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मनोज जरांगे की सबसे बगने मांगी

विधायक राणा अपनी बात पर कायम

रक्त संबंधियों को भी मिलेगा कुणबी प्रमाणपत्र
* अब खत्म हो सकता है राज्य में मराठा आंदोलन
* जरांगे के अगले कदम पर टिकी सभी की निगाहे
मुंबई दि.16– मराठा आरक्षण की मांग को लेकर शुरु किया गया आंदोलन अब खत्म होने के आसार दिखाई दे रहे है, क्योंकि सीएम एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे की सबसे महत्वपूर्ण मांग को भी पूरा कर लिया है. जिसमें मनोज जरांगे ने कुणबी जाति से संबंधित अभिलेख प्राप्त हो जाने वाले मराठाओं के सगे संबंधियों को भी कुणबी जाति प्रमाणपत्र दिये जाने की मांग उठाई थी. सरकार द्वारा इस मांग को मान्य किये जाते ही मनोज जरांगे पाटिल द्वारा की जाने वाली सभी मांगे शत-प्रतिशत पूर्ण हो गई है, ऐसा दावा सरकार की ओर से किया गया है. जिसके चलते अब सभी की निगाहे इस ओर लग गई है कि, अब मनोज जरांगे द्वारा इस मामले को लेकर कौनसा अगला कदम उठाया जाता है.
उल्लेखनीय है कि, 29 अगस्त 2023 से जालना के अंतरवाली सराटी गांव में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरु करने वाले मनोज जरांगे अपनी इसी मांग को लेकर अब तक दो बार अनशन कर चुके है. साथ ही उनके आवाहन पर समूचे राज्य में जगह-जगह पर मराठा समाज बंधुओं द्वारा उग्र प्रदर्शन भी किये जा चुके है. जिसके बाद मनोज जरांगे पाटिल ने 26 जनवरी से मुंबई में अपना तीसरा अनशन शुरु करने की घोषणा कर रखी है. जिसके लिए उन्होंने 20 जनवरी को मराठा समाज बंधुओं के साथ मुंबई रवाना होने की बात कही थी. लेकिन इससे पहले ही राज्य सरकार द्वारा मनोज जरांगे पाटिल द्वारा की गई सबसे महत्वपूर्ण मांग को मान्य कर लिया है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, सरकार की ओर किये गये इस दावे पर मनोज जरांगे द्वारा क्या प्रतिक्रिया दी जाती है.

* अब हल हो गया मराठा आरक्षण का मुद्दा
– विधायक बच्चू कडू ने किया दावा, जरांगे को ड्राफ्ट देने की बात कही
वहीं मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे और राज्य सरकार के बीच संवाद सेतू की भूमिका निभाने वाले अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बच्चू कडू ने भी दावा किया कि, मराठा आरक्षण की मांग को लेकर तमाम बाधाओं को दूर कर दिया गया है और सरकार ने मराठा आंदोलक मनोज जरांगे द्वारा रक्त संबंधियों को भी कुणबी प्रमाणपत्र दिये जाने को लेकर उठाई गई मांग को भी स्वीकार कर लिया है. इसे लेकर खुद उनकी गत रोज सीएम शिंदे के साथ 4 घंटे तक चर्चा हुई और अब वे मराठा आरक्षण का ड्राफ्ट लेकर विभागीय आयुक्त के पास जा रहे है. जहां से वे यह ड्राफ्ट मनोज जरांगे को भी देंगे और फिर उनसे अपना आंदोलन पीछे लेने व खत्म करने का निवेदन करेंगे.

* सरकार कर रही मुझे घेरने का प्रयास
– मराठा आंदोलक मनोज जरांगे ने जताया संदेह
उधर मराठा आंदोलक मनोज जरांगे ने सरकार पर पर्दे के पीछे कुछ हलचले शुरु रखने का संदेह जताते हुए आशंका जतायी कि, उन्हें शब्दों के भ्रमजाल में फंसाकर घेरे जाने की पूरी संभावना है और उनके मोर्चे में किसी अवांच्छित तत्व को घुसाकर कोई अप्रिय स्थिति पैदा करने का नियोजन भी कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है, ऐसी उन तक जानकारी पहुंची है. जिसके चलते वे पूरी तरह से सावधान व सतर्क है तथा उन्होंने अपने स्वयंसेवकों को भी सतर्क रहने के लिए कहा है. मनोज जरांगे के मुताबिक बीती रात राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों की एक बैठक होने की जानकारी उन तक पहुंची है. साथ ही पता चला है कि, उस बैठक में कुछ लोग मराठा आरक्षण का विरोध कर रहे थे. विरोध करने वाले मंत्रियों की जानकारी हासिल की जा रही है और उनके नाम जल्द ही मराठा समाज के समक्ष उजागर भी कर दिये जाएंगे. यह प्रतिपादन करने के साथ ही मनोज जरांगे ने यह भी कहा कि, मराठा समाज के आंदोलन की आड लेकर कुछ लोगों ने अपनी राजनीतिक दुकानदारी चलाने का काम शुरु किया था. लेकिन उनके (मनोज जरांगे) द्वारा अपनाई गई भूमिका के चलते ऐसे लोगों की दुकानदारी खतरे में पडने के साथ ही बंद भी हो गई. जिसकी वजह से अब ऐसे लोगों द्वारा उन्हें किसी ना किसी तरह से घेरने का प्रयास किया जा रहा है.

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