय की आवश्यकता है, तो हम राज्य सरकार को एक माह का समय देने हेतु तैयार है. परंतु एक माह पूरा होते ही सरकार ने 31 वे दिन से राज्य के सभी मराठाओं को कुणबी प्रमाणपत्र देने की शुरुआत करने की तैयारी दर्शानी चाहिए.
इन सब के साथ ही मनोज जरांगे पाटिल ने यह भी कहा कि, विगत 40 वर्षों से मराठा समाज आरक्षण हासिल करने हेतु मेहनत कर रहा है. उन्हें इसके तकनीकी व कानूनी पहलूओं का कोई विशेष ज्ञान नहीं है और वे किसी भी बात को लेकर किसी भी समाज के साथ कोई गलत फहमी नहीं चाहते है. उन्होंने अब तक तीन आदेशों को नकारा है. क्योंकि वे चाहते है कि, मराठाओं को स्थायी तौर पर आरक्षण मिले, इसके लिए अपना अनशन खत्म होने के बाद भी वे अनशन स्थल पर ही बैठे रहेंगे और मराठा आरक्षण की मांग को लेकर उनका आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही अंतरवाली सराटी गांव में आगामी 12 अक्तूबर को मराठा समाज का काफी बडा सम्मेलन होगा.